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भारतीय हॉकी के 100 साल: आज से शुरू होगा भव्य शताब्दी समारोह

भारत अपने खेल इतिहास के एक ऐतिहासिक पड़ाव का जश्न मनाने जा रहा है — भारतीय हॉकी की शताब्दी वर्षगांठ का शुभारंभ 7 नवंबर 2025 को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में होगा। यह वही तारीख है जब 7 नवंबर 1925 को इंडियन हॉकी फेडरेशन (IHF) — देश की पहली हॉकी शासी संस्था — की स्थापना हुई थी। यह आयोजन हॉकी इंडिया (HI) और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। यह उत्सव उस खेल को समर्पित है जिसने भारत की पहचान गढ़ी, पीढ़ियों को प्रेरित किया और देश को 13 ओलंपिक पदक (8 स्वर्ण सहित) दिलाए।

शुभारंभ समारोह और प्रमुख हस्तियाँ

उद्घाटन समारोह में देश के नामचीन हॉकी दिग्गज और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे —

  • दिलीप तिर्की – हॉकी इंडिया अध्यक्ष व पूर्व भारतीय कप्तान

  • जफर इकबाल, जगबीर सिंह, अशोक कुमार – ओलंपियन और वरिष्ठ खिलाड़ी

  • डॉ. मनसुख मांडविया – केंद्रीय खेल मंत्री, जिन्होंने इस पहल की आधिकारिक घोषणा की

दिलीप तिर्की ने कहा —

“भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होना हमारे लिए गर्व और भावनाओं का क्षण है। यह उत्सव हमारे गौरवशाली अतीत का सम्मान करता है और नई पीढ़ी को इस विरासत को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है।”

राष्ट्रीय स्तर पर उत्सव योजना

  • शताब्दी समारोह के अंतर्गत 500 जिलों में एकसाथ 1,000 से अधिक हॉकी मैच आयोजित किए जाएंगे, जिनमें 36,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे।
  • प्रत्येक जिले में एक पुरुष और एक महिला मैच आयोजित होगा — खेल में लैंगिक समानता और समावेशन का प्रतीक।

अन्य प्रमुख पहलें —

  • स्मारक ग्रंथ “100 Years of Indian Hockey” – भारतीय हॉकी की यात्रा और ऐतिहासिक क्षणों का दस्तावेज़।

  • फोटो प्रदर्शनी (ध्यानचंद स्टेडियम) – 1928 एम्स्टर्डम से लेकर टोक्यो 2020 तक के ओलंपिक पलों का संग्रह।

  • ट्रॉफी यात्रा (Trophy Tour)FIH जूनियर पुरुष हॉकी विश्वकप 2025 की ट्रॉफी पूरे देश में प्रदर्शित की जाएगी।
    यह टूर्नामेंट पहली बार तमिलनाडु (28 नव.–11 दिस.) में आयोजित होगा, जिसमें 24 टीमें भाग लेंगी।

भारतीय हॉकी – स्वर्ण अक्षरों में अंकित विरासत

भारत की विश्व हॉकी पर प्रभुत्व की मिसाल बेजोड़ है —

  • पहला ओलंपिक स्वर्ण: 1928 (एम्स्टर्डम)

  • कुल ओलंपिक स्वर्ण: 8

  • अंतिम ओलंपिक पदक: कांस्य (टोक्यो 2020)

  • अंतिम विश्वकप विजय: 1975 (कुआलालंपुर)

  • प्रमुख खिलाड़ी: मेजर ध्यानचंद, बलबीर सिंह सीनियर, धनराज पिल्लै, सरदार सिंह

भारत में दर्ज पहला प्रतिस्पर्धी हॉकी मैच 1905 में बंगाल में खेला गया था, जिसने आने वाले स्वर्ण युग की नींव रखी।

सरकारी समर्थन और जमीनी स्तर पर प्रोत्साहन

भारत में हॉकी को “प्राथमिक खेल” का दर्जा प्राप्त है, जिसे कई राष्ट्रीय योजनाओं से सशक्त बनाया गया है —

  • TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम)

  • TAGG (टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप)

  • ASMITA हॉकी लीग – जूनियर और सब-जूनियर लड़कियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना

खेल मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण, विदेशी दौरों और उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए नकद प्रोत्साहन की भी व्यवस्था की गई है। इस सक्रिय सरकारी सहयोग से भारत की पुरुष और महिला हॉकी दोनों टीमों ने विश्व स्तर पर नई पहचान बनाई है।

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