भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी वाणिज्यिक शाखा के जरिये वैश्विक ग्राहकों के लिए उपग्रहों को प्रक्षेपित करके 27.90 करोड़ डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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इसरो ने अपने धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी) से 34 देशों के 345 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक लांच किया है। विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के माध्यम से अर्जित कुल विदेशी राजस्व करीब 56 मिलियन अमेरिकी डालर (एक मिलियन =10 लाख) और 220 मिलियन यूरो है।
मुख्य बिंदु
- नवीनतम पीएसएलवी मिशन 30 जून को था जब इसरो ने सिंगापुर के तीन उपग्रहों डीएस-ईओ, न्यूएसएआर और एसजीओओबी-1 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया।
- इसरो द्वारा PSLV-C53 मिशन ने सिंगापुर के तीन ग्राहक उपग्रहों जैसे DS-EO, NeuSAR और SCOOB-1 को सफलतापूर्वक लांच किया।
- पीएसएलवी-सी53 न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन था, जो अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
- इसरो ने 15 फरवरी, 2017 को एक साथ 104 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे थे। इनमें 104 उपग्रहों में अमेरिका के 96 उपग्रह शामिल थे। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया था।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- इसरो अध्यक्ष: डॉ के सिवान
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री: डॉ जितेंद्र सिंह
- इसरो की स्थापना तिथि: 15 अगस्त, 1969
- इसरो के संस्थापक: डॉ विक्रम साराभाई