हिमाचल प्रदेश में मानसून सत्र के पहले दिन वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। वस्तु सेवा कर (जीएसटी) विधेयक का समर्थन करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का चौथा राज्य बन गया है।
जी.एस.टी. के लागू होने से हिमाचल प्रदेश को सालाना करीब 500 करोड़ रुपए का लाभ होने की आसार हैं। केंद्र सरकार ने भी नुकसान होने की स्थिति में 5 साल तक भरपाई का आश्वासन दिया है।
जी.एस.टी. से अब टैक्स चोरी रुकने की संभावना है। साथ ही कई वस्तुओं पर लगने वाले दोहरे टैक्स से भी राहत मिलेगी। इस कारण कई चीजें महंगी हो सकती है, लेकिन इसके लागू होने से कर का दायरा एकल कर प्रणाली में आ जाएगा। इससे जी.एस.टी. से कई चीजें सस्ती हो जाएगी। एक्साइज ड्यूटी, वैट व सर्विस टैक्स जैसे करों का इससे आपस में विलय हो जाएगा। हिमाचल को उपभोक्ता राज्य होने के कारण जीएसटी से लाभ है।