आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से सीमा पर चल रहा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच एक बार फिर सीमा संघर्ष छिड़ गया है। भारत समेत कई देश दोनों देशों से संघर्ष विराम का आग्रह भी कर चुके हैं। बता दें इस बीच आर्मेनिया ने जानकारी दी कि अजरबैजान से चल रही लड़ाई में उसके 105 सैनिकों की मौत हो गई। इसके बाद संभावना जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच ये संघर्ष और भी बढ़ सकता है।
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विवाद का कारण
बता दें कि आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाके की विवादित जमीन को लेकर वर्षों से लड़ाई जारी है। 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे को दोनों देश आमने-सामने है। नागोर्नो-कराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन 1994 में जंग के बाद आर्मेनिया द्वारा समर्थित जातीय आर्मेनियाई बलों ने इस पर कब्जा कर लिया था। जानकारी के अनुसार नागोर्नो काराबाख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, लेकिन इस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों ने कब्जा कर रखा है।
गौरतलब है कि प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1918 और 1921 में दोनों देश आर्मेनिया और अजरबैजान आजाद हुए थे।साल 1922 में ये दोनों ही देश सोवियत यूनियन का हिस्सा बन गए थे। तब रूस के नेता जोसेफ स्टालिन ने अजरबैजान के एक हिस्सों को आर्मेनिया को दे दिया था, जो पहले अजरबैजान के कब्जे में था। बता दें तभी से इन दोनों देशों के बीच यह विवाद बना हुआ है।