भारत के कोयला क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2025–26 की शुरुआत मजबूती से की है, जिसमें अप्रैल 2025 में उत्पादन और आपूर्ति दोनों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। कोयला उत्पादन में निरंतर वृद्धि यह दर्शाती है कि ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास में कोयला अब भी रणनीतिक भूमिका निभा रहा है। आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देते हुए यह प्रदर्शन भारत की ऊर्जा प्रणाली और आत्मनिर्भरता लक्ष्यों के लिए अहम है।
क्यों है चर्चा में?
कोयला मंत्रालय द्वारा 1 मई 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में भारत का कोयला उत्पादन 3.63% बढ़कर 81.57 मिलियन टन (एमटी) हो गया है। यह वृद्धि सार्वजनिक और कैप्टिव कोयला खनन संस्थाओं के बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती है।
कोयला उत्पादन प्रदर्शन (अप्रैल 2025):
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कुल उत्पादन: 81.57 एमटी (अनंतिम) – अप्रैल 2024 के 78.71 एमटी की तुलना में 3.63% वृद्धि।
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कैप्टिव/अन्य खदानें: 14.51 एमटी (अप्रैल 2024 में 11.46 एमटी) – 26.6% की वृद्धि।
कोयला आपूर्ति (अप्रैल 2025):
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कुल कोयला डिस्पैच 86.64 एमटी रहा, जो अप्रैल 2024 में 85.11 एमटी था।
कोयला स्टॉक स्थिति (30 अप्रैल 2025 तक):
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कोयला कंपनियों के पास कुल स्टॉक: 125.76 एमटी (पिछले साल 102.41 एमटी से अधिक)।
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कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) का स्टॉक: 105 एमटी, अप्रैल 2024 के 86.60 एमटी की तुलना में 22.10% की वार्षिक वृद्धि।
महत्त्व:
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बिजली उत्पादन और औद्योगिक उपयोग के लिए ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
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कोयले के आयात पर निर्भरता को कम करता है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होती है।
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‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को समर्थन मिलता है।
पृष्ठभूमि:
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भारत कोयला उत्पादन में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
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कोयला अब भी प्रमुख ऊर्जा स्रोत है, जो देश की 70% से अधिक बिजली जरूरतों को पूरा करता है।
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2015 के बाद किए गए सुधारों के तहत कैप्टिव कोयला खदानों को अनुमति दी गई, ताकि बिजली, इस्पात और सीमेंट जैसे प्रमुख उद्योगों के लिए कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
सारांश / स्थैतिक जानकारी | विवरण |
क्यों है चर्चा में? | भारत के कोयला क्षेत्र ने अप्रैल 2025 में वृद्धि दर्ज की |
मंत्रालय | कोयला मंत्रालय |
मंत्री (वर्ष 2025 में) | प्रह्लाद जोशी |
सबसे बड़ा कोयला उत्पादक | कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) |
प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य | झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ |
कोयला उत्पादन (अप्रैल 2025) | 81.57 मिलियन टन (3.63% की वृद्धि) |
कैप्टिव खदानों का योगदान | 14.51 मिलियन टन (26.6% की वृद्धि) |
कोयला आपूर्ति (डिस्पैच) | 86.64 मिलियन टन (85.11 एमटी से अधिक) |