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केंद्र सरकार ने प्रमुख उर्वरकों पर 22,303 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी

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केंद्रीय कैबिनेट ने रबी सीजन के लिए फॉस्‍फेटयुक्‍त और पोटाशयुक्‍त उर्वरकों के लिए 22,303 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दुनिया में डीएपी की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन हमारी सरकार पहले की तरह ही किसानों को 1,350 रुपये प्रति बोरी की दर से डीएपी देना जारी रखेगी।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों के हित में निर्णय लिया है। किसान हितैषी सरकार ने फैसला किया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती हुई खादों की कीमतों का प्रभाव हम भारत के किसानों पर नहीं पड़ने देंगे।

 

रबी सीजन के लिए यह है कीमतें

अनुराग ठाकुर ने बताया कि आगामी रबी सीजन में नाइट्रोजन के लिए 47.2 रुपए प्रति किलो, फॉस्फोरस के लिए 20.42 रुपए प्रति किलो, पोटाश के लिए 2.38 रुपए प्रति किलो और सल्फर के लिए 1.89 रुपए प्रति किलो सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके लिए कुल 22 हजार 303 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।

उन्होंने कहा कि डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पुरानी दर के अनुसार 1350 रुपये प्रति बोरी ही मिलेगी। इसके अलावा नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) 1470 रुपये प्रति बोरी की कीमत पर मिलेगी।

 

परिवर्तन के पीछे तर्क

  • उर्वरकों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें थोड़ी कम हुई हैं लेकिन ऊंची बनी हुई हैं।
  • सरकार इन उतार-चढ़ाव के बावजूद दरों को स्थिर बनाए रखने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है।

 

सरकार का आश्वासन

  • सरकार किसानों को रियायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की निरंतर उपलब्धता का आश्वासन देती है।
  • निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को विभिन्न ग्रेड के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे।

 

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FAQs

खाद और उर्वरक में क्या अंतर है?

खाद के उपयोग से मिट्टी की संरचना तथा जल धारण करने की क्षमता में सुधार करके उसे उपजाऊ बनाया जाता है, इसके विपरीत उर्वरक के द्वारा पौधों को पोषक तत्व प्रदान कर उनकी ग्रोथ तथा उत्पादन क्षमता में वृद्धि की जाती है, इनका मिट्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।