
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने 2 अक्टूबर से 1 लीटर से कम मात्रा वाली पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) से बनी पीने के पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस साल 2 अक्टूबर से राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है।
23 अगस्त 2023 को असम पर्यावरण और वन विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) से बनी वस्तुएं, जिनमें कचरा फैलाने की अधिक क्षमता होती है, साथ ही बायोडिग्रेडेबल नहीं होती हैं, बल्कि ये लंबे समय तक पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का कारण बनती हैं और पर्यावरण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक सिद्ध होती हैं। इसलिए इन्हें इस नोटिफिकेशन के अनुसार बैन किया गया है, और इन्हें बनाने, खरीदने, बेचने, और स्टॉक करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
1000 मिलीलीटर से कम क्षमता वाली प्लास्टिक की पानी की बोतलों पर प्रतिबंध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के दायरे में आता है। अधिसूचना अधिनियम की धारा 23 के तहत पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य में निहित शक्तियों को लागू करती है। अधिसूचना के अनुसार यह प्रतिबंध दो अक्टूबर से प्रभावी होगा।
इस निषेध को लागू करने की जिम्मेदारी शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और असम के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न संस्थाओं के बीच साझा की जाती है। यह सहयोगात्मक प्रयास प्रतिबंध के सफल निष्पादन को सुनिश्चित करने में असम सरकार द्वारा उठाए गए व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें
- असम के पर्यावरण और वन मंत्री: चंद्र मोहन पटवारी



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