Home   »   बिहार सरकार ने राज्य में जाति...

बिहार सरकार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण शुरू किया

बिहार सरकार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण शुरू किया |_3.1

बिहार सरकार ने 7 जनवरी को राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाति सर्वेक्षण शुरू किया है। बिहार सरकार ने इसी साल दो जून को जातिगत सर्वेक्षण को मंज़ूरी दी थी। इस सर्वेक्षण में 12.7 करोड़ जनसंख्या, 2.58 करोड़ घरों को कवर किया जाएगा जो 31 मई को पूरा होगा। इसे जातिगत जनगणना नहीं कहा गया है लेकिन इसमें जाति संबंधी जानकारी जुटाई जाएगी।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

 

मुख्य बिंदु

 

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ जातियों को सूचीबद्ध किया जाएगा उप-जातियों को नहीं।
  • सर्वेक्षण में प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति का विधिवत उल्लेख किया जाएगा।
  • इससे जाति सर्वेक्षण से वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अपेक्षित उपाय करने में मदद मिलेगी।
  • प्रथम चरण में राज्य के सभी परिवारों की संख्या की गणना एवं अभिलेखन किया जायेगा।
  • 1 से 30 अप्रैल तक होने वाले सर्वेक्षण के दूसरे चरण में घरों में रहने वाले लोगों, उनकी जाति और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के संबंध आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
  • सर्वेक्षण 31 मई 2023 को समाप्त होगा। इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए लगभग पांच लाख लोगों को लगाया गया है।
  • राज्य सरकार इस कवायद के लिए अपने आकस्मिक कोष से 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

 

जाति आधारित जनगणना क्या है?

 

स्वतंत्र भारत में 1951 से 2011 तक प्रत्येक जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के आंकड़े प्रकाशित किए गए हैं, लेकिन अन्य जातियों के आंकड़े प्रकाशित नहीं किए गए हैं। 1931 तक हर जनगणना में जाति के आंकड़े शामिल थे। हालाँकि, 1941 में, जाति-आधारित डेटा एकत्र किया गया था, लेकिन प्रकाशित नहीं किया गया था। इस तरह की जनगणना के अभाव में ओबीसी और अन्य की आबादी का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। मंडल आयोग ने अनुमान लगाया है कि ओबीसी आबादी 52% है।

Find More State In News Here

Assam Grants Industry Status to Its Tourism Sector_70.1

बिहार सरकार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण शुरू किया |_5.1