
महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की कि 2022 के लिए ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार सामाजिक कार्यकर्ता दत्तात्रेय उर्फ अप्पासाहेब धर्माधिकारी को दिया जाएगा। महाराष्ट्र भूषण राज्य सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार है। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार में एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपये शामिल हैं, जिसे प्रदान किया जाएगा।
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महाराष्ट्र भूषण चुनाव समिति की सिफारिशों के आधार पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने पुरस्कार प्रदान करने को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने रायगड के रेवदंडा स्थित धर्माधिकारीके घर पर जाकर उनसे मुलाकात भी की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्माधिकारी को राज्य के प्रतिष्ठित महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 14 मई 1946 को जन्मे धर्माधिकारी नेगत 30 सालों से एकसमाज सुधारकके रूप में अंधश्रद्धा निर्मूलन और आदिवासी बस्तियों में व्यसनमुक्ति का काम कर रहे हैं। रायगड के रेवदंडा में धर्माधिकारी ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी की है। बचपन से ही उन्हेंकीर्तन, भजन, अध्यात्म और पढ़ने में रुचि थी। धर्माधिकारी स्वच्छतादूत के रूप में भी पहचाने जाते हैं।आप्पासाहेबके पिता डॉ नानासाहेब धर्माधिकारी भी समाज सेवा के कार्य से जुड़े थे।
महाराष्ट्र भूषण के बारे में
महाराष्ट्र भूषण भारत में महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। 1995 में जब शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सत्ता में आया, तो उसने इस पुरस्कार को स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। महाराष्ट्र भूषण को पहली बार 1996 में सम्मानित किया गया था। शुरुआत में इसे हर साल साहित्य, कला, खेल और विज्ञान के क्षेत्र में प्रदान किया जाता था। बाद में सामाजिक कार्य, पत्रकारिता और लोक प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र शामिल किए गए। पुरस्कार उनके क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए प्रस्तुत किया जाता है।



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