अमेरिका ने आखिरकार न्यूक्लियर बमवर्षक बी-21 रेडर विमान को लान्च किया है। करीब कई वर्षों से अमेरिका गोपनीय तरीके से इस विमान को विकसित करने में लगा था। यह विमान राफेल से भी तेज बताया जा रहा है। राफेल पांचवें जेनरेशन का लड़ाकू विमान है, जबकि बी-21 रेडर छठे जेनरेशन का है। कैलिफोर्निया के पाल्मडेल में सैन्य अड्डे पर लान्चिंग से पहले इसकी खासियतों के बारे में बताया गया।
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Unveiled today, the B-21 Raider will be a dual-capable, penetrating-strike stealth bomber capable of delivering both conventional and nuclear munitions. The B-21 will form the backbone of the future Air Force bomber force consisting of B-21s and B-52s.(U.S. Air Force photo) pic.twitter.com/X6KSU7sy6U
— U.S. Air Force (@usairforce) December 3, 2022
काले रंग का यह न्यूक्लियर स्टील्थ बमवर्षक विमान बी-2 स्पिरिट का स्थान लेगा। इसका निर्माण पेंटागन की न्यूक्लियर आधुनिकीकरण का हिस्सा है। इसमें साइलो लांच बैलिस्टिक मिसाइल और सबमरीन वारहेड भी शामिल हैं। बता दें कि पेंटागन ने इस सप्ताह अपनी चीन संबंधी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि चीन 2035 तक 1500 न्यूक्लियर हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है।
इस एयरक्राफ्ट को नॉर्थरोप ग्रुम्मन नामक कंपनी ने बनाया है। दुनिया में किसी भी देश के पास ऐसा बॉम्बर नहीं है। अमेरिका ने जो ये नया बमवर्षक बनाया है, उसकी एक बड़ी खासियत ये है कि ये किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएगा। इसलिए ही इसे स्टेल्थ बॉम्बर कहा गया है।
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