तमिलनाडु सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान “चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा नैरोबी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-7) के दौरान घोषित किया गया। उन्हें यह सम्मान टिकाऊ शीतलन (sustainable cooling), पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन (ecosystem restoration) और जलवायु अनुकूलन (climate adaptation) के क्षेत्र में उनके अग्रणी योगदान के लिए दिया गया है।
सुप्रिया साहू को यह पुरस्कार ‘इंस्पिरेशन एंड एक्शन’ श्रेणी में मिला है, जो उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है जो मानवता और पृथ्वी के लिए मापनीय और परिवर्तनकारी पर्यावरणीय लाभ पैदा करते हैं।
सुप्रिया साहू को क्यों चुना गया
UNEP के अनुसार, सुप्रिया साहू की जलवायु पहलों ने:
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25 लाख हरित नौकरियाँ सृजित कीं
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तमिलनाडु के वन आवरण में वृद्धि की
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सार्वजनिक स्थलों और बुनियादी ढाँचे में हीट-अनुकूलन उपाय शामिल किए
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लगभग 1.2 करोड़ लोगों की जलवायु सहनशीलता (climate resilience) में सुधार किया
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तमिलनाडु को अनुकूलन (adaptation) और टिकाऊ शीतलन (sustainable cooling) के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया
उनका कार्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले दशक में वैश्विक तापमान 1.5°C से ऊपर जा सकता है, जिससे हीटवेव और जलवायु-संबंधी आपदाएँ और तीव्र होंगी।
सुप्रिया साहू के प्रमुख जलवायु योगदान
1. टिकाऊ शीतलन (Sustainable Cooling) नवाचार
उनके नेतृत्व में तमिलनाडु ने कई हीट-रेज़िलिएंट सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे विकसित किए, जैसे:
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पेड़ों से घिरे शहरी मार्ग
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प्रकृति-आधारित छाया प्रणाली
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संवेदनशील समुदायों के लिए हीट एक्शन प्लान
2. पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन
उनकी नीतियों ने निम्नलिखित को मज़बूत किया:
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मैंग्रोव पुनर्स्थापन
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आर्द्रभूमि (wetland) संरक्षण
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घासभूमि (grassland) पुनर्जीवन
इन प्रयासों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है और पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होता है।
3. समुदाय-केंद्रित जलवायु शासन
साहू के कार्यक्रमों ने लो-टेक और हाई-टेक समाधानों को मिलाया है, यह दिखाते हुए कि नागरिक सहभागिता और सरकारी कार्रवाई का संयोजन दीर्घकालिक पर्यावरणीय बदलाव ला सकता है।
अन्य 2025 चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार विजेता
इस वर्ष के वैश्विक विजेताओं ने जलवायु और पर्यावरण चुनौतियों के लिए क्रांतिकारी समाधान प्रस्तुत किए:
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प्रशांत द्वीपों का युवा समूह – जलवायु न्याय पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) की ऐतिहासिक सलाहकारी राय सुनिश्चित की
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मरियम इसूफू (साहेल) – जलवायु-सहनशील वास्तुकला डिजाइन के लिए सम्मानित
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Imazon (ब्राज़ील) – AI आधारित वनों की कटाई निगरानी के लिए पुरस्कार
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मैनफ्रेडी काल्टाजिरोने (मरणोपरांत) – मीथेन में कमी पर आजीवन शोध के लिए सम्मान
ये सभी विजेता यह बतलाते हैं कि जलवायु समाधान नवीन, विस्तार योग्य और न्याय-आधारित होने चाहिए।
चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार का महत्व
2005 में स्थापित, यह UNEP का सबसे प्रतिष्ठित पर्यावरणीय सम्मान है।
इसके 20वें वर्ष में, यह निम्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी पर्यावरण नेतृत्व को पहचान देता है:
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नीति नेतृत्व
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उद्यमी दृष्टि
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प्रेरणा और कार्रवाई
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विज्ञान और नवाचार
UNEP ने यह भी बताया कि 2025 के विजेता ऐसे समय में साहसिक कदम उठा रहे हैं जब विकासशील देशों के लिए अनुकूलन लागत 2035 तक 365 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकती है।


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