बांग्लादेश (Bangladesh) के प्रसिद्ध लोक गायक, फकीर आलमगीर (Fakir Alamgir) का COVID-19 की जटिलताओं के कारण निधन हो गया है। उनका जन्म 21 फरवरी 1950 को फरीदपुर (Faridpur) में हुआ था, आलमगीर ने अपना संगीत कैरियर 1966 में शुरू किया था। गायक सांस्कृतिक संगठनों ‘क्रांति शिल्पी गोष्ठी (Kranti Shilpi Gosthi)’ और ‘गण शिल्पी गोष्ठी (Gana Shilpi Gosthi)’ के प्रमुख सदस्य थे और उन्होंने बांग्लादेश के 1969 के विद्रोह के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम (Liberation War) के दौरान, आलमगीर ‘स्वाधीन बंगला बेटार केंद्र (Swadhin Bangla Betar Kendra)’ में शामिल हुए और स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित करने के लिए अक्सर प्रदर्शन किया।
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उनके कुछ लोकप्रिय गीतों में “ओ सोखिना गेसॉस किना (O Sokhina Gesos Kina)”, “शांताहार (Shantahar)”, “नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela)”, “नाम तार छिलो जॉन हेनरी (Naam Tar Chhilo John Henry)”, “बांग्लार कॉमरेड बंधु (Banglar Comrade Bondhu)” शामिल हैं। उन्होंने 1976 में सांस्कृतिक संगठन ‘ऋशिज़ शिल्पी गोष्ठी (Wrishiz Shilpi Gosthi)’ की भी स्थापना की, और गोनो संगीत शामन्या परिषद (Gono Sangeet Shamanya Parishad – GSSP) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। आलमगीर को 1999 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान एकुशे पदक (Ekushey Padak) से सम्मानित किया गया था।
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