विश्व नारियल दिवस 2024: 2 सितंबर

हर साल 2 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। प्रकृति के सबसे बहुमुखी उत्पादों में से एक, नारियल का इस्तेमाल खाने-पीने और कॉस्मेटिक से लेकर सजावट तक हर चीज में किया जाता है। नारियल का इस्तेमाल कई भारतीय और विदेशी व्यंजनों में किया जाता है। इस दिन को एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है। नारियल दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में नारियल की खेती के बारे में लोगों को जागरुक करना है। नारियल हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।

गर्मी के दिनों में बहुत लोग खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए नारियल पानी पीना पसंद करते हैं। बता दें कि नारियल पानी केवल बॉडी को हाइड्रेटेड ही नहीं रखता है बल्कि कई तरह की बीमारियों से बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है। दरअसल नारियल पानी बहुत तरह के न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है, जो कई तरह की प्रॉब्लम को दूर रखने का काम करते हैं।

विश्व नारियल दिवस का महत्व

विश्व नारियल दिवस किसानों और नारियल उगाने के व्यवसाय में हितधारकों द्वारा मनाया जाता है। विश्व नारियल दिवस नारियल के कई लाभों का जश्न मनाने और स्थायी नारियल खेती प्रथाओं को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य

नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल के प्रति जागरूकता बढ़ाना, अहमियत बताना और इस फसल की ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है। सालों से, इस दिन को नारियल के लाभों और इसके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए मनाया जा रहा है।

विश्व नारियल दिवस का इतिहास

हर साल 2 सितम्बर को नारियल उत्पादक देशों के अंतर सरकारी संगठन ‘अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC)’ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार एशिया प्रशांत नारियल समुदाय ने 2 सितंबर 2009 को मनाया था।

इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी (ICC) की स्थापना साल 1969 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के तत्वावधान में हुई थी। उस समय इसे एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय के रूप में जाना जाता था।

 

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने वायुसेना के उप प्रमुख का पदभार संभाला

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख का पदभार संभाला। इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी। वायु सेना के मुख्यालय (वायु भवन) में कार्यभार संभालने के बाद एयर मार्शल ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।

पृष्ठभूमि और सेवा

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल तेजिंदर सिंह को 13 जून, 1987 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की लड़ाकू शाखा में नियुक्त किया गया था। वह 4,500 घंटे से अधिक की उड़ान के साथ ए-कैटेगरी के फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं। एयर मार्शल सिंह रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के भी पूर्व छात्र हैं।

कैरियर की मुख्य बातें

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह एक लड़ाकू स्क्वाड्रन, रडार स्टेशन और एक प्रमुख लड़ाकू बेस की कमान संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वह जम्मू-कश्मीर के एयर ऑफिसर कमांडिंग भी थे। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि कमांड मुख्यालय में ऑपरेशनल स्टाफ, वायु सेना मुख्यालय में एयर कमोडोर (कार्मिक अधिकारी -1), एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप सहायक प्रमुख, मुख्यालय आईडीएस में वित्तीय (योजना), एयर कमोडोर (एयरोस्पेस सुरक्षा) की कमान भी संभाल चुके हैं। बयान में आगे बताया गया कि वायुसेना मुख्यालय में वायु कर्मचारी संचालन (ऑफेंसिव) और एसीएएस संचालन (स्ट्रैटेजी) की भी कमाल संभाल चुके हैं। अपनी वर्तमान नियुक्ति से पहले वह मेघालय के शिलॉन्ग में भारतीय वायुसेना के मुख्यालय पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी थे।

यह पदक से सम्मानित

उन्हें 2007 में वायु सेना पदक और 2022 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।

 

National Nutrition Week 2024: जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय पोषण सप्ताह?

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (National Nutrition Week ) पूरे देश में प्रतिवर्ष 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। भारत में पोषण की स्थिति में सुधार लाने और लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह देश भर में कई कार्यक्रमों और एक्टिविटी के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने का एक खास अवसर है।

इस दिवस का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा हेतु उचित पोषण के महत्त्व के विषय में जन जागरूकता पैदा करना है। आज के स्वस्थ बच्चे कल का स्वस्थ भारत है। इनके बेहतर स्वास्थ्य का देश के विकास, उत्पादकता तथा आर्थिक उन्नति पर स्पष्ट प्रभाव पड़ता है।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2024 की थीम

इस साल राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ है. इस थीम का मुख्य मकसद लोगों को पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने वाले संतुलित और विविध आहार को बढ़ावा देना है। यह थीम सभी वर्गों के लोगों, विशेषकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर देती है।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का महत्व

यह सप्ताह लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। पोषण के बारे में कई तरह की गलत धारणाएं लोगों के मन में होती हैं। इस सप्ताह के माध्यम से इन गलत धारणाओं को दूर किया जा सकता है। इस दौरान लोगों को संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इस दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह सर्वप्रथम मार्च 1975 में अमेरिकन डायटेटिक एसोसिएशन (American Dietetic Association), जिसे वर्तमान में  एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के नाम से जानते हैं, के सदस्यों द्वारा पोषण शिक्षा की आवश्यकता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ आहार विशेषज्ञों के पेशे को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। जनता की प्रतिक्रिया इतनी सकारात्मक थी कि सप्ताह भर चलने वाले उत्सव को साल 1980 में एक महीने तक चलाया गया था।

संयुक्त राष्ट्र ने 10 देशों में मानवीय संकटों के लिए 100 मिलियन डॉलर आवंटित किए

संयुक्त राष्ट्र ने अफ्रीका, मध्य पूर्व, एशिया और कैरिबियन के 10 देशों में महत्वपूर्ण मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (CERF) से 100 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं। कार्यवाहक संयुक्त राष्ट्र मानवीय प्रमुख जॉयस मसूया ने इस फंडिंग की सख्त जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि संसाधनों की कमी सहायता एजेंसियों को आवश्यक जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने में बाधा डाल रही है।

फंडिंग का ब्यौरा

यमन ($20 मिलियन) और इथियोपिया ($15 मिलियन): इन देशों को कुल फंडिंग का एक तिहाई से ज़्यादा हिस्सा मिल रहा है। यमन में गृहयुद्ध का 10वाँ साल चल रहा है, जबकि इथियोपिया आंतरिक संघर्ष और जातीय विद्रोह का सामना कर रहा है।

म्यांमार ($12 मिलियन), माली ($11 मिलियन), बुर्किना फासो ($10 मिलियन), हैती ($9 मिलियन), कैमरून ($7 मिलियन), और मोजाम्बिक ($7 मिलियन): दीर्घकालिक संघर्ष और जलवायु संबंधी मुद्दों से ग्रस्त इन क्षेत्रों में मानवीय कार्यों के लिए धनराशि निर्धारित की गई है।

बुरुंडी ($5 मिलियन) और मलावी ($4 मिलियन): ये देश अल नीनो से उत्पन्न सूखे और बाढ़ के कारण गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

फंडिंग के रुझान और अंतराल

यह आवंटन CERF द्वारा इस वर्ष जारी की गई दूसरी $100 मिलियन की राशि है। पहली राशि फरवरी में जारी की गई थी, जिसमें चाड, कांगो, होंडुरास, लेबनान, नाइजर, सूडान और सीरिया को सहायता प्रदान की गई थी। इस वर्ष जारी की गई कुल $200 मिलियन राशि पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है, जो मानवीय आवश्यकताओं और उपलब्ध फंडिंग के बीच बढ़ती असमानता को उजागर करती है।

मानवीय फंडिंग की कमी

वैश्विक मानवीय समुदाय ने इस वर्ष संकटग्रस्त 187 मिलियन लोगों की सहायता के लिए $49 बिलियन का अनुरोध किया है, लेकिन उसे इस राशि का केवल 29% ही प्राप्त हुआ है, जिससे $35 बिलियन का महत्वपूर्ण अंतर रह गया है।

जलवायु कार्रवाई और भविष्य का दृष्टिकोण

इस आवंटन में COP28 में लॉन्च किए गए CERF के जलवायु कार्रवाई खाते के माध्यम से जलवायु-स्मार्ट मानवीय कार्यों के लिए समर्थन भी शामिल है। इस पहल का उद्देश्य जलवायु से संबंधित आपात स्थितियों के लिए समय पर, प्रभावशाली समर्थन प्रदान करना है, जिसमें पूर्वानुमानित कार्रवाई और लचीलापन-निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं।

CERF के बारे में

2005 में अपनी स्थापना के बाद से, CERF ने 110 से अधिक देशों में करोड़ों लोगों की सहायता के लिए $9.3 बिलियन प्रदान किए हैं, जिसमें कम वित्तपोषित संकटों के लिए $3.2 बिलियन शामिल हैं। यह तेजी से मानवीय प्रतिक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बना हुआ है, जिसका वार्षिक वित्त पोषण लक्ष्य $1 बिलियन है।

मास्टरकार्ड ने भारत में भुगतान पासकी सेवा शुरू की

मास्टरकार्ड ने ऑनलाइन शॉपिंग की सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत में अपनी पेमेंट पासकी सेवा की वैश्विक स्तर पर शुरुआत की है। मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में पेश की गई यह सेवा, जिसे शुरुआत में जसपे, रेजरपे और पेयू जैसे भारतीय भुगतान नेताओं के साथ-साथ एक्सिस बैंक जैसे बैंकों के साथ शुरू किया गया था, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का लाभ उठाती है – पारंपरिक पासवर्ड और ओटीपी को अधिक सुरक्षित फिंगरप्रिंट या चेहरे की पहचान के तरीकों से बदल देती है। यह सेवा पिछले दो वर्षों में भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में 300% की तीव्र वृद्धि को संबोधित करती है, एक सहज, टोकनयुक्त भुगतान प्रक्रिया प्रदान करके, यह सुनिश्चित करती है कि भुगतान विवरण सुरक्षित रहें।

भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के प्रति प्रतिबद्धता

मास्टरकार्ड द्वारा भारत को चुना जाना देश के विकसित होते भुगतान परिदृश्य को दर्शाता है और यह भारतीय रिजर्व बैंक के लचीले भुगतान बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों के अनुरूप है। भुगतान पासकी सेवा का उद्देश्य पासवर्ड या ओटीपी की आवश्यकता को समाप्त करके कार्ट छोड़ने की दर को कम करना और डिजिटल भुगतान में उपभोक्ता का विश्वास बढ़ाना है। एक्सिस बैंक और जसपे सहित प्रमुख भागीदारों ने भुगतान सफलता दर और समग्र ई-कॉमर्स अनुभवों को बेहतर बनाने की सेवा की क्षमता के बारे में आशा व्यक्त की है।

टोकन अर्थव्यवस्था की ओर एक कदम

भुगतान पासकी सेवा डिजिटल भुगतान में टोकनयुक्त भविष्य के लिए मास्टरकार्ड के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है। वैश्विक स्तर पर रोलआउट की योजना के साथ, यह सेवा ऑनलाइन लेनदेन सुरक्षा में एक नया मानक स्थापित करती है, जो EMVCo और FIDO एलायंस जैसे वैश्विक उद्योग मानकों के साथ संरेखित होती है। यह लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब भारत का डिजिटल भुगतान बाजार, जिसके 2024 में 254.60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, लेन-देन की मात्रा में वृद्धि और धोखाधड़ी में इसी तरह की वृद्धि देखी गई है, जो इस तरह के उन्नत सुरक्षा समाधानों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है।

आरबीआई ने यूको बैंक और सेंट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड पर जुर्माना लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू खाते खोलने, जमा पर ब्याज दर और धोखाधड़ी वर्गीकरण सहित कुछ प्रावधानों के उल्लंघन के लिए यूको बैंक पर 2.68 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने इसकी जानकारी दी। आरबीआई ने अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) निर्देशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने पर सेंट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड पर भी 2.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इनका उद्देश्य

दोनों मामलों में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंड विनियामक अनुपालन पर आधारित हैं और इनका उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है।

यूको बैंक पर जुर्माना

राशि: 2.68 करोड़ रुपये

कारण: चालू खातों, जमाराशियों पर ब्याज दरों और धोखाधड़ी वर्गीकरण से संबंधित उल्लंघन।

सेंट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड पर जुर्माना

राशि: 2.1 लाख रुपये

कारण: केवाईसी विनियमों का अनुपालन न करना।

SJVN, NHPC और SECI को मिला नवरत्न कंपनी का दर्जा

सरकार ने 4 सरकारी कंपनियों को नवरत्न का दर्जा दिया है। SJVN, SECI, NHPC और रेलटेल कॉर्प को अब नवरत्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया गया है। नवरत्न कंपनियों की संख्या बढ़कर अब 25 हो गई है।

दरअसल नवरत्न दर्जा मिलने से ज्यादा फाइनेंशियल और ऑपरेशनल छूट मिलती है। इसके तहत सरकार की इजाजत के बिना 1,000 करोड़ रुपये या नेटवर्थ का 15% तक का निवेश करने की छूट मिलती है। नवरत्न कंपनियां विदेश में ज्वाइंट वेंचर भी बना सकती हैं।

रेलटेल: रेलटेल 22वीं नवरत्न कंपनी होगी। ये रेल मंत्रालय के अधीन सरकारी कंपनी/CPSE (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) है. FY24 में कंपनी की सालाना आय 2,622 करोड़ रुपये और मुनाफा 246 करोड़ रुपये रहा था।

SECI: वहीं SECI (सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23वीं नवरत्न कंपनी के तौर पर मान्यता दी है। SECI नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाली सरकारी कंपनी है, जिसका FY24 में एनुअल टर्नओवर 13,035 करोड़ रुपये रहा था, जबकि मुनाफा 436 करोड़ रुपये था।

NHPC: NHPC (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन) को 24वीं नवरत्न कंपनी के तौर पर मान्यता दी गई है। NHPC ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाली सरकारी कंपनी है। FY24 में कंपनी की सालाना आय 8,405 करोड़ रुपये रही थी, जबकि मुनाफा 3,744 करोड़ रुपये था।

SJVN: जबकि SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) 25वीं नवरत्न कंपनी होगी। ये भी ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाली सरकारी कंपनी है। FY24 में SJVN की सालाना आय 2,833 करोड़ रुपये थी, जबकि मुनाफा 908 करोड़ रुपये रहा था।

प्रभाव और स्वायत्तता

नवरत्न का दर्जा इन कंपनियों की पूंजीगत व्यय, संयुक्त उद्यम, प्रौद्योगिकी साझेदारी और संगठनात्मक पुनर्गठन के संबंध में स्वायत्त निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। इस दर्जे का उद्देश्य भारत के सतत ऊर्जा और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ उनकी वृद्धि और परिचालन दक्षता को बढ़ावा देना है।

अक्षय ऊर्जा में SECI की भूमिका

SECI, अपने 13वें वर्ष में, भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो 69.25 गीगावाट की संचयी उत्पादन क्षमता और 42 बिलियन यूनिट से अधिक की वार्षिक बिजली व्यापार मात्रा का प्रबंधन करता है। नवरत्न का दर्जा मिलने से बेहतर वित्तीय लचीलेपन और रणनीतिक चपलता के माध्यम से SECI के विकास में तेज़ी आने की उम्मीद है।

 

 

 

 

भारतीय नौसेना जहाज तबर ने स्पेनिश नौसेना जहाज अटालया के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया

भारतीय नौसेना का फ्रंटलाइन फ्रिगेट, आईएनएस तबर 25 अगस्त 2024 को मलागा, स्पेन में दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचा था और 27 अगस्त 2024 को प्रस्थान के बाद भूमध्य सागर में स्पेनिश नौसेना जहाज अटालया के साथ समुद्री साझेदारी एक्सरसाइज (एमपीएक्स) का आयोजन किया था। भारत और स्पेन समुद्री क्षेत्र सहित मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की दिशा में कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

अभ्यास विवरण

भूमध्य सागर में भारतीय नौसेना और स्पेनिश नौसेना के बीच एमपीएक्स का संचालन भारतीय नौसेना की पहुंच और सस्टीनेंस का प्रतीक है, जो भारत और स्पेन के बीच समुद्री सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है। एमपीएक्स में स्टेशन कीपिंग, रिप्लेलिशमेंट एट सी एप्रोच (आरएएसएपी), फ्लाइंग एक्सरसाइज (एफवाईईएक्स), स्टीम पास्ट और फोटोएक्स सीरियल जैसे उन्नत अभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल थी। दोनों नौसेनाओं की इकाइयों ने सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने के लिए उच्च स्तर की व्यावसायिकता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।

साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध

भारतीय नौसेना दुनिया भर की नौसेनाओं के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। स्पेनिश नौसेना के साथ एमपीएक्स मजबूत द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों को मजबूत करता है, समुद्री क्षेत्र में बेहतर सहयोग सुनिश्चित करने के प्रति हमारे संकल्प और प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

भारतीय सेना ने शुरू किया प्रोजेक्ट नमन

भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण की शुरुआत की है। प्रोजेक्ट नमन को डिफेंस पेंशनर्स, वेटरन और उनके परिवारों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है। प्रोजेक्ट नमन, स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा), डिजिटल पेंशन प्रणाली के कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जो डिफेंस पेंशनर्स के लिए पेंशन संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम बनाती है। प्रोजेक्ट नमन की शुरुआत के मौके पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की अध्यक्ष सुनीता द्विवेदी भी मौजूद थे।

सेना की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रोजेक्ट नमन के लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इस सेवा की शुरुआत से वेटरन और उनके परिवारों को वह देखभाल और मदद मिलेगी, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने सैन्य स्टेशनों और आसपास के इलाकों की पूरी आबादी तक इन आवश्यक सेवाओं को पहुंचाने पर जोर दिया।

त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर

इस परियोजना में रिसेप्शन और सुविधा केंद्रों की स्थापना शामिल है। इसके लिए पिछले साल सितंबर 2023 में इंडियन आर्मी डायरेक्टोरेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरन (एडजुटेंट जनरल की शाखा), कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे। ये कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) सेना के वेटरन, पेंशनभोगियों, युद्ध विधवाओं और नेक्स्ट ऑफ किन को स्पर्श पेंशन सर्विसेज जैसे गर्वनमेंट टू सिटिजन (G2C) और बिजनेस टू कंज्यूमर सेवाएं प्रदान करते हैं।

आईटी इंफ्रास्टक्चर मुहैया

प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण में, नई दिल्ली, जालंधर, लेह, देहरादून, लखनऊ, जोधपुर, बेंगलुरू, गोरखपुर, झांसी, सिकंदराबाद, सागर, गुंटूर, अहमदाबाद और बैंगलोर समेत देशभर में प्रमुख जगहों पर 14 सीएससी बनाए गए हैं। वहीं, अगले 2-3 वर्षों में देश भर में लगभग 200 केंद्र स्थापित करने की योजना है। जबकि एचडीएफसी बैंक ने सीएससी को चालू करने के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्टक्चर मुहैया कराया है। वहीं, लोकल मिलिट्री स्टेशंस ने इंफ्रास्टक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।

भारतीय सेना की प्रतिबद्धता

प्रोजेक्ट नमन की कल्पना डिफेंस कम्यूनिटी से काफी विचार-विमर्श के बाद क्रियान्वित हुई है, जो सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, प्रत्येक सीएससी का प्रबंधन एक ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) करता है, जिसे संबंधित स्थानीय सैन्य अधिकारियों (एलएमए) द्वारा वेटरन या एनओके में से चुना जाता है। इन वीएलई को सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड द्वारा शामिल किया गया है और उन्हें आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। एचडीएफसी बैंक भी वीएलई को पहले 12 महीनों के लिए 20,000 रुपये की मासिक अनुदान प्रदान करता है।

भारतीय सेना की प्रतिबद्धता

प्रोजेक्ट नमन भारतीय सेना के वेटरन और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाता है। स्पर्श केंद्रित सुविधा, सामान्य रूप से आवश्यक ई-गवर्नेंस सेवाएं और एक ही स्थान पर बैंकिंग सल्यूशंस प्रदान करके, वेटरन और नेक्स्ट ऑफ किन के लिए रोजगार उद्यमशीलता के अवसर भी पैदा करती है।

डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने नए कैबिनेट सचिव का संभाला पदभार

डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने 30 अगस्त 2024 को राजीव गौबा की सेवानिवृत्ति के बाद भारत सरकार में नए कैबिनेट सचिव के रूप में पदभार संभाला। डॉ. सोमनाथन तमिलनाडु कैडर (1987 बैच) के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया है, और वे एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट और कंपनी सचिव हैं।

केंद्र सरकार में करियर

डॉ. सोमनाथन ने इससे पहले केंद्र में प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया। साथ ही उन्हें वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया। कैबिनेट सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले, वे वित्त सचिव और व्यय विभाग के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे।

तमिलनाडु सरकार में भूमिकाएँ

इसके अतिरिक्त तमिलनाडु राज्य सरकार में, डॉ. सोमनाथन ने चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, मुख्यमंत्री के सचिव और जीएसटी के क्रियान्वयन के महत्वपूर्ण चरण के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव और वाणिज्यिक कर आयुक्त जैसे कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। उन्होंने आयुक्त, अनुशासनात्मक कार्यवाही के रूप में भी कार्य किया। चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संस्थापक प्रबंध निदेशक के रूप में, वह फाइनेंशियल क्लोजर प्राप्त करने और चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना को लागू करने के लिए प्रारंभिक निविदाएं प्रदान करने के लिए उत्तरदायी थे।

विश्व बैंक में अंतर्राष्ट्रीय अनुभव

उल्लेखनीय है, डॉ. सोमनाथन 1996 में वाशिंगटन में यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम के माध्यम से पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के रूप में वित्तीय अर्थशास्त्री के रूप में विश्व बैंक में शामिल हुए थे। जब ​​उन्हें बजट नीति समूह का प्रबंधक नियुक्त किया गया था, तब वह बैंक के सबसे कम उम्र के सेक्टर प्रबंधकों में से एक बन गए। उन्होंने 2011 से 2015 तक विश्व बैंक में निदेशक के रूप में कार्य किया।

80 से अधिक शोधपत्र और लेख प्रकाशित

आपको बता दें कि डॉ. सोमनाथन के अर्थशास्त्र, वित्त एवं सार्वजनिक नीति पर पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में 80 से अधिक शोधपत्र और लेख प्रकाशित हुए हैं, तथा मैकग्रॉ हिल, कैम्ब्रिज/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों के लेखक हैं।

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