मोदी सरकार का रेयर अर्थ पर बड़ा फैसला, 7280 करोड़ का शुरू होगा प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 26 नवंबर 2025 को 7280 करोड़ रुपये की ‘रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना’ को मंजूरी दी। यह योजना सिन्‍टर्ड Rare Earth Permanent Magnets (REPMs) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। भारत में यह अपनी तरह की पहली पहल है, जो एक इंटीग्रेटेड REPM निर्माण इकोसिस्टम स्थापित करेगी। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी, हाई-टेक उद्योगों को मजबूती मिलेगी और देश के नेट जीरो 2070 लक्ष्य को समर्थन मिलेगा।

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अपनी तरह की इस पहली पहल का मकसद भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की इंटीग्रेटेड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करना है। इससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और भारत ग्लोबल REPM मार्केट में एक अहम खिलाड़ी के तौर पर अपनी जगह बना सकेगा। इस योजना का कुल खर्च 7280 करोड़ रुपये है। इसमें पांच (5) वर्षों के लिए आरईपीएम बिक्री पर 6450 करोड़ रुपये के बिक्री-लिंक्ड प्रोत्साहन और कुल 6000 एमटीपीए आरईपीएम विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए 750 करोड़ रुपये की पूंजी सब्सिडी शामिल है।

रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPMs) क्या होते हैं?

REPMs दुनिया के सबसे शक्तिशाली परमानेंट मैग्नेट्स में शामिल हैं। इनका उपयोग आधुनिक तकनीकों में बड़े पैमाने पर होता है, जैसे—

  • इलेक्ट्रिक वाहन (EVs)

  • पवन टरबाइन व अन्य नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियाँ

  • एयरोस्पेस और रक्षा उपकरण

  • औद्योगिक स्वचालन (Automation)

  • उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स

भारत अभी लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर है, विशेषकर चीन से। यह नई योजना इस सामरिक क्षेत्र में स्वदेशी क्षमता विकसित करने की दिशा में निर्णायक कदम है।

₹7,280 करोड़ REPM योजना की प्रमुख विशेषताएँ

1. उद्देश्य

भारत में 6,000 MTPA (Metric Tons Per Annum) सिन्‍टर्ड REPMs का उत्पादन क्षमता स्थापित करना। इसमें संपूर्ण मूल्य श्रृंखला शामिल है—

  • Rare Earth Oxides से Metals में रूपांतरण

  • Metals से हाई-परफॉर्मेंस Alloy

  • Alloy से तैयार REPMs

2. वित्तीय संरचना

योजना की कुल लागत: ₹7,280 करोड़, जिसमें—

  • ₹6,450 करोड़: बिक्री-आधारित प्रोत्साहन (Sales-linked incentives) — 5 वर्षों में

  • ₹750 करोड़: पूंजी सब्सिडी (Capital subsidy) — प्लांट स्थापित करने के लिए

3. लाभार्थी चयन

  • कुल क्षमता 5 कंपनियों में विभाजित होगी।

  • प्रत्येक कंपनी को 1,200 MTPA तक क्षमता आवंटित की जाएगी।

  • चयन वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया (Global Competitive Bidding) के माध्यम से होगा।

4. योजना अवधि

कुल अवधि: 7 वर्ष

  • पहले 2 वर्ष: आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) स्थापित करने के लिए

  • अगले 5 वर्ष: बिक्री आधारित प्रोत्साहन दिए जाएंगे

हाई-टेक विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है। इसका उद्देश्य EVs, ड्रोन, रक्षा प्रणालियों और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण घटकों में आयात निर्भरता समाप्त करना है।
भारत में पहली बार पूरी तरह एकीकृत REPM निर्माण क्षमता विकसित होगी, जिससे देश की तकनीकी क्षमताएँ और सप्लाई चेन मजबूती पाएंगी।

रणनीतिक क्षेत्रों को सीधा लाभ

REPMs की घरेलू आपूर्ति से कई सेक्टर लाभान्वित होंगे—

  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी: EV मोटर्स के लिए

  • रक्षा और एयरोस्पेस: रडार, मिसाइल, एयरक्राफ्ट आदि

  • नवीकरणीय ऊर्जा: पवन टरबाइन की दक्षता में वृद्धि

  • उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: हेडफोन, स्पीकर, हार्ड ड्राइव आदि

स्थिर तथ्य 

विवरण तथ्य
योजना का नाम सिन्‍टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट निर्माण प्रोत्साहन योजना
मंजूरी तिथि 26 नवंबर 2025
कुल खर्च ₹7,280 करोड़
प्रोत्साहन संरचना ₹6,450 करोड़ (बिक्री आधारित) + ₹750 करोड़ (पूंजी सब्सिडी)
उत्पादन लक्ष्य 6,000 MTPA सिन्‍टर्ड REPMs
लाभार्थी कंपनियाँ 5
योजना अवधि 7 वर्ष (2 वर्ष स्थापना + 5 वर्ष प्रोत्साहन)

हैदराबाद में बनेगा एयरक्राफ्ट का इंजन, PM Modi ने किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2025 को हैदराबाद में भारत की पहली वैश्विक-स्तरीय विमान इंजन मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहौल (MRO) सुविधा का उद्घाटन किया। फ्रांस की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी सफ़रान द्वारा विकसित यह सुविधा — सफ़रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) — भारत के विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की एयरोस्पेस महत्वाकांक्षाओं की “नई उड़ान” बताते हुए जोर दिया कि यह कदम देश को वैश्विक MRO हब के रूप में स्थापित करेगा और भारत को विमानन निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनाएगा।

आत्मनिर्भर विमानन की दिशा में बड़ा कदम

  • SAESI को ₹1,300 करोड़ के निवेश से स्थापित किया गया है।

  • स्थान: जीएमआर एयरोस्पेस एवं इंडस्ट्रियल पार्क – SEZ, RGIA के पास, हैदराबाद

  • यह केंद्र LEAP इंजन की मेंटेनेंस करेगा — ये इंजन Airbus A320neo और Boeing 737 MAX जैसे विमानों को शक्ति देते हैं।

  • पहली बार किसी वैश्विक इंजन निर्माता (OEM) ने भारत में इतनी गहराई वाली सर्विस सुविधा स्थापित की है।

2035 तक लक्ष्य

  • 300 इंजन ओवरहॉल प्रति वर्ष

  • 1,000 से अधिक भारतीय इंजीनियर और तकनीशियन को रोजगार

यह भारत की विदेशी MRO सेवाओं पर भारी निर्भरता को कम करेगा और विदेशी मुद्रा की बचत करेगा।

भारत का तेजी से बढ़ता विमानन क्षेत्र

  • भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है (अमेरिका और चीन के बाद)।

  • भारतीय एयरलाइनों ने हाल ही में 1,500 से अधिक नए विमान ऑर्डर किए हैं।

  • विमानन मांग में तेज वृद्धि को देखते हुए इंजन मेंटेनेंस जैसी सेवाओं का घरेलू विकास अत्यंत आवश्यक है।

मेक इन इंडिया और एयरोस्पेस इकोसिस्टम को बढ़ावा

SAESI परियोजना सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत महत्वाकांक्षा से सीधे जुड़ी है।

प्रधानमंत्री ने सफ्रान से आग्रह किया:

  • केवल सर्विसिंग ही नहीं, बल्कि इंजन और कंपोनेंट डिज़ाइन व निर्माण भी भारत में शुरू करने पर विचार करें।

  • भारत के MSME सेक्टर, युवाओं और मजबूत सप्लाई चेन का उपयोग करें।

उन्होंने बताया कि सरकार शिपिंग MRO क्षमताओं को भी मजबूत करने पर कार्य कर रही है।

निवेश-अनुकूल सुधारों से बढ़ा विश्वास

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में निवेशकों के लिए वातावरण लगातार सुधरा है। प्रमुख सुधार:

  • 100% FDI अधिकांश क्षेत्रों में

  • रक्षा क्षेत्र में 74% FDI ऑटोमैटिक रूट से

  • GST में सरलीकरण

  • एमआरओ दिशानिर्देश 2021

  • घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम

  • व्यावसायिक मंज़ूरियों के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली का निर्माण

  • 40,000+ अनुपालन बोझ में कमी

  • फेसलेस टैक्स असेसमेंट, नए लेबर कोड और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की शुरुआत

इन सुधारों से भारत वैश्विक निवेश के लिए विश्वसनीय और आकर्षक गंतव्य बना है।

युवा रोजगार और कौशल विकास

SAESI परियोजना का एक बड़ा लाभ यह है कि यह व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन की क्षमता रखती है। इसके तहत 1,000 से अधिक कुशल नौकरियों के बनने की उम्मीद है, जिससे विशेष रूप से दक्षिण भारत के युवाओं को लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, सफ़रान वैश्विक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने और भारतीय संस्थानों के साथ मिलकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व विश्व-स्तरीय एयरोस्पेस मेंटेनेंस वर्कफ़ोर्स तैयार करने की दिशा में काम करेगा।

यह पहल भारत की नई पीढ़ी के एयरोस्पेस इंजीनियरों और तकनीशियनों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता प्रदान करेगी।

भारत के MRO लक्ष्य क्यों महत्वपूर्ण हैं?

भारत का लगभग 85% MRO कार्य अभी विदेशों में होता है, जिससे—

  • आपरेशन लागत बढ़ती है

  • विमान लंबे समय तक जमीन पर रहते हैं

  • विदेशी मुद्रा का बड़ा व्यय होता है

घरेलू MRO क्षमताएँ सक्षम बनाती हैं:

  • अरबों डॉलर की बचत

  • तेज सेवा

  • मजबूत सप्लाई चेन

  • अन्य देशों के विमानों के लिए भी MRO सेवा

  • MRO इकोसिस्टम का विकास (OEM, पार्ट सप्लायर, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट इत्यादि)

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • उद्घाटन तिथि: 26 नवंबर 2025

  • स्थान: जीएमआर एयरोस्पेस एवं इंडस्ट्रियल पार्क, हैदराबाद

  • निवेश: ₹1,300 करोड़

  • सेवा इंजन: LEAP (Airbus A320neo, Boeing 737 MAX)

  • क्षमता: 2035 तक 300 इंजन वार्षिक

  • रोजगार: 1,000+

  • भारत की विमानन रैंक: घरेलू बाजार में विश्व में तीसरा स्थान

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु तेग बहादुर के सम्मान में डाक टिकट और सिक्का जारी किया

श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट, विशेष सिक्का और कॉफ़ी-टेबल बुक जारी करके राष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धांजलि दी।

यह भव्य समारोह हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित ज्योतिसर में आयोजित किया गया, जो भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह कार्यक्रम धार्मिक स्वतंत्रता और सद्भाव के लिए गुरु तेग बहादुर के सर्वोच्च बलिदान की याद दिलाता है।

कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय आयोजन

  • यह आयोजन हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में किया गया।
  • हजारों श्रद्धालु हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से ज्योतिसर गांव पहुँचे।
  • पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्थाओं की व्यापक तैयारी की गई थी।

हालाँकि यह राज्य स्तरीय कार्यक्रम था, लेकिन इसने गुरु तेग बहादुर के राष्ट्रव्यापी सम्मान और योगदान को प्रतिध्वनित किया — विशेषकर मुगल शासनकाल में धार्मिक उत्पीड़न के विरुद्ध उनकी दृढ़ता को।

गुरबानी के माध्यम से अंतरधार्मिक एकता

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था — 350 छात्रों द्वारा अंतरधार्मिक गुरबानी पाठ, जो पटियाला से आए थे। इन छात्रों में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदायों के बच्चे शामिल थे, जो गुरु तेग बहादुर के संदेश—एकता, भाईचारा और धार्मिक स्वतंत्रता—का प्रतीक थे।

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन: ‘हिंद दी चादर’ को नमन

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु तेग बहादुर को “हिंद दी चादर” बताते हुए कहा कि उन्होंने धर्म परिवर्तन के दबाव को स्वीकार नहीं किया और अपने प्राणों की आहुति दी।
उन्होंने भाई जैता (भाई जीवण सिंह) के बलिदान और साहस को भी याद किया, जिन्होंने गुरु का शीश आनंदपुर साहिब तक पहुँचाया।

मोदी ने सिख विरासत को सम्मान देने के लिए केंद्र सरकार की पहलें भी बताईं:

  • प्रकाश गुरपुरब समारोह

  • करतारपुर साहिब कॉरिडोर

  • हेमकुंड साहिब रोपवे

  • विरासत-ए-खालसा संग्रहालय का विस्तार

पंचजन्य स्मारक एवं गीता महोत्सव 2025

ज्योतिसर दौरे के दौरान पीएम मोदी ने महाभारत एक्सपीरियंस सेंटर में पंचजन्य स्मारक का उद्घाटन किया।
मुख्य विशेषताएँ:

  • भगवान कृष्ण के दिव्य शंख का स्वर्णिम प्रतिरूप

  • भगवद्गीता के श्लोकों की अंकित प्रस्तुति

इसके बाद प्रधानमंत्री ने ब्रह्मसरोवर में महाआरती की, जो अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 का हिस्सा थी।
उन्होंने विद्वानों से संवाद किया और महाभारत-थीम आधारित दीर्घाओं को भी देखा।

परीक्षा-उन्मुख मुख्य तथ्य

  • अवसर: गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी वर्षगांठ

  • स्थान: ज्योतिसर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

  • आयोजक: हरियाणा सरकार (CM नायब सिंह सैनी)

  • जारी सम्मान:

    • स्मारक डाक टिकट

    • विशेष सिक्का

    • कॉफ़ी-टेबल बुक

  • उपाधि: गुरु तेग बहादुर – “हिंद दी चादर”

  • महत्वपूर्ण व्यक्तित्व: भाई जैता (भाई जीवण सिंह)

  • सरकारी पहलें:

    • करतारपुर कॉरिडोर

    • हेमकुंड साहिब रोपवे

    • विरासत-ए-खालसा

  • अन्य कार्यक्रम:

    • पंचजन्य स्मारक का उद्घाटन

    • ब्रह्मसरोवर में महाआरती

    • अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025

Gavi और UNICEF ने सस्ती मलेरिया वैक्सीन के लिए समझौता किया

Gavi (वैक्सीन एलायंस) और यूनीसेफ़ ने 24 नवंबर 2025 को R21/Matrix-M™ मलेरिया वैक्सीन के लिए एक ऐतिहासिक मूल्य समझौते की घोषणा की, जिसका उद्देश्य पहुंच और वहनीयता को बड़े पैमाने पर बढ़ाना है। मलेरिया अभी भी हर साल लगभग पाँच लाख बच्चों की जान ले लेता है, ऐसे में यह पहल दशक के अंत तक अतिरिक्त 70 लाख बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक बड़ा कदम है। यह सौदा गावी की अग्रिम वित्तीय सहायता से संभव हुआ है, जिसे अंतरराष्ट्रीय वित्त सुविधा फॉर इम्यूनाइज़ेशन (IFFIm) का समर्थन प्राप्त है। यह मॉडल दीर्घकालिक दाता प्रतिबद्धताओं को तुरंत उपलब्ध फंड में परिवर्तित करने में मदद करता है।

समझौते की मुख्य विशेषताएं

नए मूल्य समझौते के तहत:

  • प्रति वैक्सीन डोज़ की भविष्य की कीमत घटकर US$ 2.99 होगी

  • कुल US$ 90 मिलियन तक की बचत संभव

  • 3 करोड़ अतिरिक्त वैक्सीन डोज़ की खरीद संभव

  • 70 लाख बच्चों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित होगा

  • गावी के 2030 तक 5 करोड़ बच्चों को टीका लगाने के लक्ष्य को गति मिलेगी

नई कम कीमत एक वर्ष के भीतर लागू होने की उम्मीद है और इससे एक स्थायी एवं प्रतिस्पर्धी मलेरिया वैक्सीन बाज़ार विकसित करने में मदद मिलेगी।

वैश्विक बोझ और तत्काल आवश्यकता

2023 में दुनिया भर में:

  • 263 मिलियन मलेरिया मामले दर्ज हुए

  • 597,000 मौतें हुईं

  • इनमें से 95% मौतें अफ्रीका में, मुख्यतः पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में

कई उच्च-जोखिम वाले देशों में रोकथाम और उपचार तक निरंतर पहुंच नहीं होती, जिससे परिवारों और स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी बोझ पड़ता है।

मलेरिया उपचार की लागत:

  • सामान्य बाह्य-रोगी उपचार: US$ 4–7

  • गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने पर: US$ 70+

ऐसे में यह वैक्सीन पहल न केवल जीवन बचाती है बल्कि कमजोर क्षेत्रों में स्वास्थ्य लागत को भी काफी कम करती है।

वैक्सीन समानता में UNICEF और Gavi की भूमिका

यूनीसेफ़—दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन ख़रीददार—रणनीतिक खरीद और निर्माताओं के साथ साझेदारी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गावी के साथ मिलकर यह उचित मूल्य, स्थिर आपूर्ति श्रृंखला और ज़रूरतमंद क्षेत्रों में वैक्सीन उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
यूनीसेफ़ हर वर्ष लगभग 3 अरब डोज़ वितरित करता है, जो विश्व के लगभग आधे बच्चों तक पहुँचती हैं।

गावी 24 अफ्रीकी देशों का समर्थन करता है, जो दुनिया के मलेरिया बोझ का 70% वहन करते हैं। अब तक गावी राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से 4 करोड़ मलेरिया वैक्सीन डोज़ उपलब्ध करा चुका है।

IFFIm द्वारा नवोन्मेषी वित्तपोषण

यह सौदा IFFIm की वित्तीय नवाचार प्रणाली पर आधारित है, जो दीर्घकालिक दाता प्रतिबद्धताओं के आधार पर त्वरित फंडिंग उपलब्ध कराती है। इससे वैक्सीन कीमत कम होने और आपूर्ति बढ़ाने के अवसरों पर तुरंत कार्रवाई संभव होती है।

IFFIm बोर्ड के चेयर केन ले ने कहा: “हम सिर्फ वैक्सीन को फंड नहीं कर रहे — हम मलेरिया से लड़ने और हर बच्चे को सुरक्षा का समान अवसर देने के भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।”

स्थिर तथ्य (Static Facts)

तथ्य विवरण
सौदा साझेदार Gavi, UNICEF, IFFIm
वैक्सीन नाम R21/Matrix-M™
नई कीमत प्रति डोज़ US$ 2.99
कुल संभावित बचत US$ 90 मिलियन
अतिरिक्त डोज़ 3 करोड़
संरक्षित बच्चे 70 लाख (2030 तक)
गावी का लक्ष्य 5 करोड़ बच्चों का टीकाकरण

भारत ने महिला कबड्डी विश्व कप का खिताब फिर जीता

भारत की महिला कबड्डी टीम ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए महिलाओं का कबड्डी वर्ल्ड कप 2025 जीत लिया। ढाका, बांग्लादेश में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने चीनी ताइपे को 35–28 से हराकर अपना खिताब सफलतापूर्वक बचाया। इस जीत के साथ भारत ने वैश्विक कबड्डी में अपनी बादशाहत को और मजबूत किया।

फाइनल में दमदार प्रदर्शन

भारतीय टीम ने पूरे मैच में संयम और रणनीति का बेहतरीन प्रदर्शन किया—

  • पहले हाफ में मजबूत रक्षा और सटीक रेड के दम पर बढ़त बनाई।

  • ब्रेक के बाद अपने आक्रामक खेल को और धार दी, जिससे चीनी ताइपे की लय टूट गई।

  • मैच के हर चरण में नियंत्रण बनाए रखते हुए टीम ने 35–28 से जीत हासिल की।

नेतृत्व और प्रमुख खिलाड़ी

  • कप्तान ऋतु नेगी और उप-कप्तान पुष्पा राणा ने शांत और प्रभावी नेतृत्व किया।

  • पुष्पा राणा के तेज रेड और मजबूत डिफेंस ने टीम के संतुलन को बनाए रखा।

  • चम्पा ठाकुर, भावना ठाकुर और साक्षी शर्मा ने ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम की मजबूती बढ़ाई।

  • छत्तीसगढ़ की 23 वर्षीय संजू देवी फाइनल की सबसे चमकदार खिलाड़ी रहीं और टूर्नामेंट की ‘स्टैंडआउट परफॉर्मर’ बनीं।

कोचिंग और रणनीति की सफलता

  • हेड कोच तेजस्वी और सहायक कोच प्रियंका की योजनाओं ने टीम को निरंतर बढ़त दिलाई।

  • ईरान के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत ने शुरुआत में दो ऑल-आउट लेकर 33–21 से आसान जीत दर्ज की।

  • रेडिंग कॉम्बिनेशन, डिफेंस फॉर्मेशन और समय पर सब्सटीट्यूशन—इन सबने भारत को लगातार दूसरी बार विश्व विजेता बनाया।

मुख्य तथ्य 

बिंदु विवरण
फाइनल परिणाम भारत ने चीनी ताइपे को 35–28 से हराया
इवेंट महिला कबड्डी विश्व कप 2025
स्थान ढाका, बांग्लादेश
उपलब्धि लगातार दूसरा वर्ल्ड कप खिताब
कप्तान ऋतु नेगी
उप-कप्तान पुष्पा राणा
स्टार खिलाड़ी संजू देवी (छत्तीसगढ़)
सेमीफाइनल भारत ने ईरान को 33–21 से हराया

26/11 मुंबई हमले की 17वीं बरसी: 17 साल पहले थम गई थी मुंबई की लाइफलाइन

भारत ने 26 नवंबर 2008 को अपने इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक का सामना किया, जिसे 26/11 मुंबई आतंकी हमला के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान-स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) द्वारा रची गई इस साजिश में 166 लोगों की मौत हुई और 300 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। 2025 में इस हमले की 17वीं बरसी पर देश मुंबई में शहीदों, पीड़ितों और बचे हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

26/11 को क्या हुआ था?

10 भारी हथियारों से लैस आतंकवादी पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे। चार दिनों तक निरंतर आतंक फैलाते हुए उन्होंने शहर के कई प्रमुख स्थानों पर समन्वित हमले किए। उनके मुख्य निशाने थे:

  • ताजमहल पैलेस होटल

  • ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल

  • छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)

  • लियोपोल्ड कैफे

  • नरीमन हाउस (यहूदी चाबाड केंद्र)

  • कामा अस्पताल

  • मेट्रो सिनेमा जंक्शन

इन हमलों ने भारत की आर्थिक राजधानी को ठहराव और भय में डाल दिया। सुरक्षा बलों ने कई घंटों तक लड़ाई कर शहर को दुबारा नियंत्रण में लिया।

वीरता की मिसाल

इन हमलों के दौरान अनेक पुलिसकर्मियों ने अद्वितीय साहस दिखाया, जिनमें असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले का बलिदान सर्वोच्च है। उन्होंने अपनी जान गंवाकर अजमल आमिर कसाब, एकमात्र जीवित पकड़ा गया आतंकवादी, को पकड़ लिया।
कसाब को भारत में मुकदमे के बाद 2010 में फांसी की सजा सुनाई गई और 2012 में पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी दी गई

2025 में 17वीं बरसी पर राष्ट्र की श्रद्धांजलि

इस वर्ष गृह मंत्रालय और NSG मुंबई ने गेटवे ऑफ इंडिया पर ‘Neverever’ थीम के साथ एक स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया।

मुख्य गतिविधियाँ:

  • शहीदों और पीड़ितों की तस्वीरों के साथ पुष्पांजलि और मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि

  • जलाई गई मोमबत्तियों के मोम से बने प्रतीकात्मक “लिविंग मेमोरियल” का प्रदर्शन

  • मुंबई के 26 स्कूलों और 11 कॉलेजों में शपथ कार्यक्रम, युवाओं में सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए

  • गेटवे ऑफ इंडिया को तिरंगे की रोशनी से सजाया गया, जिस पर “Neverever” संदेश प्रदर्शित किया गया

अंतरराष्ट्रीय और कानूनी प्रगति

NIA ने हाल ही में MLAT समझौते के तहत अमेरिका से तहव्वुर राणा से संबंधित अतिरिक्त जानकारी मांगी है। राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद उसके बयान नए सुरागों की ओर संकेत करते हैं, जो इस लंबे चले आ रहे मामले को आगे बढ़ा सकते हैं। यह कदम दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।

भारत की सुरक्षा नीति में 26/11 की भूमिका

26/11 हमलों ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर किया और इसके बाद देश ने कई अहम कदम उठाए:

  • NSG का सुदृढ़ीकरण

  • NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की स्थापना

  • तटीय और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना

  • खुफिया तंत्र में बेहतर समन्वय

  • वैश्विक आतंकवाद-विरोधी साझेदारी को बढ़ावा

Never Forget 26/11” आज भी देश को सतर्क, एकजुट और दृढ़ रहने की प्रेरणा देता है।

राष्ट्रीय संविधान दिवस 2025: भारत के लोकतांत्रिक खाके का सम्मान

राष्ट्रीय संविधान दिवस, या संविधान दिवस (Samvidhan Divas), हर वर्ष 26 नवंबर को उस ऐतिहासिक दिन की स्मृति में मनाया जाता है, जब 1949 में संविधान सभा ने भारत का संविधान अपनाया था। यह दिवस नागरिकों को संविधान निर्माताओं के अद्वितीय योगदान की याद दिलाता है और उन संवैधानिक मूल्यों को पुन: पुष्ट करता है जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे और शासन प्रणाली का आधार हैं।

संविधान दिवस का उद्देश्य छात्रों, सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों में संवैधानिक साक्षरता बढ़ाना और उन्हें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों से जोड़ना है। संविधान दिवस 2025 में भारत संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होने का गौरव मनाता है।

संविधान दिवस का अर्थ और उद्देश्य

संविधान दिवस, संविधान सभा के उन सदस्यों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद एक नए भारत के लिए शासन और अधिकारों का व्यापक ढांचा तैयार किया।
भारत का संविधान बनने में कुल 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे — जो विश्व के सबसे विस्तृत संविधान-निर्माण प्रयासों में से एक है।

इस दिन विशेष रूप से डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर — संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष — के योगदान को स्मरण किया जाता है। संविधान दिवस नागरिकों को मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और लोकतांत्रिक जीवन के नैतिक आधारों की ओर पुनः उन्मुख करता है।

भारत में संविधान दिवस का इतिहास

हालाँकि संविधान 1949 में अपनाया गया था, लेकिन संविधान दिवस को आधिकारिक रूप से 2015 में घोषित किया गया।

मुख्य ऐतिहासिक तथ्य

  • संविधान दिवस को 19 नवंबर 2015 को सरकारी अधिसूचना के माध्यम से घोषित किया गया।

  • 26 नवंबर को इसलिए चुना गया क्योंकि यही संविधान अंगीकरण का दिन है।

  • यह घोषणा डॉ. भी.रा. अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर की गई थी।

  • 2015 से पहले, यह दिन विधि समुदायों द्वारा Law Day के रूप में मनाया जाता था।

  • नए नामकरण का उद्देश्य संविधान के सामाजिक–राजनीतिक प्रभाव को रेखांकित करना और डॉ. अंबेडकर के योगदान का सम्मान करना था।

संविधान दिवस का महत्व

संविधान दिवस भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें याद दिलाता है कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं बल्कि एक जीवंत मार्गदर्शिका है जो शासन, अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करती है।

संविधान दिवस के प्रमुख महत्व

संविधान दिवस —

  • मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और नीति निदेशक सिद्धांतों के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।

  • मनमानी के विरुद्ध संवैधानिक सर्वोच्चता को रेखांकित करता है।

  • डॉ. अंबेडकर और संविधान निर्माताओं के योगदान का सम्मान करता है।

  • धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों के प्रति जन-भागीदारी सुनिश्चित करता है।

  • नागरिकों में लोकतांत्रिक आदर्शों की रक्षा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

भारतीय संविधान का निर्माण: समय-रेखा

भारत का संविधान तैयार करना एक ऐतिहासिक और बौद्धिक रूप से समृद्ध प्रक्रिया थी, जिसमें व्यापक बहस, विचार-विमर्श और सहमति शामिल थी।

मुख्य घटनाओं की कालानुक्रमिक सूची

घटना तिथि
संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का अध्यक्ष के रूप में चयन 11 दिसंबर 1946
डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में मसौदा समिति का गठन 29 अगस्त 1947
संविधान के मसौदे का प्रस्तुतीकरण 4 नवंबर 1948
संविधान का अंगीकरण 26 नवंबर 1949
संविधान का लागू होना (गणतंत्र दिवस) 26 जनवरी 1950

संविधान पर खुले सत्रों में कुल 165 दिन बहस हुई — जिसमें विविध विचारों ने आधुनिक भारत की लोकतांत्रिक संरचना को आकार दिया।

संविधान दिवस पर मनाए जाने वाले संवैधानिक मूल्य

भारतीय संविधान की मूल आत्मा प्रस्तावना में व्यक्त होती है। यह भारत की राजनीतिक और सामाजिक दर्शन को परिभाषित करती है।

मुख्य संवैधानिक मूल्य

  • न्याय — सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय

  • स्वतंत्रता — विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना

  • समानता — अवसरों की समानता, गरिमा और अधिकार

  • बंधुत्व — राष्ट्रीय एकता, अखंडता और आपसी सम्मान

  • धर्मनिरपेक्षता — सभी धर्मों के प्रति राज्य की समान दूरी

  • लोकतंत्र — जन-भागीदारी, प्रतिनिधित्व और जवाबदेही

  • कानून का शासन — मनमानी पर कानून की सर्वोच्चता

संविधान दिवस बनाम गणतंत्र दिवस: मुख्य अंतर

विशेषता संविधान दिवस (26 नवंबर) गणतंत्र दिवस (26 जनवरी)
महत्व संविधान का अंगीकरण संविधान का लागू होना
घोषित संविधान दिवस (2015) राष्ट्रीय त्योहार
अवकाश सार्वजनिक अवकाश नहीं राष्ट्रीय अवकाश
फोकस संवैधानिक जागरूकता भारत के गणराज्य का उत्सव
गतिविधियाँ प्रस्तावना वाचन, चर्चाएँ, व्याख्यान परेड, पुरस्कार, सांस्कृतिक समारोह

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • अंगीकरण की तिथि: 26 नवंबर 1949

  • लागू होने की तिथि: 26 जनवरी 1950

  • संविधान दिवस की आधिकारिक घोषणा: 19 नवंबर 2015

  • निर्माण अवधि: 2 वर्ष, 11 महीने, 18 दिन

  • मसौदा समिति के अध्यक्ष: डॉ. बी.आर. अंबेडकर

  • अंगीकरण के समय कुल अनुच्छेद: 395

  • वर्तमान अनुच्छेद (2025): 448

  • संविधान की लंबाई: विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान

  • अनुसूचियों की संख्या: 12

असम में बहुविवाह पर रोक लगाने वाला बिल पेश

असम सरकार के विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि बहुविवाह को दंडनीय अपराध माना जाएगा और इसके दोषी को कानून के अनुसार सात वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह विधेयक 2023 में किए गए अपने वादे को पूरा करते हुए प्रस्तुत किया। यह कदम उन प्रभावित महिलाओं की स्थिति को देखते हुए उठाया गया है जिनके जीवन में बहुविवाह के कारण कठिनाइयाँ आईं। 2023 में राज्यव्यापी सर्वेक्षण के बाद सरकार को ऐसा कानून लाने की जरूरत महसूस हुई थी।

विधेयक के मुख्य प्रावधान

1. बहुविवाह की परिभाषा

किसी व्यक्ति द्वारा एक वैध विवाह चलते हुए दूसरी शादी करना, जब तक पहला विवाह कानूनी रूप से समाप्त न हुआ हो।

2. प्रथम अपराध के लिए सज़ा

  • अधिकतम 7 वर्ष की कैद

  • अदालत द्वारा निर्धारित जुर्माना

3. विवाह छुपाने पर कठोर दंड

  • अधिकतम 10 वर्ष की कैद

  • जुर्माना (विधेयक में राशि निर्दिष्ट नहीं)

4. पुनरावृत्ति पर सज़ा

  • पहले अपराध के दंड की तुलना में दोगुनी सज़ा

5. पीड़ित महिलाओं के लिए मुआवज़ा

  • बहुविवाह से पीड़ित महिलाओं को मुआवज़ा देने का प्रावधान

लागू क्षेत्र और छूट

विधेयक पूरे असम में लागू होगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों और समुदायों को छूट दी गई है:

1. छठी अनुसूची क्षेत्र (Sixth Schedule Areas) छूट

  • बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन

  • करबी आंगलोंग

  • दीमा हसाओ

इन क्षेत्रों में विशेष स्वशासन होने के कारण कानून लागू नहीं होगा।

2. अनुसूचित जनजातियाँ (STs) छूट

  • संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत सूचीबद्ध ST समुदाय इस कानून के दायरे से बाहर होंगे।

3. राज्य के बाहर की गई शादी पर भी लागू

यदि असम का कोई निवासी कानून लागू होने के बाद राज्य के बाहर बहुविवाह करता है, तो उस पर भी यह कानून लागू होगा।

अतिरिक्त दंडात्मक प्रावधान

1. साज़िश या सहायता करने वालों के लिए सज़ा

यदि कोई व्यक्ति बहुविवाह में मदद करता है, छुपाता है, या भाग लेता है — जैसे:

  • गांव प्रमुख

  • क़ाज़ी

  • माता-पिता या अभिभावक

तो उसे मिल सकती है—

  • 2 वर्ष तक की कैद

  • ₹1 लाख तक जुर्माना

2. अवैध विवाह संपन्न कराने वालों पर सज़ा

जो व्यक्ति यह जानते हुए भी बहुविवाह की शादी करवाता/संपन्न करता है:

  • 2 वर्ष तक की कैद

  • ₹1.5 लाख तक जुर्माना

सजा के बाद नागरिक अधिकारों पर प्रतिबंध

दोषी पाए जाने पर व्यक्ति:

  • सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य होगा

  • राज्य की किसी भी लाभकारी योजना से वंचित रहेगा

  • स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकेगा, जैसे—

    • पंचायत चुनाव

    • नगर निकाय चुनाव

स्थैतिक तथ्य (Static Facts)

विवरण जानकारी
विधेयक का नाम असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025
प्रस्तुतकर्ता मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
पेश करने की तारीख 25 नवंबर 2025
पहली बार अपराध अधिकतम 7 वर्ष कैद
विवाह छुपाने पर अधिकतम 10 वर्ष कैद
दोबारा अपराध पिछली सज़ा से दोगुनी
छूट वाले क्षेत्र छठी अनुसूची क्षेत्र
छूट वाली समुदाय अनुसूचित जनजातियाँ (अनुच्छेद 342)

RCMS Bank को बेस्ट प्रॉफिट कमाने वाले कोऑपरेटिव बैंक का सम्मान मिला

सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण, बेलगावी मुख्यालय वाले रानी चन्नम्मा महिला सहकारी बैंक (RCMS Bank) को वर्ष 2025 के लिए बेलगावी ज़िले का सर्वश्रेष्ठ लाभ कमाने वाला बैंक चुना गया है। यह सम्मान कर्नाटक के हावेरी में आयोजित 72वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह के दौरान प्रदान किया गया। यह पुरस्कार कर्नाटक स्टेट अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स फेडरेशन, बेंगलुरु द्वारा दिया गया, जिसने RCMS बैंक के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, उत्कृष्ट शासन व्यवस्था और महिलाओं उद्यमियों व वंचित समुदायों को प्रोत्साहित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

नेतृत्व और समावेशी विकास

बैंक की अध्यक्षा प्रीति कोरे दडडवाड ने RCMS बैंक की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने बैंक की प्रतिबद्धता दोहराई कि RCMS केवल वित्तीय रूप से मज़बूत संस्था बनने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी कार्यरत है। उनके नेतृत्व में बैंक ने महिलाओं को लक्षित ऋण सेवाएँ, वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता सहायता प्रदान कर उल्लेखनीय प्रगति की है।

यह सम्मान दर्शाता है कि महिला-नेतृत्व वाली सहकारी संस्थाएँ एक अधिक समावेशी और समुदाय-केंद्रित बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान – Coop Kumbh 2025

RCMS बैंक की उपलब्धियों को Coop Kumbh 2025 में भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया, जिसका आयोजन नई दिल्ली में किया गया था। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया। इस मंच पर बैंक की प्रोफेशनल डायरेक्टर सुश्री बीना आचार ने बैंक की प्रेरणादायक यात्रा प्रस्तुत की — एक क्षेत्रीय सहकारी से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्था तक।

इससे RCMS बैंक भारत के सहकारी बैंकिंग आंदोलन में अग्रणी संस्थानों में शामिल हो गया है, जो “लाभ के साथ उद्देश्य” का आदर्श प्रस्तुत करता है।

सहकारी बैंकिंग मूल्यों को मज़बूती

समारोह में NAFCUB के चेयरमैन एमेरिटस एच. के. पटेल और अन्य प्रमुख सहकारी बैंकिंग हस्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा दी। उनके संबोधनों में RCMS बैंक के शासन, पारदर्शिता और उपभोक्ता सेवा को एक अनुकरणीय मानक बताया गया।

RCMS बैंक लगातार यह सिद्ध कर रहा है कि यदि सहकारी बैंकों का संचालन पेशेवर और समावेशी ढंग से किया जाए, तो वे लाभ कमाने और प्रभाव उत्पन्न करने के मामले में मुख्यधारा के बैंकों की बराबरी कर सकते हैं — खासकर टियर-2 और ग्रामीण क्षेत्रों में।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • पुरस्कार: बेलगावी ज़िले का सर्वश्रेष्ठ लाभ कमाने वाला बैंक (2025)

  • बैंक: रानी चन्नम्मा महिला सहकारी बैंक (RCMS Bank)

  • मुख्यालय: बेलगावी, कर्नाटक

  • कार्यक्रम: 72वां अखिल भारतीय सहकार सप्ताह

  • स्थान: हावेरी, कर्नाटक

  • आयोजक: कर्नाटक स्टेट अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स फेडरेशन

  • अध्यक्षा: प्रीति कोरे दडडवाड

National Milk Day 2025: जानें क्यों 26 नवंबर को ही मनाते हैं राष्ट्रीय दुग्ध दिवस?

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के “श्वेत क्रांति के जनक” डॉ. वर्गीज़ कुरियन की जयंती को समर्पित है। वर्ष 2025 का समारोह न केवल उनके दूरदर्शी नेतृत्व को श्रद्धांजलि देता है, बल्कि भारत की उस अद्भुत यात्रा को भी दर्शाता है जिसमें देश एक दूध–घाटा राष्ट्र से दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बना और आज वैश्विक उत्पादन का लगभग 25% हिस्सा अकेले भारत देता है।

दूध भारत की पोषण प्रणाली और अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे 8 करोड़ से अधिक किसान परिवार जुड़े हुए हैं। दूध उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कैल्शियम और आवश्यक पोषक तत्वों का प्रमुख स्रोत भी है।

ऐतिहासिक सफर : आयात पर निर्भरता से वैश्विक नेतृत्व तक

1950–60 के दशक में, विश्व की सबसे बड़ी पशुधन आबादी होने के बावजूद भारत दूध की भारी कमी से जूझ रहा था। इस संकट से समाधान मिला:

  • राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की स्थापना (1965)

  • ऑपरेशन फ्लड का शुभारंभ (1970) – आनंद मॉडल पर आधारित

डॉ. कुरियन के नेतृत्व में,

  • गांव स्तर पर दुग्ध समितियों का विशाल नेटवर्क विकसित हुआ

  • किसान–शहर बाज़ार संबंध मजबूत हुए

  • बिचौलियों पर निर्भरता घटाई गई

  • करोड़ों ग्रामीण परिवारों की आय में स्थायी सुधार हुआ

भारत की डेयरी प्रगति : एक दशक की झलक

2014–15 से 2023–24 के बीच:

  • दूध उत्पादन में 63.56% वृद्धि

  • उत्पादन : 239.3 मिलियन टन

  • प्रति व्यक्ति उपलब्धता : 124 ग्राम → 471 ग्राम/दिन

भारत के 303.76 मिलियन पशुधन के कारण उत्पादकता में 27.39% वृद्धि, जो विश्व में सबसे तेज़ है। देसी नस्लों का योगदान भी तेजी से बढ़कर:

  • 29 मिलियन टन → 50 मिलियन टन हो गया।

इन उपलब्धियों के पीछे महत्वपूर्ण योजनाएँ हैं:

1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission)

(2014 में शुरू, 2025 में पुनर्गठित)

मुख्य उद्देश्‍य:

  • देसी नस्लों का संरक्षण व आनुवंशिक सुधार

  • एआई (Artificial Insemination) सेवाओं का विस्तार

  • IVF लैब और ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्म स्थापित करना

₹3,400 करोड़ की कुल लागत से अब तक लाभार्थी:

  • 92 मिलियन पशु

  • 56 मिलियन किसान

2024–25 में:

  • 565.55 लाख एआई किए गए

राष्ट्रीय एआई कार्यक्रम के अंतर्गत:

  • 5.5 करोड़ किसानों तक सेवाएँ

  • सेक्स–सॉर्टेड सीमन

  • 38,700 MAITRIs द्वारा डोर-स्टेप सेवाएँ

2. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)

(2021 से संशोधित ढांचा)

घटक A:

  • दूध परीक्षण, चिलिंग, संग्रहण अवसंरचना विकसित करना

घटक B:

  • प्रोसेसिंग व बाजार विस्तार

उपलब्धियाँ:

  • 31,908 दुग्ध सहकारी समितियाँ बनीं

  • 120.68 लाख किग्रा/दिन अतिरिक्त दूध संग्रह क्षमता

  • 6,000 बल्क मिल्क कूलर्स

  • 61,677 गांवों में परीक्षण लैब्स

सबसे बड़ा प्रमुख संयंत्र

  • साबर डेयरी प्लांट, रोहतक (हरियाणा)

    • लागत : ₹350 करोड़

    • क्षमता : 150 MT दही/दिन और 3 लाख लीटर छाछ/दिन

महिलाओं की बढ़ती भूमिका

  • डेयरी क्षेत्र में 70% महिलाएँ सक्रिय

  • 48,000 से अधिक महिला-संचालित सहकारी समितियाँ

  • 16 महिला–प्रधान MPOs

  • आंध्र प्रदेश की श्रीजा MPO को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त

GST सुधार: डेयरी उपभोक्ताओं और किसानों के लिए राहत

56वीं GST परिषद (3 सितंबर 2025) में महत्वपूर्ण कटौतियाँ:

  • UHT दूध व पनीर – 0% GST

  • मक्खन/घी/डेयरी पेय – 12% → 5%

  • आइसक्रीम – 18% → 5%

  • दूध कैन और अन्य डेयरी इनपुट – अब 5%

ये सुधार 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों और दूध मूल्य श्रृंखला को मजबूत करेंगे।

व्हाइट रिवोल्यूशन 2.0 (2024–29)

उद्देश्य:

  • 75,000 नई डेयरी सहकारी समितियाँ बनाना

  • दूध संग्रह क्षमता को 1007 लाख किग्रा/दिन तक बढ़ाना

  • तीन मल्टी–स्टेट सहकारी समितियों की स्थापना:

    • फीड व इनपुट आपूर्ति

    • बायोफर्टिलाइज़र और प्राकृतिक खेती

    • पर्यावरण-संगत शव निपटान

यह योजना किसान आय, स्थिरता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत का डेयरी भविष्य : आँकड़े और अनुमान

APEDA (सितंबर 2025) के अनुसार:

  • भारत 2025–26 में वैश्विक दूध उत्पादन में 32% योगदान देगा

  • उत्पादन : 242 मिलियन टन

  • 2028–29 तक प्रोसेसिंग क्षमता : 100 मिलियन लीटर/दिन

  • FMD और ब्रूसीलोसिस उन्मूलन अभियान जारी

गोपाल रत्न पुरस्कार 2025

ये पुरस्कार 26 नवंबर को प्रदान किए जाएंगे, श्रेणियाँ:

  • देसी नस्ल दुग्ध पालन

  • कृत्रिम गर्भाधान सेवाएँ

  • दुग्ध सहकारी नेतृत्व

पुरस्कार राशि:

  • ₹5 लाख

  • ₹3 लाख

  • ₹2 लाख
    विशेष पुरस्कार: पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए

स्टैटिक फैक्ट्स (परीक्षा हेतु उपयोगी)

  • दिवस: 26 नवंबर (डॉ. कुरियन की जयंती)

  • भारत का उत्पादन (2023–24): 239.3 मिलियन टन

  • प्रति व्यक्ति उपलब्धता: 471 ग्राम/दिन

  • महिलाओं की भागीदारी: 70%

  • गोकुल मिशन बजट: ₹3,400 करोड़

  • AI (2024–25): 565.55 लाख

  • NPDD लक्ष्य: अवसंरचना + बाज़ार विस्तार

  • साबर डेयरी प्लांट, रोहतक: ₹350 करोड़

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