बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने ढाका में Ekushey Book fair-एकशी पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। इस मेले का आयोजन बंगला अकादमी परिसर में किया जा रहा है। इस पुस्तक मेले का आयोजन हर साल भाषा आंदोलन में सहयोग देने वाले शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है, जिसके तहत बांग्ला को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित किया गया था। इस पुस्तक मेले का उद्देश्य दुनिया भर में बांग्लादेश की कला, संस्कृति और साहित्य का प्रचार-प्रसार करना है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
Ekushey Book fair : पुस्तक मेला बांग्लादेश का सबसे लंबा और सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। कार्यक्रम के दौरान बांग्लादेशी प्रधानमंत्री द्वारा दस प्रतिष्ठित कवियों और लेखकों को बंगला अकादमी के साहित्यिक पुरस्कार 2019 प्रदान किए गए। आयोजन के दौरान पुस्तक ‘Amar Dekha Naya Chin’- The New China as I saw, का भी अनावरण किया गया। ये किताब बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान द्वारा लिखी गई है।
बांग्लादेश का भाषा आंदोलन:
बांग्लादेश के भाषा आंदोलन की शुरुआत 1948 में हुई थी लेकिन यह अपनी चरम सीमा पर तब पहुंचा जब 21 फरवरी, 1952 को उर्दू का विरोध कर रहे आठ लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। यह आंदोलन तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में बंगला को आधिकारिक भाषा स्थापित करने बाद संपन्न हुआ। इसी कारण हर साल 21 फरवरी को बांग्लादेश में भाषा आंदोलन के शहीदों को याद करने के यह दिन मनाया जाता है। इसके अलावा यूनेस्को द्वारा 21 फरवरी 1999 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव भी अपनाया जा चूका हैं। इससे संबंधित प्रस्ताव और इस दिवस को मनाए जाने फैसला अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा बांग्लादेश के भाषा आंदोलन को सम्मानित करने के लिए किया गया था।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- बांग्लादेश की राजधानी: ढाका; मुद्रा: टका



World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्य...
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिह...
संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, को...

