भारत की रक्षा नेतृत्व में 1 मई 2025 को थलसेना और वायुसेना के स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव हुए। ये नियुक्तियाँ नेतृत्व में पीढ़ीगत परिवर्तन को दर्शाती हैं और संचालन तत्परता, प्रशिक्षण की प्रभावशीलता तथा त्रि-सेवा समन्वय को सशक्त बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
क्यों है खबर में?
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एयर मार्शल तजिंदर सिंह ने भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान (AOC-in-C, Training Command) का कार्यभार संभाला।
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एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (CISC) के रूप में पदभार ग्रहण किया।
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लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने भारतीय थलसेना की नॉर्दर्न कमान (GOC-in-C, Northern Command) का नेतृत्व संभाला।
एयर मार्शल तजिंदर सिंह – AOC-in-C, प्रशिक्षण कमान, IAF
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कार्यभार ग्रहण: 01 मई 2025
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शैक्षणिक पृष्ठभूमि: NDA, DSSC, NDC
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कमीशन: 13 जून 1987, फाइटर स्ट्रीम में
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उड़ान अनुभव: 4500+ उड़ान घंटे, कैटेगरी ‘A’ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर
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नेतृत्व अनुभव: फाइटर स्क्वाड्रन, रडार स्टेशन, J&K AOC
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स्टाफ भूमिकाएँ: कमांड मुख्यालय, ACAS ऑप्स (रणनीति), उप प्रमुख वायु स्टाफ
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पुरस्कार: वायु सेना पदक (2007), अति विशिष्ट सेवा पदक (2022)
एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित – CISC
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पदभार ग्रहण: 01 मई 2025 (ले. जनरल जेपी मैथ्यू से कार्यभार लिया)
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शैक्षणिक पृष्ठभूमि: NDA, DSSC (बांग्लादेश), NDC
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कमीशन: 06 दिसंबर 1986, फाइटर स्ट्रीम में
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उड़ान अनुभव: 3300+ घंटे, 20+ विमानों पर
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विशेषज्ञता: प्रशिक्षक, टेस्ट पायलट, स्वदेशी अपग्रेड (जैसे Jaguar, MiG-27)
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पूर्व पद: AOC-in-C, सेंट्रल एयर कमान
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पुरस्कार: AVSM, VSM, VM
ले. जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार – पूर्व GOC-in-C, नॉर्दर्न कमान
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सेवानिवृत्ति: 30 अप्रैल 2025
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कमीशन: 1 असम रेजिमेंट, 8 जून 1985
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अनुभव: जम्मू-कश्मीर में सभी स्तरों की कमान
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फोकस: सीमा सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान, समुदाय सहभागिता (जैसे ऑपरेशन सद्भावना)
ले. जनरल प्रतीक शर्मा – वर्तमान GOC-in-C, नॉर्दर्न कमान
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पदभार ग्रहण: 01 मई 2025
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शैक्षणिक पृष्ठभूमि: NDA, IMA देहरादून, DSSC वेलिंगटन, NDC दिल्ली
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कमीशन: दिसंबर 1987, मद्रास रेजिमेंट
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अनुभव: LoC पर इन्फैंट्री यूनिट्स की कमान, वेस्टर्न सेक्टर में स्ट्राइक कॉर्प्स
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पूर्व पद: DGMO, डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (रणनीति)
महत्व
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संचालन नेतृत्व को मजबूत करता है, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में
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त्रि-सेवा समन्वय और लड़ाकू तत्परता को प्राथमिकता देता है
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प्रशिक्षण, तकनीकी समेकन और आतंकवाद-निरोधक रणनीतियों की निरंतरता सुनिश्चित करता है