2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.6% की दर से बढ़ेगी: IMF

भारत की आर्थिक गति ने विश्व भर के पर्यवेक्षकों को लगातार प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.6% रहने का अनुमान लगाया है। यह अनुमान FY 2024–25 की 6.5% वृद्धि और FY 2025–26 की पहली तिमाही (Q1) में दर्ज 7.8% की मजबूत GDP वृद्धि के बाद सामने आया है। यह आकलन IMF की भारत के लिए जारी वार्षिक आर्टिकल IV परामर्श रिपोर्ट में दिया गया है।

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बढ़ते व्यापार तनावों के बावजूद, मजबूत घरेलू मांग, रणनीतिक सुधारों और सुदृढ़ नीतिगत ढांचे के कारण भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले देशों में शामिल रहेगा।

GST सुधारों से बाहरी व्यापार दबावों का प्रभाव कम होगा

IMF रिपोर्ट के अनुसार, माल और सेवा कर (GST) सुधारों ने भारत की वित्तीय स्थिरता को मजबूत किया है और बाहरी झटकों, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा कुछ आयातों पर लगाए गए 50% शुल्क के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करेंगे।

GST अनुपालन में सुधार, कर आधार का विस्तार, और केंद्र–राज्य समन्वय ने राजकोषीय ढांचे को स्थिर बनाया है। इन सुधारों से भारत घरेलू ताकत के बल पर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने में सक्षम होगा।

वैश्विक चुनौतियों के बीच घरेलू मजबूती

हालाँकि वैश्विक व्यापार में मंदी, भू-राजनीतिक तनाव और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में ऊँची ब्याज दरें जोखिम बनी हुई हैं, फिर भी भारत की वृद्धि निम्न तत्वों से प्रेरित होगी:

  • बढ़ती उपभोक्ता मांग

  • सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा निवेश

  • डिजिटल परिवर्तन

  • अर्थव्यवस्था का औपचारिकरण

  • GST व आयकर डिजिटलाइजेशन के कारण बेहतर कर संग्रह

FY 2025–26 की पहली तिमाही के 7.8% विकास आँकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत की आंतरिक आर्थिक क्षमता मजबूत है। यदि संरचनात्मक बाधाओं को दूर किया जाए, तो आने वाली तिमाहियाँ भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।

IMF की सलाह: दीर्घकालिक विकास के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक

IMF ने जोर देकर कहा कि भारत को उन्नत अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ने के लिए व्यापक संरचनात्मक सुधारों को जारी रखना होगा। इनमें शामिल हैं:

  • श्रम बाजार में अधिक लचीलापन और व्यवसाय सुगमता

  • भूमि अधिग्रहण सुधार

  • शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार

  • आधुनिक कार्यबल के अनुरूप स्किलिंग पहल

  • MSMEs के लिए बेहतर क्रेडिट उपलब्धता हेतु वित्तीय क्षेत्र का गहन विकास

ये सुधार भारत की संभावित वृद्धि दर को बढ़ाएँगे और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • IMF ने FY 2025–26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.6% अनुमानित की है।

  • FY 2025–26 की पहली तिमाही में 7.8% GDP वृद्धि दर्ज की गई।

  • GST सुधार भारत को अमेरिका के 50% शुल्क प्रभाव से निपटने में मदद कर रहे हैं।

  • घरेलू मांग, बुनियादी ढाँचे और डिजिटलाइजेशन से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिल रहा है।

  • श्रम, भूमि, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता बनी हुई है।

IGF ने भारतीय ब्रांड्स को ग्लोबल बनाने के लिए $250 मिलियन का फंड लॉन्च किया

भारतीय ब्रांडों को वैश्विक मंच पर मजबूत पहचान दिलाने के उद्देश्य से इंडिया ग्लोबल फ़ोरम (IGF) ने 250 मिलियन डॉलर का एक विशेष फंड लॉन्च किया है। दुबई में आयोजित IGF Middle East 2025 में घोषित यह फंड भारतीय उपभोक्ता व औद्योगिक कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश और विस्तार में मदद करेगा।

यह कदम भारत–यूएई सहयोग, आर्थिक कूटनीति और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की गहरी भागीदारी को नई गति देगा। दुबई को इस पहल का केंद्र बनाया गया है, जहाँ से भारतीय ब्रांडों को पूंजी, लॉजिस्टिक्स और वैश्विक निवेशकों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।

IGF के 250 मिलियन डॉलर फंड की प्रमुख विशेषताएँ

  • उद्देश्य: भारतीय ब्रांडों को वैश्विक बाजारों में प्रवेश और विस्तार में सहायता करना; दुबई को लॉन्चपैड बनाना।

  • फंड आकार: 250 मिलियन डॉलर, जिसमें Ved Family Office और Ananta Capital सहित निजी निवेशकों का समर्थन।

  • लॉन्च अवसर: IGF Middle East 2025 (दुबई) में अनावरण — भारत–यूएई नवाचार एवं व्यापार साझेदारी पर केंद्रित।

  • फोकस सेक्टर:

    • खाद्य एवं पेय (F&B)

    • उपभोक्ता उत्पाद

    • रसायन

    • ऑटोमोबाइल

    • एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग

    • औद्योगिक उत्पाद

कैसे मिलेगा समर्थन?

  • वैश्विक बाजारों के लिए तैयार करने हेतु एक्सेलेरेटर कार्यक्रम

  • निवेशकों, साझेदारों और संभावित ग्राहकों तक कस्टमाइज़्ड पहुँच

  • DP World की दुबई स्थित लॉजिस्टिक प्रणाली का उपयोग

  • ब्रांडिंग, अनुपालन (Compliance) और वैश्विक नियमों को समझने में सहायता

रणनीतिक महत्व: यह फंड क्यों खास है?

1. वैश्विक विस्तार को गति

भारतीय ब्रांड घरेलू बाजार से निकलकर वैश्विक पहचान बना सकेंगे।

2. भारत–यूएई संबंधों को मजबूती

CEPA जैसे समझौतों और PM मोदी की 2015 UAE यात्रा से बने मजबूत रिश्तों को नया आयाम।

3. बाज़ार विविधीकरण

मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप और अन्य क्षेत्रों में नए बाज़ारों तक पहुंच, पारंपरिक निर्यात निर्भरता में कमी।

4. MSMEs को लाभ

छोटी व मध्यम कंपनियों को वैश्विक प्रवेश बाधाओं से निपटने में मजबूत समर्थन।

5. दुबई — वैश्विक प्रवेश द्वार

उत्तम कनेक्टिविटी, नियामकीय सुगमता और निवेश नेटवर्क से तेज़ अंतरराष्ट्रीय विस्तार संभव।

अपेक्षित परिणाम

  • लक्षित क्षेत्रों में निर्यात प्रदर्शन में वृद्धि

  • भारत में ग्लोबली कॉम्पिटिटिव ब्रांड्स का निर्माण

  • विदेशी निवेश प्रवाह में बढ़ोतरी

  • भारत–यूएई व्यापार गलियारे की मजबूती

  • नए रोजगार और R&D में निवेश में बढ़ोतरी

किन चुनौतियों पर नज़र रखनी होगी?

  • वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा करने की क्षमता

  • नवाचार और प्रतिस्पर्धा बनाए रखना

  • फंड वितरण में पारदर्शिता

  • भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रा उतार-चढ़ाव और वैश्विक मांग जैसे बाहरी जोखिम

स्टैटिक जानकारी 

  • लॉन्च संस्था: इंडिया ग्लोबल फ़ोरम (IGF)

  • फंड आकार: 250 मिलियन डॉलर

  • वर्ष / आयोजन: 2025, IGF Middle East (दुबई)

  • मुख्य उद्देश्य: भारतीय ब्रांडों के वैश्विक विस्तार को समर्थन

  • लक्षित सेक्टर: F&B, रसायन, ऑटो, मैन्युफैक्चरिंग, उपभोक्ता उत्पाद

  • केंद्र: दुबई (DP World की लॉजिस्टिक्स सहायता)

IFFI 2025: गोवा के मुख्‍यमंत्री ने फिल्‍म निर्माता के. वैकुंठ के सम्‍मान में स्‍मारक डाक टिकट जारी किया

भारतीय सिनेमा की विरासत को सम्मानित करने वाले इस भावपूर्ण क्षण में, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में वरिष्ठ सिनेमैटोग्राफर और फ़िल्ममेकर के. वैकुंठ के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह आयोजन पनजी, गोवा में हुआ और भारतीय सिनेमा में पाँच दशकों तक चले वैकुंठ के अमूल्य योगदान को औपचारिक रूप से श्रद्धांजलि दी गई।

भारतीय सिनेमा के दृश्य-शिल्पी: के. वैकुंठ

  • मुख्यमंत्री सावंत ने कार्यक्रम में कहा कि के. वैकुंठ “वे कलाकार थे जिनके कैमरे ने क्लासिक भारतीय सिनेमा की दृश्य-भाषा को आकार दिया।”
  • उन्होंने बताया कि वैकुंठ का काम केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था—उन्होंने भारतीय कहानी कहने की भव्यता और पात्रों की भावनात्मक गहराई दोनों को समान कुशलता से कैद किया।
  • उनकी सिनेमैटिक शैली चमकदार दृश्य सौंदर्य और मानवीय संवेदनाओं के संतुलन के लिए जानी जाती है।
  • गोवा के फिल्म-हब बनने से बहुत पहले ही वैकुंठ भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण पहचान बना चुके थे, जिससे उनका योगदान और भी ज्यादा अर्थपूर्ण हो जाता है।

‘गोवा मार्चेस ऑन’ की स्क्रीनिंग: एक भूली-बिसरी धरोहर

कार्यक्रम की भावनात्मक गहराई बढ़ाने के लिए के. वैकुंठ की 1977 की डॉक्यूमेंट्री ‘Goa Marches On’ की विशेष स्क्रीनिंग की गई।
फिल्म ने गोवा के सांस्कृतिक विकास के दौर को सूक्ष्म दृष्टि से दर्शाया, जिससे युवा दर्शकों और अनुभवी सिने-प्रेमियों को वैकुंठ की गहरी समझ और कलात्मक दृष्टि देखने का अवसर मिला।

यह डॉक्यूमेंट्री वैकुंठ के गोवा से गहरे जुड़ाव की भी याद दिलाती है—एक ऐसा प्रदेश जो आज विश्वस्तरीय फिल्म फेस्टिवल की मेजबानी करता है, पर कभी फिल्म दुनिया की मुख्यधारा से दूर था।

पाँच दशकों की रचनात्मक यात्रा: 35+ फ़िल्में और अनगिनत डॉक्यूमेंट्री

अपने 50+ सालों के करियर में के. वैकुंठ ने:

  • 35 से अधिक फीचर फिल्मों

  • अनेक विज्ञापनों

  • और कई डॉक्यूमेंट्री फिल्मों

पर काम किया।

वे इन प्रसिद्ध फिल्मों से जुड़े रहे:

  • मेरे अपने

  • बंधन

  • मौसम

  • राज़

  • परिचय

इन फिल्मों की व्यावसायिक सफलता से आगे, उनका सौंदर्यबोध और भावनात्मक गहराई वैकुंठ की सिनेमैटोग्राफी से और समृद्ध हुई।

एक महान कलाकार की विरासत

के. वैकुंठ का 9 फ़रवरी 2003 को निधन हुआ, परंतु उनकी कला आज भी नई पीढ़ी के फिल्मकारों को प्रेरित करती है। उनके सम्मान में जारी किया गया स्मारक डाक टिकट उनके योगदान की आधिकारिक और सांस्कृतिक मान्यता को दर्शाता है। IFFI जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह सम्मान अतीत की महान विरासत को वर्तमान की रचनात्मक आकांक्षाओं से जोड़ देता है—यही के. वैकुंठ की स्थायी धरोहर है।

भरतनाट्यम की मशहूर नृत्यांगना कुमारी कमला का निधन

भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया ने एक महान विभूति को खो दिया है। प्रसिद्ध भरतनाट्यम नर्तकी कुमारी कमला — जिन्हें कमला लक्ष्मीनारायणन या बेबी कमला के नाम से भी जाना जाता है — का 91 वर्ष की आयु में कैलिफोर्निया (अमेरिका) में निधन हो गया। एक बाल प्रतिभा से लेकर विश्वप्रसिद्ध कलाकार और अध्यापिका बनने तक की उनकी यात्रा भरतनाट्यम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। उनका जीवन भारतीय नृत्य परंपराओं के एक महत्वपूर्ण परिवर्तन — सदीर से भरतनाट्यम के रूपांतरण — का जीवंत प्रमाण था।

सदीर से भरतनाट्यम: नृत्य परंपरा का नवजागरण

  • कमला उन कुछ कलाकारों में थीं जो मंदिरों में प्रचलित सदीर नृत्य से लेकर मंच-उपयुक्त आधुनिक भरतनाट्यम के विकास की ऐतिहासिक प्रक्रिया की साक्षी रहीं।

  • प्रसिद्ध गुरु वझुवूर रमैय्या पिल्लै की शिष्या होने के कारण उन्होंने वझुवूर बानी की कोमलता, नज़ाकत, लयबद्धता और भावाभिव्यक्ति को उच्चतम स्तर तक साधा।

  • कमला के शुरुआती प्रदर्शनों ने उनकी लय पर अद्भुत पकड़, भावपूर्ण प्रस्तुतियों और मंच पर असाधारण नियंत्रण को उजागर किया।

करियर की महत्वपूर्ण झलकियाँ और वैश्विक प्रभाव

  • बहुत कम उम्र से नृत्य आरंभ करने के कारण उन्हें “बेबी कमला” के नाम से ख्याति मिली।

  • उन्होंने भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन किए—विशेषकर नेहरू युग के सांस्कृतिक दौरों में वे भारत की सांस्कृतिक दूत बनीं।

  • जीवन के बाद के वर्षों में अमेरिका में बसकर उन्होंने नृत्य संस्थानों की स्थापना की और भारतीय प्रवासी समुदाय में भरतनाट्यम को लोकप्रिय बनाया।

  • भरतनाट्यम की शास्त्रीय शुद्धता और भावपूर्ण अभिव्यक्ति उनकी शैली की पहचान थी।

सम्मान और राष्ट्रीय पहचान

कुमारी कमला को उनकी अतुलनीय कला के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले:

  • पद्म भूषण (1970) — भारत का उच्च नागरिक सम्मान

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1968) — संगीत, नाटक और नृत्य के क्षेत्र का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान

  • US National Heritage Fellowship — अमेरिका में भारतीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए दिया गया सर्वोच्च सम्मान

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने सात दशकों से अधिक समय तक भरतनाट्यम के संरक्षण और प्रसार में अप्रतिम योगदान दिया।

उनकी विरासत का महत्व

  • उनका जाना केवल एक महान कलाकार का निधन नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के एक जीवित दस्तावेज़ का खो जाना है।

  • उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक दोनों रूपों में भरतनाट्यम को नई ऊँचाइयाँ दीं।

  • अमेरिका में उनके कार्य ने भारतीय नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई।

  • एक गुरु के रूप में उन्होंने अनुशासन, तकनीक और नृत्य-भक्ति के मूल्य सिखाए और उनके शिष्य आज विश्वभर में उनके नाम को आगे बढ़ा रहे हैं।

मुख्य स्थिर तथ्य 

नाम: कमला लक्ष्मीनारायणन
लोकप्रिय नाम: कुमारी कमला / बेबी कमला
आयु: 91 वर्ष
निधन स्थान: कैलिफोर्निया, अमेरिका
प्रमुख गुरु: वझुवूर रमैय्या पिल्लै
नृत्य शैली: भरतनाट्यम (वझुवूर बानी)

प्रमुख पुरस्कार:

  • पद्म भूषण (1970)

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1968)

प्रधानमंत्री मोदी ने विक्रम-I रॉकेट और स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का शुभारंभ किया

भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को बड़ी गति देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 नवंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्काईरूट एयरोस्पेस के ‘इन्फिनिटी कैंपस’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कंपनी के पहले ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल विक्रम-I का भी अनावरण किया। यह क्षण न केवल स्काईरूट एयरोस्पेस के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, बल्कि भारत के उस विज़न के लिए भी महत्वपूर्ण है जिसमें स्टार्टअप और निजी कंपनियाँ वैश्विक अंतरिक्ष नवाचार के केंद्र में हों।

विक्रम-I: भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र का ऐतिहासिक कदम

  • विक्रम-I का नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

  • यह देश का पहला निजी तौर पर विकसित ऑर्बिटल रॉकेट है।

  • सबऑर्बिटल रॉकेटों के विपरीत, विक्रम-I छोटे उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करने में सक्षम है, जो भारत को तेजी से बढ़ते वैश्विक सैटेलाइट लॉन्च बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बढ़त देता है।

  • यह उपलब्धि विक्रम-S (नवंबर 2022) की सफलता के बाद आई है, जो भारत का पहला निजी सबऑर्बिटल रॉकेट था।

स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस: भारत की अत्याधुनिक स्पेस सुविधा

  • हैदराबाद स्थित यह 2,00,000 वर्ग फुट का अत्याधुनिक परिसर लॉन्च व्हीकल के डिज़ाइन, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग—सभी प्रक्रियाओं के लिए तैयार है।

  • स्काईरूट का लक्ष्य है हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट का निर्माण करना, जिससे भारत की लॉन्च क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

  • यह सुविधा भारत की नई अंतरिक्ष नीति के अनुरूप निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा देती है।

पीएम मोदी का संदेश: भारत का भविष्य अंतरिक्ष में

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के युवा इंजीनियरों, कोडर्स और वैज्ञानिकों की नवाचार क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा—

“स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक है।”

उन्होंने बताया कि भारत में 300 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप अब देश के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा और गति दे रहे हैं।

स्काईरूट की स्थापना और दृष्टि

  • स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना पवन चंदना और भारत डाका ने की थी—दोनों IIT स्नातक और पूर्व ISRO वैज्ञानिक।

  • उनका मिशन है:

    • अंतरिक्ष तक पहुंच को सरल और सस्ती बनाना

    • लॉन्च लागत कम करना

    • लचीले और स्केलेबल लॉन्च सिस्टम विकसित करना

  • इन्फिनिटी कैंपस भविष्य में व्यावसायिक, वैज्ञानिक और रणनीतिक सभी प्रकार के मिशनों का केंद्र बनेगा।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • पीएम मोदी ने 27 नवंबर 2025 को स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन और विक्रम-I का अनावरण किया।

  • 2 लाख वर्ग फुट का यह केंद्र हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बना सकता है।

  • विक्रम-I भारत का पहला निजी ऑर्बिटल रॉकेट है; विक्रम-S के बाद अगला बड़ा कदम।

  • स्काईरूट की स्थापना ISRO वैज्ञानिक पवन चंदना और भारत डाका ने की।

  • भारत में अब 300+ स्पेस स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र को नई गति दे रहे हैं।

CBDT ने ‘NUDGE’ कैंपेन शुरू किया

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को आयकर रिपोर्टिंग में स्वैच्छिक अनुपालन (voluntary compliance) के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘NUDGE’ नामक नया जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसका पूरा नाम है Non-intrusive Usage of Data to Guide and Enable, जिसका उद्देश्य बिना हस्तक्षेप किए उपलब्ध डेटा का उपयोग करके करदाताओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देना है। यह अभियान विशेष रूप से करदाताओं से अपने आयकर रिटर्न (ITR) की दोबारा समीक्षा और आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करने का आग्रह करता है, खासकर Schedule FA (Foreign Assets) और Foreign Source Income (FSI) के प्रकटीकरण से संबंधित विवरणों पर। यह कदम वैश्विक स्तर पर सीमा-पार लेनदेन और विदेशी संपत्ति रिपोर्टिंग पर बढ़ती निगरानी के बीच उठाया गया है, ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पारदर्शिता मानकों के अनुरूप आगे बढ़ सके।

NUDGE अभियान क्या है?

NUDGE अभियान, जो तुरंत प्रभाव से शुरू किया गया है, एक डेटा-आधारित, गैर-हस्तक्षेपकारी (non-intrusive) अनुपालन पहल है। इसके तहत आयकर विभाग पहले से उपलब्ध और चिन्हित जानकारी का उपयोग करके करदाताओं को उनके दाखिल किए गए रिटर्न में संभावित गलतियों या छूटे हुए विवरणों की याद दिलाएगा। कल से CBDT करदाताओं को SMS और ईमेल अलर्ट भेजना शुरू करेगा, जिनमें उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे स्वेच्छा से अपने रिटर्न की सत्यापन, संशोधन या सुधार करें—और यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है: किसी भी कानूनी या दंडात्मक कार्रवाई से पहले करदाताओं को स्वयं-सुधार का अवसर देना।

मुख्य फोकस: विदेशी परिसंपत्तियाँ और आय

NUDGE अभियान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ITR में Schedule FA और FSI से संबंधित जानकारी की सटीकता बढ़ाना। इसमें शामिल हैं:

  • विदेशी बैंक खाते

  • विदेश में संपत्ति (property ownership)

  • विदेशी प्रतिभूतियाँ (securities), ट्रस्ट आदि

  • विदेशी स्रोतों से आय — जैसे निवेश, नौकरी या अन्य कमाई

यदि इन विवरणों में कोई गलती या कमी रहती है, तो करदाता पर Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) Act, 2015 के तहत भारी दंड लग सकता है। इसलिए यह अभियान करदाताओं के लिए पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

अभियान का महत्व

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विदेशी आय और विदेशों में छिपाई गई संपत्तियों पर कर नियमों को काफी सख्त किया है।

CRS (Common Reporting Standard) जैसी वैश्विक सूचना-साझा व्यवस्था के तहत भारत को अब अन्य देशों से विस्तृत वित्तीय जानकारी स्वतः मिलती है।

NUDGE अभियान CBDT की टेक्नोलॉजी-आधारित, डेटा-ड्रिवन रणनीति का हिस्सा है, जहाँ फोकस तत्काल दंड की बजाय सहज और स्वैच्छिक अनुपालन पर है।

यह सरकार की उस नीति के अनुरूप है जिसमें अनुपालन को सरल, पारदर्शी और दबाव-रहित बनाया जा रहा है, ताकि राजस्व जवाबदेही बढ़े और प्रवर्तन बोझ कम हो।

करदाताओं को क्या करना चाहिए?

CBDT ने विशेष रूप से उन करदाताओं को सलाह दी है जिनके पास विदेशी संपत्तियाँ या विदेशी आय है कि वे—

  • अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर चेक करें

  • आयकर पोर्टल में लॉग इन करके अपने ITR की सभी जानकारी की दोबारा जाँच करें

  • यदि कोई गलती या अनुपालन कमी है, तो तुरंत ITR संशोधित (revised) करें

  • यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें, ताकि किसी दंड या कानूनी कार्रवाई से बच सकें

ध्यान देने योग्य बात:
करदाता धारा 139(5) के तहत अपना रिटर्न संशोधित कर सकते हैं, बशर्ते यह समयसीमा के भीतर किया जाए और किसी जांच (scrutiny) की कार्यवाही शुरू न हुई हो।

Nominal GDP और Real GDP में क्या अंतर है?

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी देश के आर्थिक प्रदर्शन को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण सूचक है। लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समानुपाती (Nominal) GDP और वास्तविक (Real) GDP से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इनके बीच का अंतर सरल भाषा में समझना बहुत उपयोगी है। यह लेख दोनों अवधारणाओं, उनके सूत्रों और मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रभाव को समझाता है।

GDP क्या है? 

GDP किसी देश में एक वर्ष के दौरान उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है और कितनी तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन जब कीमतें मुद्रास्फीति या अपस्फीति के कारण बदलती हैं, तो GDP मापना कठिन हो जाता है। यही वजह है कि Nominal GDP और Real GDP का उपयोग किया जाता है।

Nominal GDP क्या है?

Nominal GDP किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसकी गणना वर्तमान बाज़ार कीमतों पर की जाती है। यानी इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल होता है

मुख्य बिंदु

  • वर्तमान वर्ष की कीमतों से गणना की जाती है

  • आर्थिक वृद्धि दिखाता है, लेकिन उच्च मुद्रास्फीति के समय भ्रमित कर सकता है

  • कीमतें बढ़ने पर आमतौर पर अधिक दिखाई देता है

उदाहरण

यदि 2024 में एक देश 100 किलो चावल का उत्पादन करता है और कीमत ₹50 प्रति किलो है—
Nominal GDP = 100 × 50 = ₹5,000

यदि अगले वर्ष कीमत ₹60 हो जाती है और उत्पादन वही रहता है—
Nominal GDP = 100 × 60 = ₹6,000

यह वृद्धि उत्पादन नहीं, बल्कि कीमत बढ़ने के कारण है।

Real GDP क्या है?

Real GDP किसी देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसकी गणना एक स्थिर (base year) कीमत पर की जाती है। यानी इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव हटाया जाता है और वास्तविक उत्पादन वृद्धि दिखाई देती है।

मुख्य बिंदु

  • आधार वर्ष की कीमतों से गणना की जाती है

  • आर्थिक वृद्धि की अधिक सटीक तुलना करता है

  • अर्थशास्त्रियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पसंद किया जाता है

उदाहरण

उसी चावल उदाहरण में, यदि आधार वर्ष की कीमत ₹50 है—
Real GDP = 100 × 50 = ₹5,000 (दोनों वर्षों में)

कोई वृद्धि नहीं → क्योंकि उत्पादन में बदलाव नहीं हुआ।

Nominal GDP और Real GDP में अंतर

  1. कीमतों का प्रभाव

    • Nominal GDP: मुद्रास्फीति शामिल

    • Real GDP: मुद्रास्फीति हटाई जाती है

  2. सटीकता

    • Nominal GDP: उच्च मुद्रास्फीति में भ्रामक

    • Real GDP: वास्तविक आर्थिक वृद्धि दिखाता है

  3. उपयोगिता

    • Nominal GDP: वर्तमान आर्थिक आकार मापने के लिए

    • Real GDP: समय के साथ वास्तविक वृद्धि मापने के लिए

  4. सूत्र

    • Nominal GDP = मूल्य × मात्रा (वर्तमान वर्ष)

    • Real GDP = मूल्य × मात्रा (आधार वर्ष)

GDP Deflator क्या है?

Nominal GDP को Real GDP में परिवर्तित करने के लिए GDP Deflator का उपयोग किया जाता है।

सूत्र

GDP Deflator = (Nominal GDP / Real GDP) × 100

GDP Deflator यदि 100 से ऊपर हो → मतलब मुद्रास्फीति है।

परीक्षाओं में Real GDP क्यों अधिक महत्वपूर्ण है?

सरकारी परीक्षाएँ Real GDP पर ज़ोर देती हैं क्योंकि यह—

  • वास्तविक उत्पादन वृद्धि दिखाता है

  • कर, सब्सिडी, निवेश जैसी नीतियों के प्रभाव को मापने में मदद करता है

  • अर्थव्यवस्था के वास्तविक प्रदर्शन को दर्शाता है

Nominal GDP कीमत बढ़ने पर भी बढ़ सकता है, लेकिन Real GDP सच दिखाता है

भारत कौन-सा GDP उपयोग करता है?

भारत आर्थिक विकास मापने के लिए Real GDP को प्रमुख संकेतक मानता है।
वर्तमान आधार वर्ष: 2011–12

सारणी: Nominal GDP बनाम Real GDP

विशेषता Nominal GDP Real GDP
प्रयुक्त कीमतें वर्तमान कीमतें स्थिर (आधार वर्ष) कीमतें
मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल हटाया हुआ
सटीकता कम अधिक
उपयोग आर्थिक आकार मापने के लिए आर्थिक वृद्धि मापने के लिए

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार आईडीए के अध्यक्ष बने

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार वर्ष 2026 के लिए इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (International IDEA) के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे। वह यह जिम्मेदारी 3 दिसंबर 2025 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित सदस्य देशों की परिषद की बैठक के दौरान औपचारिक रूप से ग्रहण करेंगे।

International IDEA क्या है?

International IDEA एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1995 में विश्वभर में लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के मूल उद्देश्य से की गई थी। इसका मुख्यालय स्टॉकहोम में स्थित है और इसके 35 सदस्य देश हैं, जिनमें भारत भी शामिल है, जबकि अमेरिका और जापान जैसे देश पर्यवेक्षक के रूप में जुड़े हैं।

इसके प्रमुख कार्यक्षेत्र शामिल हैं—

  • समावेशी और जवाबदेह लोकतंत्र को बढ़ावा देना

  • चुनावी प्रणाली सुधारों का समर्थन

  • विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना

  • दुष्प्रचार, मतदाता उदासीनता जैसी चुनौतियों का समाधान

भारत इस संगठन का संस्थापक सदस्य है और इसकी नीतियों एवं लोकतांत्रिक विकास एजेंडा को आकार देने में लगातार सक्रिय भूमिका निभाता रहा है।

भारत की अध्यक्षता का महत्व

लगभग एक अरब मतदाताओं के साथ, भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे जटिल चुनावी अभ्यास संचालित करता है। उसकी पारदर्शी प्रणालियाँ और व्यापक मतदाता सहभागिता वैश्विक मानकों के रूप में मानी जाती हैं।

अध्यक्ष के रूप में ज्ञानेश कुमार—

  • वर्ष 2026 के दौरान International IDEA की परिषद बैठकों की अध्यक्षता करेंगे

  • संगठन के वैश्विक एजेंडा को भारत के लोकतांत्रिक अनुभव के आधार पर दिशा देंगे

  • साक्ष्य-आधारित चुनावी सुधारों को बढ़ावा देंगे

  • सदस्य देशों के EMBs के बीच सहयोग को मजबूत करेंगे

यह केवल औपचारिक पद नहीं है, बल्कि भारत की चुनावी नवाचारों को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने और डिजिटल चुनौतियों व दुष्प्रचार के दौर में वैश्विक लोकतांत्रिक सहयोग को गहरा करने का अवसर है।

वैश्विक चुनावी क्षमता निर्माण में भारत की भूमिका

भारत का चुनाव आयोग अपने प्रशिक्षण संस्थान IIIDEM (India International Institute of Democracy and Election Management) के माध्यम से विश्वभर में चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

मुख्य उपलब्धियाँ—

  • 142 देशों के 3,169 अधिकारियों का प्रशिक्षण

  • 28 देशों के साथ प्रशिक्षण एवं सहयोग के समझौते (MoUs)

  • International IDEA के साथ संयुक्त कार्यशालाएँ और शोध कार्यक्रम

ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में यह साझेदारी और भी मजबूत होने की उम्मीद है, जिसमें अधिक संरचित ज्ञान-साझाकरण, संयुक्त कार्यक्रम और भारत की चुनावी श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का तकनीकी दस्तावेजीकरण शामिल होगा।

अध्यक्षता से जुड़े प्रमुख विवरण

  • अध्यक्ष: ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत

  • संगठन: International IDEA

  • कार्यकाल: पूरा कैलेंडर वर्ष 2026

  • कार्यभार ग्रहण तिथि: 3 दिसंबर 2025

  • स्थान: स्टॉकहोम, स्वीडन

  • भारत की स्थिति: संस्थापक सदस्य

  • सदस्य देश: 35 (ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका आदि)

स्थैतिक तथ्य

  • CEC नियुक्ति: ज्ञानेश कुमार

  • पद: अध्यक्ष, International IDEA (2026)

  • स्थापना वर्ष: 1995

  • मुख्यालय: स्टॉकहोम, स्वीडन

  • सदस्य देश: 35

  • पर्यवेक्षक: अमेरिका और जापान

जावोखिर सिंडारोव बने फिडे विश्व कप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी

उजबेकिस्तान के जावोखिर सिंडारोव ने 26 नवंबर 2025 को चीन के वेई यी को हराकर फिडे विश्व कप जीत लिया। इससे वह 19 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। वेई यी ने सफेद मोहरों के साथ एक और आसान ड्रॉ खेला। लेकिन सिंडारोव ने दूसरे गेम में सफेद मोहरों से जीत दर्ज की।

लगभग एक माह तक चले इस टूर्नामेंट में 206 खिलाड़ियों ने भाग लिया और अद्भुत मुकाबलों, तकनीकी उत्कृष्टता और कई ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बना। इस जीत के साथ सिंदारोव सबसे कम उम्र के फ़िडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनने वाले खिलाड़ी बन गए।

2025 फ़िडे वर्ल्ड कप का सार

इस लंबे और चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंट का अंतिम मुकाबला इन दो खिलाड़ियों के बीच हुआ:

  • वेई यी (2752) – चीन के नंबर 1 खिलाड़ी

  • जावोखिर सिंडारोव (2721) – उज़्बेकिस्तान के उभरते सितारे

दोनों खिलाड़ी कठिन राउंड्स, क्लासिकल खेलों और रोमांचक टाईब्रेकर से गुजरते हुए फाइनल तक पहुँचे।

मुख्य झलकियाँ

  • टूर्नामेंट की शुरुआत 1 नवंबर को 206 खिलाड़ियों के साथ हुई।

  • आंद्रेई एसिपेंको ने 2–0 की क्लासिकल जीत के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।

  • फाइनल के दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, जिसके बाद टाईब्रेकर खेले गए।

  • टाईब्रेकर में सिंदारोव ने 1½–½ से जीत दर्ज की।

फाइनल दिवस का माहौल

गोवा में आयोजित फाइनल में तनाव और उत्साह का अनोखा मिश्रण देखने को मिला।

विशेष बातें

  • उद्घाटन चाल: जी.एम. डिब्येंदु बरुआ (AICF के उपाध्यक्ष)

  • समापन समारोह की तैयारियाँ पहले से ही शुरू

  • खिलाड़ियों, प्रतिनिधियों और आयोजकों के लिए शानदार गाला डिनर

  • पूरी दुनिया के प्रशंसक निर्णायक खेल को लाइव देख रहे थे

टाईब्रेकर गेम 1

जावोखिर सिंडारोव ने सभी को चौंकाते हुए 1.d4 से शुरुआत की, जिससे रागोज़िन डिफेंस की संतुलित स्थिति बनी।

  • वेई यी ने 30…g5 की गंभीर गलती की।

  • जावोखिर सिंडारोव को जीत का मौका मिला पर वे सर्वश्रेष्ठ चाल नहीं ढूँढ पाए।

  • खेल ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

टाईब्रेकर गेम 2

दूसरा टाईब्रेकर “इटैलियन ओपनिंग” के साथ शुरू हुआ।

  • स्थिति अंत तक संतुलित रही।

  • समय संकट में दोनों खिलाड़ियों के पास केवल कुछ सेकंड बचे थे।

  • वेई यी ने जीत का मौका गंवाया और बाद में 57.Rxd4?? की बड़ी गलती कर बैठे।

  • जावोखिर सिंडारोव ने निर्णायक आक्रमण करते हुए जीत हासिल की।

जावोखिर सिंडारोव की ऐतिहासिक जीत

  • जावोखिर सिंडारोव ने इस जीत को अपने करियर का सबसे शानदार पल बताया।
  • वह उज़्बेकिस्तान के झंडे में लिपटे हुए अपने परिवार और समर्थकों के साथ जश्न मनाते दिखे।
  • यह जीत उनके युवा शतरंज करियर में एक विशाल उपलब्धि है।

टूर्नामेंट के यादगार क्षण

2025 वर्ल्ड कप कई अविश्वसनीय घटनाओं से भरा रहा:

शीर्ष हाइलाइट्स

  • जोसे मार्टिनेज ने नोडिरबेक अब्दुसत्तारोव को हराकर उलटफेर किया।

  • फ़्रेडरिक स्वाने ने विश्व चैंपियन गुकेश डी को मात दी।

  • दानिल डुबोव की 10 मिनट की वायरल तैयारी।

  • अर्जुन एरिगैसी की वेई यी के खिलाफ दर्दनाक टाईब्रेकर गलती।

  • 2026 फ़िडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तीन नए खिलाड़ी क्वालीफाई हुए।

आगे क्या?

वर्ल्ड कप समाप्त होने के बाद अब शतरंज प्रेमियों की निगाहें अगले बड़े आयोजन पर टिकी हैं:

आगामी चैंपियनशिप

  • 2025 फ़िडे रैपिड एवं ब्लिट्ज चैंपियनशिप

  • स्थान: दोहा, क़तर

  • तिथियाँ: 26–30 दिसंबर

तेज़ गति वाले रोमांचक मुकाबलों का इंतज़ार अब सभी कर रहे हैं।

टूर्नामेंट का महत्व

  • एक महीना—उलटफेर, शानदार खेल और नाटकीय मोड़ों से भरा

  • तीन नए कैंडिडेट्स क्वालिफ़ायर मिले

  • दोहा में होने वाली रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप की नींव रखी

IIGF 2025 : भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 27-28 नवंबर को नई दिल्ली में होगा आयोजित

इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (IIGF) 2025, जो भारत के अग्रणी बहु-हितधारक इंटरनेट नीति मंच का पाँचवाँ संस्करण है, 27–28 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। “समावेशी और सतत विकसित भारत के लिए इंटरनेट गवर्नेंस को आगे बढ़ाना” थीम के तहत आयोजित यह फ़ोरम भारत की डिजिटल इकोसिस्टम के भविष्य की दिशा तय करने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाएगा। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में नीति-निर्माताओं, तकनीकी उद्योग के नेताओं, शैक्षणिक शोधकर्ताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और वैश्विक डिजिटल संगठनों की भागीदारी होगी, जिससे यह भारत की डिजिटल गवर्नेंस में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन बन जाता है।

स्थल और प्रतिभागिता

पहला दिन: इंडिया हैबिटैट सेंटर, नई दिल्ली
दूसरा दिन: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली

फ़ोरम में इंटरनेट गवर्नेंस के तकनीकी, विनियामक (regulatory) और समुदाय-केंद्रित पहलुओं पर आधारित चार प्रमुख पैनल चर्चाएँ और बारह कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी।

कार्यक्रम का उद्घाटन श्री जितिन प्रसादा, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, श्री सुशील पाल, संयुक्त सचिव (MeitY), तथा डॉ. देशेश त्यागी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (NIXI) द्वारा किया जाएगा।

IIGF 2025 की प्रमुख थीम्स

IIGF 2025 को भारत की डिजिटल प्राथमिकताओं और विकसित भारत @2047 के अनुरूप तीन महत्वपूर्ण उप-थीम्स के आधार पर संरचित किया गया है:

1. समावेशी डिजिटल भविष्य (Inclusive Digital Future)

इस ट्रैक में डिजिटल विभाजन को कम करने, इंटरनेट सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने तथा डिजिटल विकास में ग्रामीण, उपेक्षित और वंचित समुदायों को शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।

2. लचीले और सतत विकास के लिए डिजिटल अवसंरचना

यह चर्चा मजबूत डिजिटल अवसंरचना—जैसे क्लाउड सिस्टम, डेटा सेंटर और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी—की भूमिका पर केंद्रित होगी, जो आर्थिक विकास, स्थिरता और आपदा-रोधी क्षमता को मजबूत करती है।

3. लोगों, ग्रह और प्रगति के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए, यह थीम AI के नैतिक, सुरक्षित और मानव-केंद्रित उपयोग पर केंद्रित होगी, ताकि यह विकास लक्ष्यों, पर्यावरणीय स्थिरता और डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा को समर्थन दे।

बहु-हितधारक संवाद मंच

2021 में स्थापित, IIGF संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (UN IGF) का भारतीय अध्याय है। यह एक बहु-हितधारक मंच के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें सरकार, उद्योग, नागरिक समाज, शैक्षणिक क्षेत्र और तकनीकी समुदाय की समान भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।

फ़ोरम का प्रबंधन 14 सदस्यीय आयोजन समिति द्वारा किया जाता है, जो भारत की डिजिटल नीति को आकार देने में विविध विशेषज्ञता और हितों का संतुलन दर्शाती है।

UN IGF, Meta, Google Cloud, CCAOI और भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के वक्ता और विशेषज्ञ विभिन्न विषयों—डिजिटल समावेशन, साइबर सुरक्षा, AI विनियमन और गवर्नेंस ढांचे—पर विचार-विमर्श करेंगे।

स्थैतिक तथ्य 

  • कार्यक्रम: इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (IIGF) 2025

  • तिथियाँ: 27–28 नवंबर 2025

  • स्थल:

    • दिन 1: इंडिया हैबिटैट सेंटर

    • दिन 2: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली

  • थीम: “समावेशी और सतत विकसित भारत के लिए इंटरनेट गवर्नेंस को आगे बढ़ाना”

  • आयोजक: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) एवं NIXI

  • स्थापना वर्ष: 2021

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