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असम राइफल्स और आईआईटी मणिपुर ने ड्रोन प्रशिक्षण के लिए किया समझौता

भारत की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए असम राइफल्स ने इंफाल के मण्ट्रिपुखरी स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) मणिपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग सुरक्षा, निगरानी और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए ड्रोन तकनीक को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है, जो रक्षा और अकादमिक संस्थानों के बीच साझेदारी में एक मील का पत्थर साबित होगा।

समझौते का विवरण

यह समझौता मेजर जनरल रवरोप सिंह, आईजी असम राइफल्स (दक्षिण) और IIIT मणिपुर के निदेशक की उपस्थिति में औपचारिक रूप से संपन्न हुआ। दोनों पक्षों ने अकादमिक विशेषज्ञता और रक्षा आवश्यकताओं को जोड़कर अत्याधुनिक तकनीकी समाधान विकसित करने के महत्व पर बल दिया।

MoU के प्रमुख उद्देश्य

  • निगरानी और टोही (Reconnaissance) के लिए उन्नत ड्रोन सिस्टम विकसित करना।

  • असम राइफल्स के जवानों को ड्रोन उड़ान संचालन और रखरखाव का प्रशिक्षण देना।

  • DGCA-प्रमाणित ड्रोन प्रशिक्षण की क्षमता का निर्माण करना।

  • कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में लॉजिस्टिक सपोर्ट को ड्रोन के माध्यम से मजबूत करना।

ड्रोन प्रशिक्षण पहल

इस सहयोग के तहत एडवांस्ड ड्रोन ट्रेनिंग और रिफ्रेशर कोर्स शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल है:

  • ड्रोन उड़ान संचालन – व्यावहारिक पायलटिंग और नेविगेशन कौशल।

  • तकनीकी रखरखाव – ड्रोन प्रणालियों की मरम्मत और देखभाल।

  • प्रमाणीकरण – DGCA मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण, ताकि राष्ट्रीय विमानन नियमों का पालन हो सके।

इसकी उद्घाटन सत्र में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें असम राइफल्स के जवान और IIIT के संकाय सदस्य शामिल थे। यह क्षमता निर्माण और तकनीकी नवाचार के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

रक्षा में ड्रोन का सामरिक महत्व

आधुनिक युद्ध और सुरक्षा अभियानों में ड्रोन फ़ोर्स मल्टीप्लायर बन चुके हैं। इनके उपयोग में शामिल हैं:

  • निगरानी – सीमा क्षेत्रों, उग्रवाद-प्रभावित इलाकों और उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों की मॉनिटरिंग।

  • टोही (Reconnaissance) – वास्तविक समय में खुफिया जानकारी जुटाना।

  • लॉजिस्टिक सपोर्ट – पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों में सामग्री पहुँचाना।

  • आपदा प्रबंधन – बाढ़, भूस्खलन या भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान राहत कार्यों में सहायता।

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