कान फिल्म फेस्टिवल में 15 मई को भारत पवेलियन का उद्घाटन किया गया। समारोह का नेतृत्व सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और फ्रांस में भारत के राजदूत,जावेद अशरफ ने किया। हर साल कांस फिल्म फेस्टिवल में एफआईसीसीआई और एनएफडीसी द्वारा दुनिया को भारतीय सिनेमा से परिचित कराया जाता है।
यह हमारे समृद्ध सिनेमाई विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का बेहतरीन अवसर होता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की देखरेख में वैश्विक फिल्म बिरादरी के साथ कदमताल करने की भारत निरंतर कोशिश करता रहता है।
भारत को पूरी दुनिया में पहचान
जावेद अशरफ ने कहा कि भारत को पूरी दुनिया में आर्थिक और भू-राजनीतिक रूप में पहचान मिल रही है। अनिश्चितता से भरी दुनिया में इसकी बहुत बड़ी भूमिका है। इनके अलावा रिची मेहता नें कहा कि यह भारतीय सिनेमा के लिए बहुत महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि अगर फिल्म फेस्टिवल का यह समुदाय नहीं होता तो उनका भी कोई करियर नहीं होता। इस उद्घाटन का हिस्सा बनना उनके लिए बहुत सम्मान की बात है। भारत पवेलियन एक ऐसे मंच के तौर पर काम करता है, जो भारतीय फिल्मों के लिए वैश्विक दरवाजों को खोलता है। इससे प्रतिभाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है और कारोबार के लिए भी नए अवसर पनपते हैं। यह बेहतरीन चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों की की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
भारतीय सिनेमा का प्रभाव
भारतीय फिल्मों की विविध रेंज और भारतीय प्रवासियों के बढ़ते प्रभाव को स्वीकार करते हुए, श्री जाजू ने भारतीय सिनेमा की सॉफ्ट पावर और सीमाओं को पार करने की क्षमता पर जोर दिया।
कान्स प्रतियोगिता में भारत की वापसी
कान्स प्रतियोगिता में भारत की भागीदारी का जश्न मनाते हुए, श्री जाजू ने फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया के इंडो-फ़्रेंच सह-उत्पादन “ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट” की सराहना की, जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में महोत्सव की भूमिका का संकेत देता है।
भारत मंडप
भारत मंडप एक गतिशील मंच के रूप में कार्य करता है, जो भारतीय फिल्मों, प्रतिभा और उद्योग के अवसरों के विविध परिदृश्य के लिए प्रवेश द्वार प्रदान करता है और यह 77वें कान फिल्म महोत्सव के दौरान सिलसिलेवार शानदार पैनल चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों की मेजबानी करने के लिए तैयार है।