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आंध्र प्रदेश ने मच्छरों से लड़ने के लिए स्मार्ट एआई सिस्टम लॉन्च किया

आंध्र प्रदेश सरकार ने डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए, खासकर बरसात के मौसम में, एक नई परियोजना शुरू की है। स्मार्ट मॉस्किटो सर्विलांस सिस्टम (SMoSS) नामक यह परियोजना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करती है। यह सबसे पहले छह बड़े शहरों में शुरू होगी। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हर साल हज़ारों लोग इन बीमारियों से बीमार पड़ते हैं।

मच्छरों पर स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लगाम

अब मच्छरों की पहचान और नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस SMoSS (Smart Mosquito Surveillance System) लागू किया जा रहा है। इस सिस्टम में AI-संचालित मच्छर सेंसर, ड्रोन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइस का उपयोग किया जाएगा, जो यह पता लगाएंगे कि कहां, कितने और किस प्रकार के मच्छर मौजूद हैं। ये स्मार्ट डिवाइस तापमान, आर्द्रता जैसी जरूरी जानकारी भी दर्ज करेंगे। इससे सरकार केवल उन्हीं स्थानों पर दवा का छिड़काव कर सकेगी, जहां वास्तव में जरूरत है — हर जगह नहीं।

यह परियोजना कहां शुरू होगी?

इसका पायलट प्रोजेक्ट छह शहरों के 66 स्थानों पर शुरू किया जा रहा है:

  • विशाखापट्टनम – 16 स्थान

  • विजयवाड़ा – 28 स्थान

  • काकीनाडा – 4 स्थान

  • राजमहेंद्रवरम – 5 स्थान

  • नेल्लोर – 7 स्थान

  • कुरनूल – 6 स्थान

इन शहरों में डेंगू और मलेरिया के कई मामले सामने आए हैं — 2024 में ही 5,500 से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए गए। SMoSS की मदद से अब टीमें केवल मच्छर पाए जाने वाले क्षेत्रों में ही दवा छिड़काव या फॉगिंग कर सकेंगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

ड्रोन, ऐप और अस्पताल – सब मिलकर काम करेंगे

  • ड्रोन से तेजी से और कम केमिकल का उपयोग करते हुए लार्वीसाइड का छिड़काव किया जाएगा।

  • सेंट्रल डैशबोर्ड पर सभी फील्ड गतिविधियों की निगरानी की जाएगी।

  • Vector Control और Puramitra जैसे मोबाइल ऐप्स के जरिए स्थानीय लोग और कर्मचारी मच्छर संबंधी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे।

  • अस्पताल भी हर दिन डेंगू, मलेरिया जैसे बीमारियों के मामलों की रिपोर्ट भेजेंगे, जिससे हॉटस्पॉट की पहचान कर स्थानीय स्तर पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।

सरकार इस प्रणाली के संचालन की जिम्मेदारी विशेष एजेंसियों को सौंपेगी और उन्हें प्रदर्शन के आधार पर भुगतान किया जाएगा।

स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम

यह परियोजना नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग (MAUD) द्वारा चलाई जा रही है। यह दिखाता है कि कैसे AI और स्मार्ट सिटी टूल्स का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार में किया जा सकता है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो आंध्र प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

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