एशियाई पैरा खेलों में 446 सदस्यीय दल भेजेगा भारत

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भारत हांगझोउ में 22 से 28 अक्टूबर तक होने वाले चौथे एशियाई पैरा खेलों में 446 सदस्यीय दल भेजेगा जिनमें 303 खिलाड़ी हैं। खेल मंत्रालय ने 17 खेलों में 303 खिलाड़ियों ( 191 पुरूष और 112 महिला ) को मंजूरी दी। इनके अलावा 143 कोच, अधिकारी और सहयोगी स्टाफ भी जायेंगे। इनमें से 123 खिलाड़ी एथलेटिक्स के ही हैं। यह एशियाई पैरा खेलों में भारत का सबसे बड़ा दल है। पिछली बार जकार्ता में 190 खिलाड़ियों ने 13 खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करके 15 स्वर्ण समेत 72 पदक जीते थे।

 

प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भागीदारी

खेल मंत्रालय ने एथलीटों के अलावा 143 कोचों, एस्कॉर्ट्स, अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों की भागीदारी को भी मंजूरी दे दी है। एथलीटों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके पास प्रतिस्पर्धा करने के लिए सर्वोत्तम परिस्थितियाँ हैं।

 

एथलेटिक्स प्रभुत्व

भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 303 एथलीटों में से, एक महत्वपूर्ण हिस्सा, 123, एथलेटिक्स स्पर्धाओं में भाग लेंगे। एथलेटिक्स में यह मजबूत उपस्थिति इस खेल विधा में भारत की प्रतिभा और क्षमता की गहराई को दर्शाती है।

 

ऐतिहासिक आकस्मिकता

इस साल के एशियाई पैरा गेम्स में भारत अपना अब तक का सबसे बड़ा दल मैदान में उतारेगा। जकार्ता में आयोजित पिछले संस्करण में, 13 खेल आयोजनों में 190 एथलीटों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। यह समर्पित समूह 72 पदकों की उल्लेखनीय संख्या के साथ लौटा, जिसमें प्रभावशाली 15 स्वर्ण पदक शामिल थे।

चौथे एशियाई पैरा खेलों में भारत की भागीदारी खेलों में समावेशिता को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता की खोज में पैरा-एथलीटों का समर्थन करने की देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह मजबूत दल पैरा-स्पोर्टिंग स्पर्धाओं में नई ऊंचाइयों को जीतने की भारत की आकांक्षा का प्रतीक है।

 

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World Cup 2023 Schedule and Fixture, PDF Download_100.1

विश्व आघात दिवस 2023: इतिहास और महत्व

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विश्व आघात दिवस (World Trauma Day) प्रतिवर्ष 17 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद ट्रॉमा के कारण, लक्षण और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। ट्रॉमा किसी भी उम्र में व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से लोगों को प्रभावित करती है।

यह दिवस सबसे नाज़ुक क्षणों के दौरान जीवन को बचाने और सुरक्षा के महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करने की तैयारी एवं महत्त्वपूर्ण उपायों को अपनाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन हिंसा और आघात के परिणामस्वरूप मारे गए या घायल हुए लोगों को याद करने के लिए दुनिया भर के लोग एक साथ आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्वभर में मृत्यु एवं विकलांगता का प्रमुख कारण आघात है।

 

वर्ल्ड ट्रॉमा डे का महत्व

  • ट्रॉमा के कारणों, लक्षणों और रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना।
  • ज्यादातर सड़क दुर्घटना के कारण ही ट्रॉमा के मामले सामने आते हैं, इसलिए वर्ल्ड ट्रॉमा डे मनाने का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देना है। जैसे-
  • नशे में गाड़ी चलाने से बचना, गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट पहनना, ड्राइविंग के नियमों को फॉलो करना।
  • ट्रॉमा से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित होता है। इसलिए, इस समस्या से पीड़ित लोगों को समर्थन देने और संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाता है।

 

वर्ल्ड ट्रॉमा डे का इतिहास

इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2011 में हुई, तभी से 17 अक्टूबर का दिन हर साल वर्ल्ड ट्रॉमा डे के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य ट्रॉमा से शिकार व्यक्ति की उचित देखभाल के लिए लोगों को जागरूक करना है। किसी भी हादसे के दौरान व्यक्ति को समय पर ट्रॉमा से निकालने के महत्व को बढ़ावा देना है।

 

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National Police Commemoration Day: 21 October_120.1

उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘स्वच्छ त्योहार, स्वस्थ त्योहार’ अभियान शुरू किया

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उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों में विशेष स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए योगी सरकार ‘स्वच्छ त्योहार, स्वस्थ त्योहार’ अभियान चला रही है। नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निकायों में साफ सफाई के लिए ‘क्लीनलीनेस इज नेक्स्ट टू गॉडलीनेस’ का मूल मंत्र देते हुए नवरात्र, दशहरा व दीपावली जैसे त्योहारों को ‘स्वच्छ त्यौहार, स्वस्थ्य त्यौहार’ के रूप में मनाने का संदेश जारी किया है।

राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक विभाग की ओर से इसके लिए सभी निकाय अधिकारियों और कर्मचारियों को धार्मिक स्थलों, मठ-मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों के आसपास के क्षेत्र, वहां की सड़कों-गलियों की बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

 

स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति

प्रदेश सरकार में नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सभी नगरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वर्चुअल बैठक के जरिये अवगत करा दिया है। सभी नगर निकायों को नगर विकास विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है कि त्योहारों में श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए स्ट्रीट लाइटें सही कराई जाएं। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में भी कहीं पर भी कोई बाधा न आए।

 

कूड़ा-कचरा का सही से निस्तारण

श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित की गई पूजा सामग्री और कूड़ा-कचरा का सही से निस्तारण भी कराया जाए। लोग पूजा सामग्री और कूड़ा-कचरा इधर उधर न फेंके, पूजा स्थलों के आसपास डस्टबिन रखवाया जाय। इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। लोगों को भी स्वच्छ और स्वस्थ्य त्यौहार मनाने के लिए जागरूक किया जाए। प्लास्टिक का प्रयोग न करने के लिए भी लोगों से कहें तथा इसके प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी प्रयास किया जाए।

 

नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ वातावरण

उन्होंने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए निकायों में साफ सफाई, स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति, कूड़े के निस्तारण आदि कार्यों को संपन्न कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ वातावरण मिले, कहीं पर भी गंदगी के कारण पूजा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का मन मैला न हो।

 

पेयजल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति

साफ सफाई के पूर्ण प्रयास किए जाएं, सड़के-गलियां साफ सुथरी तथा गंदगी से मुक्त हो, नाले नालियों की भी सफाई के प्रबंध किए जाएं। कहीं पर भी स्ट्रीट लाइट खराब न हो, लोगों को अंधेरे रास्तों से होकर न जाना पड़े। उन्होंने जीएम जलकल को निर्देश दिया कि त्योहारों में स्वच्छ पेयजल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो, कहीं पर भी पेयजल आपूर्ति बाधित न हो।

 

टोल फ्री नंबर व्यापक रूप से होगा संचालित

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि “स्वच्छ जनादेश सर्वेक्षण” चल रहा है। ऐसे में साफ सफाई में निकायों के सभी वार्डों के पार्षदों का सहयोग लिया जाए। प्रत्येक वार्ड की साफ सफाई के साथ कमियों को भी दूर किया जाना चहिए। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में स्थापित दुर्गा पूजा पंडालों के आसपास भी सफाई कराई जाए।

जहां कहीं पर भी इसके केस आएं, वहां पर विशेष ध्यान दें। जल जमाव कहीं पर हो रहा हो, तो इसके निकास का भी प्रबंध करें। सभी निकायों में मूर्तियों के पर्यावरण अनुकूल विसर्जन के लिए अभी से प्रबंध किये जाएं, जिससे कि हमारी वाटर बॉडीज का पानी प्रदूषित न होने पाए। शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1533 को भी व्यापक रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गये हैं।

 

Bharat Rashtra Samithi In Telangana Unveils Manifesto For Underprivileged_100.1

मशहूर मलयालम फिल्म प्रोड्यूसर पीवी गंगाधरन का निधन

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मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर पीवी गंगाधरन का हाल ही में निधन हो गया। निर्माता ने 80 वर्ष की आयु में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण दम तोड़ दिया। पीवी गंगाधरन का बीमारी के चलते एक सप्ताह से कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके ऐसे चले जाने से साउथ इंडस्ट्री में शोक में डूबा हुआ है।

 

व्यक्तिगत जीवन और विरासत

पीवी गंगाधरन का जन्म 1943 में केटीसी ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक पी वी सामी और माधवी सामी के घर हुआ था। मातृभूमि के प्रबंध संपादक पीवी चंद्रन उनके भाई हैं। वह अपने पीछे पत्नी शेरिन और बच्चों शेनुगा, शेगना और शेरगा को छोड़ गए हैं। वे एस क्यूब सिनेमाज के मालिक हैं।

उनके दामाद जयतिलक, विजिल और संदीप है। बता दें कि पीवी गंगाधरन मालाबार एयरपोर्ट कर्म समिति और ट्रेन कर्म समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने केरल राज्य फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष और केरल फिल्म चैंबर के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था।

आपको बता दें कि पीवी गंगाधरन बिजनेसमैन के साथ एक फिल्म प्रोड्यूसर भी थे। उन्होंने कई शानदार फिल्में भी बनाई। वह कई हिट फिल्मों के निर्माता थे, जिनमें ओरु वडक्कन वीरगाथा, अंगदी, वेन्दुम चीला वेट्टुकार्यंगल, अचुविंते अम्मा, नोटबुक आदि शामिल हैं। उन्होंने गृहलक्ष्मी प्रोडक्शंस के बैनर तले 20 से अधिक फिल्मों का निर्माण किया है।

 

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भारत 2030 तक बुनियादी ढांचे पर 143 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा

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भारत वित्त वर्ष 2024 और 2030 के बीच बुनियादी ढांचे पर करीब 143 लाख करोड़ खर्च करेगा। यह रकम वित्त वर्ष 2017 से 2023 के बीच खर्च हुए 67 लाख करोड़ से दोगुने से भी अधिक है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि 143 लाख करोड़ में से 36.6 लाख करोड़ रुपये हरित निवेश पर खर्च होंगे, जो 2017-2023 में हुए खर्च से पांच गुना ज्यादा होगा। वित्त वर्ष 2031 तक भारत की जीडीपी औसतन 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी और यह सबसे तेजी से विस्तार करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

एजेंसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2031 तक भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 4,500 डॉलर पहुंच जाएगी, जो अभी 2,500 डॉलर है। यह वृद्धि बड़े पैमाने पर सर्वांगीण बुनियादी ढांचे के विकास पर आधारित होगी, जिसमें स्थिरता को एकीकृत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा, सड़क और बिजली जैसे क्षेत्रों के प्रमुख योगदानकर्ता बने रहने की उम्मीद है। ई-वाहन, सौर, पवन और हाइड्रोजन जैसे अपेक्षाकृत नए क्षेत्र भी रफ्तार पकड़ेंगे।

 

ईवी की हिस्सेदारी 30 फीसदी होगी

क्रिसिल ने कहा, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग में तेजी देखी जा रही है। 2030 तक कुल वाहन बिक्री में ई-वाहनों का हिस्सा 30 फीसदी होगा। दोपहिया ईवी की बिक्री 2028 तक अन्य श्रेणी से अधिक होने की उम्मीद है।

 

ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024-30 के बीच भारत के मुख्य ढांचागत क्षेत्र जैसे सड़क, रेलमार्ग, पुल आदि के क्षेत्र में 96.8 लाख करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र में 39.1 लाख करोड़ रुपये और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किये जाने का प्रस्ताव है।

 

हाइड्रोजन क्षेत्र में 1.50 लाख करोड़ का निवेश

रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकार हरित और नवीकरणीय ऊर्जा पर अधिक जोर दे रही है। सरकार के प्रयासों के दम पर हाइड्रोजन क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024 और 2030 के बीच 1.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है। उत्पादन की लागत को देखते हुए हरित हाइड्रोजन का उपयोग और इसके लिए प्रोत्साहन योजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। एजेंसी ने कहा, भारत का पहला सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने से घरेलू बॉन्ड बाजार के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

 

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इज़राइल के हाइफ़ा बंदरगाह के लिए व्यापार निरंतरता योजना तैयार: एपीएसईज़ेड

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क्षेत्रीय घटनाओं के कारण अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) के स्टॉक में एनएसई पर 5% की गिरावट देखी गई। इज़राइल में हाइफ़ा बंदरगाह का प्रबंधन करने वाला एपीएसईज़ेड चुनौतियों के बीच व्यापार की निरंतरता सुनिश्चित करता है।

गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह के तहत एक इकाई, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) के शेयर मूल्य में क्षेत्र को प्रभावित करने वाली कुछ घटनाओं के बीच एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर 5 प्रतिशत से अधिक की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। एपीएसईज़ेड इज़राइल में हाइफ़ा बंदरगाह का संचालन करता है और उसने चुनौतियों का सामना करने के बावजूद व्यापार निरंतरता सुनिश्चित करने में अपनी सतर्कता पर जोर दिया है।

 

बाज़ार का प्रभाव

स्टॉक में गिरावट:

  • एपीएसईज़ेड शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर 4.89 प्रतिशत और एनएसई पर 5.09 प्रतिशत की गिरावट आई।
  • बीएसई पर शेयर 789.90 रुपये पर और एनएसई पर 788.5 रुपये पर बंद हुए।

 

व्यवसाय निरंतरता आश्वासन

निगरानी और तत्परता:

  • एपीएसईज़ेड ने कहा कि वह सक्रिय रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा है, खासकर दक्षिण इज़राइल में, जहां घटनाएं केंद्रित हैं।
  • कंपनी अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है और पुष्टि की है कि सभी स्टाफ सदस्य सुरक्षित हैं।

हाइफ़ा बंदरगाह परिचालन:

  • चुनौतियों के बावजूद, इज़राइल के उत्तरी भाग में स्थित और एपीएसईज़ेड द्वारा संचालित हाइफ़ा बंदरगाह चालू है।
  • कंपनी ने अपने परिचालन के सुचारू कामकाज की गारंटी के लिए उपाय किए हैं।

व्यवसाय निरंतरता योजना:

  • एपीएसईज़ेड ने अपनी तैयारियों पर बल देते हुए कहा कि उसके पास एक मजबूत व्यवसाय निरंतरता योजना है।
  • यह योजना कंपनी को किसी भी अप्रत्याशित घटना और उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का प्रभावी ढंग से उत्तर देने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है।

वित्तीय प्रभाव एवं आत्मविश्वास:

कार्गो वॉल्यूम पर सीमित प्रभाव:

एपीएसईज़ेड  की कुल कार्गो मात्रा में हाइफ़ा बंदरगाह का योगदान अपेक्षाकृत कम है, जो कुल कार्गो मात्रा का केवल 3 प्रतिशत है।

फर्म ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के लिए, हाइफ़ा कार्गो वॉल्यूम को एपीएसईज़ेड के 370-390 एमएमटी के कुल कार्गो वॉल्यूम गाइडेन्स में से, 10-12 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की सीमा के भीतर रहने के लिए निर्देशित किया गया था। 

व्यावसायिक प्रदर्शन में विश्वास:

  • एपीएसईज़ेड ने अपने व्यावसायिक प्रदर्शन पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष के शुरुआती छह माह (अप्रैल-सितंबर 2023) में, एपीएसईज़ेड की कुल कार्गो मात्रा लगभग 203 एमएमटी थी।
  • इसमें हाइफ़ा बंदरगाह ने लगभग 6 एमएमटी का योगदान दिया। चुनौतियों के बावजूद, कंपनी अपने भविष्य के प्रदर्शन को लेकर आशावादी बनी हुई है।

 

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Cashfree Payments Partners with NPCI for 'AutoPay on QR'_110.1

‘गडकरी’: ‘एक्सप्रेसवे मैन ऑफ इंडिया’ की बायोपिक

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की जीवनी पर आधारित एक फिल्म 27 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है। ‘गडकरी’ नाम की यह फिल्म उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेगी। इस बायोपिक में नितिन गडकरी की भूमिका निभाने के लिए अभिनेता राहुल चोपड़ा को चुना गया है। यह फिल्म एक आम राजनीतिक कार्यकर्ता से एक प्रतिष्ठित कैबिनेट मंत्री बनने तक की उनकी प्रेरक यात्रा का जश्न मनाती है, जिन्होंने भारतीय बुनियादी ढांचे के परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

अभिजीत मजूमदार द्वारा प्रस्तुत मराठी फिल्म अक्षय अनंत देशमुख द्वारा निर्मित और अनुराग रंजन भुसारी द्वारा निर्देशित है।

 

नितिन जयराम गडकरी की उल्लेखनीय राजनीतिक यात्रा

नागपुर के रहने वाले नितिन जयराम गडकरी ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक लंबा सफर तय किया है। बुनियादी ढांचे के प्रति उन्हें अत्यंत उत्साह है। एक साधारण जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में अपनी विनम्र शुरुआत से, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक प्रमुख नेता और भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक प्रेरक शक्ति बन गए हैं।

निजीकरण के कट्टर समर्थक, नितिन गडकरी बड़े पैमाने पर परियोजनाएं शुरू करने की क्षमता रखते हैं। मोदी सरकार के भीतर, उन्होंने कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया, जिन्हें उनके राजनीतिक सहयोगियों और विरोधियों दोनों से समान रूप से सराहना मिली।

 

भाजपा में एक उभरता सितारा

भाजपा के भीतर गडकरी का उदय तेजी से हुआ। उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों और नेताओं का विश्वास और समर्थन अर्जित किया और अंततः एक प्रमुख व्यक्ति बन गए। महाराष्ट्र की राजनीति में उनका उत्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव से चिह्नित हुआ। वह अप्रैल 2005 से दिसंबर 2009 तक इस पद पर रहे, इस दौरान उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया।

 

‘एक्सप्रेसवे मैन ऑफ इंडिया’

गडकरी के करियर में एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब उन्होंने 1995 से 1999 तक शिव सेना-भाजपा सरकार में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान, उन्होंने भारत के पहले एक्सप्रेसवे के निर्माण का नेतृत्व किया जो मुंबई और पुणे को जोड़ता था। इस परियोजना ने इन दो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा को परिवर्तित कर दिया और भारतीय बुनियादी ढांचे के चेहरे में भी परिवर्तित कर दिया।

 

मुंबई के यातायात को परिवर्तित करना

सड़क यातायात को कम करने के लिए गडकरी ने मुंबई में 55 फ्लाईओवर के निर्माण का महत्वाकांक्षी कार्य भी किया। संदेह और आलोचना का सामना करने के बावजूद, वह डटे रहे। आज, तीन दशक से भी अधिक समय के पश्चात, मुंबई की यातायात स्थिति में काफी सुधार हुआ है, जिसका श्रेय उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प को जाता है।

 

नो-नॉनसेंस एडमिनिस्ट्रेटर

गडकरी की प्रतिष्ठा प्रशासन के प्रति उनके नो-नॉनसेंस एप्रोच पर बनी है। वह आम राजनेता नहीं हैं जो चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे करते हैं और बाद में उन्हें भूल जाते हैं। इसके बजाय, वह अपने अधीन कार्य करने वालों से समयबद्ध प्रदर्शन की मांग करने के लिए जाने जाते हैं।

 

एक दूरदर्शी नेता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आशीर्वाद से, गडकरी को महाराष्ट्र और अखिल भारतीय स्तर पर सबसे कम आयु के भाजपा अध्यक्षों में से एक चुना गया। उनके नेतृत्व और क्षमताओं ने उन्हें कदाचित देश के शीर्ष कार्यकारी पद के लिए दावेदार बना दिया है।

 

भारतीय सड़कों में क्रांति लाना

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका में, गडकरी ने भारतीय सड़क क्षेत्र में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले नौ वर्षों में सड़क नेटवर्क में 59% का विस्तार हुआ है, जिससे वह इस क्षेत्र में एक मजबूत ताकत बन गए हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए ईर्ष्या का स्रोत बन गए हैं।

 

समर्पण और नवप्रवर्तन की विरासत को उजागर करने वाली एक बायोपिक

नितिन जयराम गडकरी का जीवन और कार्य भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उनके समर्पण, दूरदर्शिता और अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनका नाम प्रगति और नवीनता का पर्याय है, जो उन्हें ‘एक्सप्रेसवे मैन ऑफ इंडिया’ बनाता है। बायोपिक निस्संदेह इस उल्लेखनीय राजनीतिक व्यक्ति के असाधारण जीवन पर प्रकाश डालेगी।

 

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प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में 4200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया

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प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक ऐतिहासिक दिन मनाया, जब उन्होंने लगभग 4200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और समर्पित किया। ये पहल ग्रामीण विकास, सड़क बुनियादी ढांचे, बिजली उत्पादन, सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई हैं।

 

पार्वती कुंड पर पूजा

दर्शकों को संबोधित करने से पहले, प्रधान मंत्री मोदी ने पार्वती कुंड में पूजा और दर्शन किए, सभी भारतीयों के अच्छे स्वास्थ्य और उत्तराखंड के लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगा। उन्होंने विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया।

 

प्रधानमंत्री का सीमा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और कल्याण पहल पर बल

प्रधान मंत्री ने पिछले नौ वर्षों में 4,200 किमी से अधिक सड़कों, 250 पुलों और 22 सुरंगों के निर्माण के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डाला। इन पहलों का उद्देश्य भारत की सुरक्षा को मजबूत करना और इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के कल्याण को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है, जिससे 75,000 से अधिक परिवारों को लाभ हुआ है। बुनियादी ढांचे और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में नई सेवाओं का विकास तीव्रता से आगे बढ़ रहा है।

 

छोटे किसानों को सशक्त बनाना: पीएम किसान सम्मान निधि

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में छोटे किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत राज्य में किसानों को 2200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिल चुकी है। वित्तीय सहायता का उद्देश्य छोटे किसानों के जीवन में सुधार लाना और उनकी समृद्धि सुनिश्चित करना है।

 

अद्वितीय उत्तराखंडी फसलों को बढ़ावा देना: श्री अन्ना

उत्तराखंड की पारंपरिक फसल श्री अन्ना को दुनिया भर में ले जाने योग्य बहुमूल्य संपत्ति बताया गया। इस फसल को बढ़ावा देने के लिए देशव्यापी अभियान आरंभ किया गया है, जिससे उत्तराखंड के छोटे किसानों को काफी लाभ होगा।

 

महिला-नेतृत्व वाला विकास: सशक्तिकरण पर ध्यान

महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न पहल आरंभ की गई हैं, जिनमें स्थायी घर प्रदान करना, शौचालय बनाना, गैस कनेक्शन देना, बैंक खाते खोलना, मुफ्त इलाज प्रदान करना और मुफ्त राशन वितरित करना सम्मिलित है।

हर घर जल योजना ने उत्तराखंड में 11 लाख परिवारों को पाइप से पानी उपलब्ध कराया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ड्रोन पेश किए हैं, जिनसे कृषि और परिवहन के आधुनिकीकरण की उम्मीद है।

 

पर्यटन एवं तीर्थयात्रा विकास

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयासों की सफलता पर प्रकाश डाला। चार धाम यात्रा अब लगभग 50 लाख भक्तों को आकर्षित कर रही है, और केदारनाथ धाम में महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और श्री बद्रीनाथ धाम में चल रहा है। केदारनाथ धाम और हेमकुंट साहिब में रोपवे से पहुंच बढ़ेगी। मानसखंड मंदिर माला मिशन का लक्ष्य कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों को भक्तों के लिए आसानी से सुलभ बनाना है।

 

कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ाना

प्रधान मंत्री ने चारधाम मेगा परियोजना, ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना सहित कनेक्टिविटी बढ़ाने पर सरकार के फोकस को रेखांकित किया। उड़ान योजना का लक्ष्य क्षेत्र में किफायती हवाई सेवाओं का विस्तार करना है, और जनता के लिए सुविधा में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई सड़क परियोजनाएं निर्धारित की गई हैं।

 

प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयारी

प्राकृतिक आपदाओं के प्रति उत्तराखंड की संवेदनशीलता को स्वीकार करते हुए, प्रधान मंत्री ने ऐसे आयोजनों की तैयारी के लिए अगले 4-5 वर्षों में परियोजनाओं पर 4000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना की घोषणा की। ये सुविधाएं आपदा की स्थिति में त्वरित राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करेंगी।

 

निम्नलिखित परियोजनाओं का उद्घाटन किया-

ग्रामीण सड़कें और पुल (पीएमजीएसवाई):

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 76 ग्रामीण सड़कों और 25 पुलों का निर्माण किया गया। ये महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के सुधार दूरदराज के गांवों को जोड़ते हैं और स्थानीय आबादी के लिए बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं।

बीडीओ कार्यालयों का उन्नयन:

नौ जिलों में पंद्रह ब्लॉक विकास कार्यालय (बीडीओ) भवनों को उन्नत किया गया, जिससे सरकारी अधिकारियों को अपने समुदायों को प्रभावी ढंग से सेवा देने के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की गईं।

केंद्रीय सड़क निधि उन्नयन:

केंद्रीय सड़क निधि द्वारा वित्त पोषित तीन सड़कों का उन्नयन किया गया। इसमें कौसानी-बागेश्वर रोड, धारी-दौबा-गिरिछीना रोड और नागला-किच्छा रोड शामिल हैं, जिससे सड़क कनेक्टिविटी और परिवहन दक्षता में सुधार होगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग उन्नयन:

दो राष्ट्रीय राजमार्गों, अल्मोडा पेटशाल – पनुवानौला – दन्या (एनएच 309बी) और टनकपुर – चल्थी (एनएच 125) में सुधार किया गया, जिससे उत्तराखंड की कनेक्टिविटी देश के शेष हिस्सों के साथ बढ़ गई।

पेयजल परियोजनाएँ:

कई पेयजल परियोजनाएं आरंभ की गईं, जिनमें 38 पंपिंग पेयजल योजनाएं, 419 गुरुत्वाकर्षण-आधारित जल आपूर्ति योजनाएं और तीन ट्यूबवेल-आधारित जल आपूर्ति योजनाएं सम्मिलित हैं, जिससे निवासियों के लिए स्वच्छ पानी का एक विश्वसनीय स्रोत सुनिश्चित किया गया।

थारकोट कृत्रिम झील:

पिथौरागढ़ में थारकोट कृत्रिम झील के निर्माण से क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता बढ़ती है और पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

पावर ट्रांसमिशन लाइन:

132 केवी पिथौरागढ-लोहाघाट (चंपावत) पावर ट्रांसमिशन लाइन की स्थापना की गई, जिससे बिजली ट्रांसमिशन और उपलब्धता में सुधार हुआ।

संपूर्ण उत्तराखंड में पुल:

उनतीस पुलों का निर्माण किया गया, जिससे उत्तराखंड के सुरम्य परिदृश्यों में सुरक्षित और कुशल परिवहन प्रदान किया गया।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भवन:

विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित, देहरादून में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के लिए एक अत्याधुनिक इमारत, राज्य में आपदा तैयारियों और पुनर्प्राप्ति प्रयासों को बढ़ावा देती है।

निम्नलिखित भविष्य की पहलों की आधारशिला रखी गई-

पॉली-हाउस योजना:

21,398 पॉलीहाउस के निर्माण की योजना पाइपलाइन में है। इस परियोजना से फूल और सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा।

उच्च घनत्व सघन सेब के बागान:

उच्च घनत्व सघन सेब के बागानों को बढ़ावा देने की योजना से उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी।

एनएच सड़क उन्नयन:

परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क उन्नयन के लिए पांच परियोजनाओं की योजना बनाई गई है।

आपदा तैयारी और लचीलापन:

आपदा तैयारियों को बढ़ाने के लिए कई पहल चल रही हैं, जिनमें पुलों का निर्माण, देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का उन्नयन और बलियानाला, नैनीताल में भूस्खलन को रोकने के उपाय सम्मिलित हैं। अग्नि, स्वास्थ्य और वन बुनियादी ढांचे में सुधार भी प्रगति पर है।

मॉडल डिग्री कॉलेज:

राज्य भर के 20 मॉडल डिग्री कॉलेजों में छात्रावास और कंप्यूटर लैब विकसित किए जाएंगे, जिससे छात्रों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं मिलेंगी।

स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा:

सोमेश्वर, अल्मोडा में 100 बिस्तरों वाला उप-जिला अस्पताल और चंपावत में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल ब्लॉक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाएगा।

खेल अवसंरचना:

हल्द्वानी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ हॉकी ग्राउंड और रुद्रपुर में वेलोड्रोम स्टेडियम के निर्माण से खेल और मनोरंजक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

मंदिर का बुनियादी ढांचा विकास:

मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना का उद्देश्य अल्मोडा में जागेश्वर धाम, पिथौरागढ़ में हाट कालिका और नैनीताल में नैना देवी में बुनियादी ढांचे को विकसित करना सम्मिलित हैं।

ये पहल उत्तराखंड में विकास, कनेक्टिविटी और लचीलेपन को बढ़ावा देने, राज्य के सतत विकास में योगदान देने और इसके निवासियों के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रधान मंत्री की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।

 

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यूरोपीय संघ समर्थक विपक्ष को पोलैंड में संसद चुनाव में जीत

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डोनाल्ड टस्क के नेतृत्व में पोलैंड के उदार विपक्ष ने हाल के चुनावों में ऐतिहासिक संसदीय बहुमत हासिल किया, जिससे आठ वर्ष के लोकलुभावन शासन का अंत हो गया।

पोलैंड के हालिया संसदीय चुनावों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जिसने लॉ एंड जस्टिस (पीआईएस) पार्टी के आठ वर्ष के लोकलुभावन शासन को समाप्त कर दिया। पूर्व यूरोपीय संघ प्रमुख डोनाल्ड टस्क के नेतृत्व में उदारवादी विपक्ष विजयी हुआ, जिसने देश के लिए एक नए युग का वादा किया।

 

महिलाओं के अधिकार सर्वोपरि 

  • चुनावों में महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक महिलाओं के अधिकार, विशेष रूप से पोलैंड के सख्त गर्भपात कानूनों से संबंधित थे।
  • इन नियमों को उदार बनाने के टस्क के वादे ने बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं को एकजुट किया।
  • पहली बार, पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं मतदान के लिए निकलीं, जिसमें उल्लेखनीय रूप से 73.7% महिलाओं ने भाग लिया।

 

परिवर्तन के वादे 

  • टस्क का सिविक गठबंधन, संभावित सहयोगियों थर्ड वे और लेफ्ट के साथ, 460 सीटों वाली संसद में बहुमत प्राप्त करने के लिए तैयार है।
  • यह परिणाम अधिक उदार नीतियों की ओर संभावित परिवर्तन का संकेत देता है, जिसमें यूरोपीय संघ के साथ बेहतर संबंध और जमे हुए यूरोपीय संघ के धन को अनवरोधित करने का वादा सम्मिलित है।

 

आशावाद के बीच सावधानी

  • जहां कई लोगों ने विपक्ष की जीत का जश्न मनाया, वहीं कुछ मतदाता सजग रहे।
  • विशेष रूप से पीआईएस सहयोगी राष्ट्रपति आंद्रेज डुडा की ओर से संभावित चुनौतियों को देखते हुए, नई सरकार किस प्रकार से कार्य करेगी, इस बारे में प्रश्न बने हुए हैं। विपक्ष की जीत के बावजूद, राजनीतिक परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है।

 

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

  • अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यूक्रेन का समर्थन करने में पोलैंड की भूमिका पर बारीकी से नजर रखी गई है।
  • चुनाव परिणाम यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से एक मजबूत समर्थक पोलैंड को अपने सहायता कार्यक्रमों और यूक्रेनी शरणार्थियों की स्वीकृति के बारे में आंतरिक बहस का सामना करना पड़ रहा है।

 

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तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति द्वारा वंचितों के लिए घोषणापत्र का अनावरण किया गया

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भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने अपने घोषणापत्र में अन्य प्रतिबद्धताओं के अलावा महिलाओं के लिए ₹3,000 का मासिक मानदेय, जीवन बीमा कवरेज और उत्तम चावल का प्रावधान करने का वादा किया है।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने हाल ही में अपने घोषणापत्र का अनावरण किया, जिसमें वंचित नागरिकों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से कई परिवर्तनकारी पहलों का वादा किया गया है। 15 अक्टूबर को एक संवाददाता सम्मेलन में, पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने समाज के हाशिये पर पड़े वर्गों के उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, इन संकल्पों को रेखांकित किया।

 

बीपीएल परिवारों के लिए जीवन बीमा

बीआरएस घोषणापत्र के प्रमुख वादों में से एक गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले 93 लाख से अधिक परिवारों को ₹5 लाख के जीवन बीमा कवरेज का प्रावधान है। यह पहल सफल रायथु बीमा कार्यक्रम, जो किसानों तक बीमा पहुंचाता है, से प्रेरणा लेती है। बीआरएस का लक्ष्य उन लोगों को (जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं) बीपीएल परिवारों को समान कवरेज प्रदान करके, एक अत्यावश्यक सेफ़्टी नेट प्रदान करना है।

 

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना

बीआरएस घोषणापत्र सभी राशन कार्ड धारकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उत्तम चावल की आपूर्ति करने का वचन देकर खाद्य सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है। यह प्रतिबद्धता तेलंगाना अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत आती है, जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी परिवार भूखा न सोए। यह कदम कम आय वाले परिवारों के बोझ को काफी कम कर सकता है और उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में योगदान दे सकता है।

 

पात्र महिलाओं के लिए मासिक भत्ता

सौभाग्य लक्ष्मी योजना के अंतर्गत, बीआरएस ने पात्र महिलाओं को ₹3,000 का मासिक मानदेय प्रदान करने का वादा किया है। यह पहल घरों और समुदायों में महिलाओं के अमूल्य योगदान को मान्यता देती है और उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करना है।

 

आसरा पेंशन वृद्धि

के. चंद्रशेखर राव ने वृद्ध व्यक्तियों, एकल महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों और अन्य सहित विभिन्न कमजोर समूहों के लिए आसरा पेंशन राशि में पर्याप्त वृद्धि की घोषणा की। मासिक पेंशन को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा, मासिक पेंशन का अंतिम लक्ष्य वृद्ध और एकल महिलाओं के लिए इसे बढ़ाकर ₹5,000 और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए ₹6,000 करना है। इस बढ़ोतरी से उन सभी लोगों को वित्तीय राहत मिलेगी जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

 

रायथु बंधु वृद्धि

बीआरएस की योजना रायथु बंधु योजना, जो वर्तमान में किसानों को सहायता प्रदान करती है, के लाभों को बढ़ाने की है। प्रस्तावित वृद्धि से वार्षिक सहायता बढ़कर ₹16,000 प्रति एकड़ हो जाएगी, जो मौजूदा ₹10,000 से एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। संसाधनों के सुचारु परिवर्तन और कुशल वितरण को सुनिश्चित करने के लिए इस वृद्धि को चरणों में लागू किया जाएगा।

 

बीपीएल परिवारों के लिए घरेलू गैस सिलेंडर

बीपीएल परिवारों की ऊर्जा आवश्यकताओं को संबोधित करते हुए, बीआरएस घोषणापत्र में ₹400 की किफायती कीमत पर घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का वादा सम्मिलित है। इस कदम का उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित परिवारों के लिए स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को सुलभ बनाना है, जिससे स्वास्थ्य और रहने की स्थिति में सुधार में योगदान दिया जा सके।

 

आरोग्य श्री के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा सुधार

आरोग्य श्री स्वास्थ्य योजना के तहत, बीआरएस ने उपचार कवरेज को ₹15 लाख तक बढ़ाने का वादा किया है, जिसमें मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए कवरेज सम्मिलित है। यह पहल गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच बढ़ाएगी और चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान परिवारों पर वित्तीय बोझ कम करेगी।

 

कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना

बीआरएस प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें डबल-बेडरूम आवास और गृहलक्ष्मी योजनाएं और गरीबों को घर उपलब्ध कराना सम्मिलित है। ये पहल हाशिए पर मौजूद लोगों की आवास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

 

अनारक्षित समुदायों के लिए आवासीय विद्यालय

अनारक्षित समुदायों को आकर्षित करने और उनकी सेवा करने के लिए, बीआरएस ने 119 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक आवासीय विद्यालय खोलने की घोषणा की है। इस कदम से इन समुदायों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुगम हो जाएगा।

 

कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना

कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, बीआरएस घोषणापत्र पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की संभावना की जांच करने के लिए एक समिति के गठन का आश्वासन देता है, जो वर्तमान पेंशन प्रणाली का विकल्प पेश करता है।

 

निर्दिष्ट भूमि पर अधिकार

बीआरएस घोषणापत्र उन लोगों को सौंपी गई भूमि पर पूर्ण अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके पास यह सुनिश्चित है कि वे आवश्यकतानुसार अपनी भूमि का प्रबंधन और निपटान कर सकें।

 

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस)

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जाना जाता था, एक भारतीय राजनीतिक दल है जो मुख्य रूप से तेलंगाना राज्य में सक्रिय है। इसकी स्थापना 27 अप्रैल 2001 को के.चंद्रशेखर राव द्वारा की गई थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य हैदराबाद को राजधानी बनाकर तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाना था। पार्टी ने अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए लगातार आंदोलन का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

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