केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14,903 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दे दी। इस पहल का मकसद कौशल, साइबर सुरक्षा, उच्च क्षमता की गणना में डिजिटल पहल को बढ़ावा देने के साथ लोगों के लिए प्रौद्योगिकी को सुगम बनाना है। विस्तार की अवधि पांच साल की होगी जिसे वित्त वर्ष 2021-22 से माना जाएगा और वित्त वर्ष 2025-26 तक यह विस्तार कार्यक्रम चलेगा।
मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत पूर्व में किये गये कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। बजट परिव्यय वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए मंजूर किया गया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पहली बार केंद्र द्वारा 2015 में शुरू किया गया था और अब इसके दायरे में, सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाएगा।
डिजिटल इंडिया के विस्तार कार्यक्रम के तहत सभी प्रकार के अनुवाद में सक्षम भाषिणी टूल की शुरुआत की जाएगी जिसकी मदद से संविधान में दिए गए सभी 22 भाषाओं में अनुवाद की सुविधा मिलेगी। छोटे शहरों के स्टार्टअप्स को भी विस्तार कार्यक्रम के तहत मदद दी जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि विस्तार कार्यक्रम के तहत 6.25 लाख आईटी प्रोफेशनल्स को भविष्य के आईटी प्रोग्रामिंग को ध्यान में रखते हुए उनके कौशल का विकास किया जाएगा।
स्वास्थ्य, शिक्षा व टिकाऊ शहर के माडल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से संबंधित तीन सेंटर ऑफ एक्सलेंस खोले जाएंगे। नेशनल नालेज नेटवर्क का आधुनिकीकरण किया जाएगा जिससे 1787 शैक्षणिक संस्थान जुड़े हुए हैं। डिजिटल इंडिया के विस्तार कार्यक्रम से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) में नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। एनसीएम के तहत 18 सुपर कंप्यूटर पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं।सरकार ने मार्च, 2015 में एनसीएम के अंतर्गत 4,500 करोड़ रुपये के परिव्यय से वर्ष 2022 तक 70 सुपरकंप्यूटर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
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