कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद ऋषभ पंत अस्पताल में भर्ती

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टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत सड़क हादसे का शिकार हुए हैं। उनकी कार रुड़की में डिवाइडर से टकराई है। इस हादसे में पंत के सिर और पैर में चोट लगी है। हादसे की बाद कार में आग लग गई थी और कार पूरी तरह से जल गई। गाड़ी का शीशा तोड़कर पंत को बाहर निकाले और राहगीरों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। पंत दिल्ली से अपने घर उत्तराखंड लौट रहे थे। रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास उनकी कार हादसे का शिकार हुई। ऋषभ फिलहाल बीसीसीआई की मेडिकल टीम की निगरानी में हैं। उन्हें देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।

बीसीसीआई ने ऋषभ की हेल्थ का अपडेट ट्विटर के जरिए दी। बोर्ड ने मीडिया स्टेटमेंट ट्वीट किया है। बोर्ड ने अपने बयान में कहा,”भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत शुक्रवार (30 दिसंबर) सुबह उत्तराखंड के रुड़की के पास एक कार दुर्घटना का शिकार हो गए। उन्हें सक्षम अस्पताल मल्टीस्पेशियलिटी और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उनका चोट लगने के तुरंत बाद इलाज किया गया।”

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टीम इंडिया के साथ क्यों नहीं थे ऋषभ पंत?

 

टीम के मुख्य खिलाड़ियों में से एक, ऋषभ पंत बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए आखिरी टेस्ट भारत के दौरान भारत एकादश के सदस्य थे। ऋषभ पंत ने बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच में 93 रनों की अहम पारी खेली थी जिससे टीम की मैच में वापसी हुई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को श्रीलंका के खिलाफ ODI और T20I मैचों के लिए आराम दिया गया था और उन्हें NCA में इलाज कराना था।

 

एमएस धोनी के साथ वेकेशन से लौटे ऋषभ पंत

 

बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला समाप्त होने के बाद ऋषभ पंत ने दुबई की यात्रा की, जब उन्हें भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ देखा गया। धोनी की पत्नी साक्षी ने भी दोनों (एमएस धोनी और ऋषभ पंत) की एक फोटो शेयर की। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के अनुसार, माना जाता है कि ऋषभ पंत इस सप्ताह की शुरुआत में भारत लौट आए थे और अपने गृहनगर रुड़की जा रहे थे, जब उनकी कार मंगलौर में एक डिवाइडर से टकरा गई, जब वह दिल्ली से जा रहे थे।

Sam Curran Breaks IPL Auction Records and Becomes Most Expensive Cricketer_80.1

महाराष्ट्र लोकायुक्त विधेयक पारित करने वाला देश का पहला राज्य बना

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महाराष्ट्र विधानसभा ने 28 दिसंबर को लोकायुक्त विधेयक 2022 पारित किया, जो मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के दायरे में लाता है। ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य है। शिक्षक प्रवेश परीक्षा में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष के सदन से बहिर्गमन करने के कारण विधेयक बिना किसी चर्चा के पारित हो गया। कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने विधेयक पेश किया जिसमें मुख्यमंत्री और कैबिनेट को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के दायरे में लाने का प्रावधान है।

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विधेयक के मुख्य प्रावधान

 

विधेयक के प्रावधान के अनुसार, मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले लोकायुक्त को विधानसभा की मंजूरी लेनी होगी। इस तरह के प्रस्ताव के लिए महाराष्ट्र विधान सभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी। विधेयक में यह भी कहा गया है कि आंतरिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े मामलों की जांच लोकायुक्त नहीं करेगा।

 

ऐसी किसी भी जांच को गुप्त रखा जाएगा और यदि लोकायुक्त इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि शिकायत खारिज करने योग्य है, तो जांच के रिकॉर्ड को प्रकाशित नहीं किया जाएगा या किसी को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। लोकायुक्त का एक अध्यक्ष होगा, जो किसी उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश होगा। इसके अलावा इसमें सुप्रीम कोर्ट या बॉम्बे हाई कोर्ट का कोई जज होगा। लोकायुक्त में अधिकतम चार सदस्य होंगे, जिनमें से दो न्यायपालिका से होंगे।

 

लोकायुक्त अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति हेतु चयन समिति

 

इसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष, विधान सभा और परिषद में विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश या बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा मनोनीत एक न्यायाधीश शामिल होंगे। चयन समिति में किसी की अनुपस्थिति में लोकायुक्त अध्यक्ष या सदस्य की कोई भी नियुक्ति अमान्य नहीं होगी।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

 

  • महाराष्ट्र के राज्यपाल: भगत सिंह कोश्यारी;
  • महाराष्ट्र की राजधानी: मुंबई;
  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री: एकनाथ शिंदे।

 

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Election commission set up a polling booth for a single voter in Gujarat_90.1

 

 

बेंजामिन नेतन्याहू फिर बने इजरायल के PM, छठी बार ली शपथ

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बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर से इजरायल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। सबसे लंबे समय तक अपने देश का पीएम रहने वाले नेतन्याहू को 120 सदस्यीय नेसेट (संसद) में 63 सांसदों का समर्थन हासिल है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, 54 सांसदों ने उनकी सरकार के खिलाफ मतदान किया। 73 वर्षीय नेतन्याहू ने छठी बार प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इजरायल का नया प्रधानमंत्री बनने पर नेतन्याहू को बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट किया, नेतन्याहू को नई सरकार बनाने पर हार्दिक बधाई।

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नेतन्याहू को 120 सदस्यीय इजरायली सांसद में 63 सांसदों का समर्थन था। सदन में 54 सांसदों ने उनकी सरकार के विरोध में वोट किया था। उनकी सरकार में कई दक्षिणपंथी पार्टियां शामिल हैं। इसमें शास, यूनाइटेड तोरा जुदैज्म, ओत्ज्मा येहुदित, रिलिजियस जियोनिस्ट पार्टी और नोआम शामिल हैं। इजरायल में 37वीं सरकार के गठन के लिए विश्वासमत से ठीक पहले लिकुड पार्टी के सांसद आमिर ओहाना को संसद का नया स्पीकर चुना गया।

 

कैबिनेट का गठन

 

नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट में 31 मंत्रियों और तीन उपमंत्रियों को नियुक्त किया है। रक्षा, शिक्षा और कल्याण मंत्रालय में दो-दो मंत्रियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने पांच महिलाओं को भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

 

नेतन्याहू सरकार के तीन लक्ष्य

 

नेतन्याहू ने शपथ ग्रहण से पहले कहा क उनकी सरकार के तीन राष्ट्रीय लक्ष्य ईरान को परमाणु संपन्न होने से रोकना, बुलेट ट्रेन लॉन्च करना और अब्राहम संधि के दायरे में अधिक से अधिक अरब देशों को शामिल करना है। इस दौरान नेतन्याहू ने महंगाई को कम करने और नागरिकों की सुरक्षा में सुधार करने पर भी जोर दिया।

 

बेंजामिन नेतन्याहू

73 साल के नेतन्याहू पहली बार साल 1996 में प्रधानमंत्री बने थे। बेंजामिन का जन्म साल 1949 में जाफा में हुआ था। उनका बचपन यरूशलेम में बीता है। वह पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए थे। नेतन्याहू 1967 में इजरायल की सेना में शामिल हुए थे और फौरन ही एलीट कमांडो बन गए थे। 1973 में अरब-इजरायल युद्ध के दौरान वह कैप्टन के भूमिका में थे। 1982 में नेतन्याहू अमेरिका में इजरायली दूतावास के उप राजदूत के रूप में भी काम किया है।

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पीएम मोदी की मां हीराबेन का 99 साल की उम्र में निधन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi Mother) की मां हीराबेन का 99 साल की उम्र में में निधन हो गया है, वो पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं। अहमदाबाद के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दो दिन पहले खुद पीएम मोदी उनसे मिलने गए थे। 27 दिसंबर को सांस लेने में तकलीफ के बाद हीराबेन को अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था। उसके बाद वो लगातार डॉक्टरों की निगरानी में थीं, प्रधानमंत्री 28 दिसंबर को अस्पताल भी गए थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए यह जानकारी दी गई। पोस्ट में लिखा गया, शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।’

हीराबेन के बारे में

 

हीराबेन का जन्म 18 जून 1923 को पालनपुर में हुआ था। उनका विवाह कम उम्र में दामोदरदास मूलचंदभाई मोदी से हुआ था। दामोदरदास मोदी के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। दामोदरदास मोदी का बीमारी के कारण निधन हो गया। बाद में वे अपने बेटे पंकज मोदी के घर गांधीनगर के सेक्टर 22 स्थित जी टाइप सरकारी क्वार्टर में रहने लगी थीं। जिसके बाद साल 2015-16 में वे अपने बेटे पंकज मोदी के साथ रायसन स्थित वृंदावन बंगले में रहने लगीं।

घर की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्हें पढ़ने का कभी मौका नहीं मिला। लेकिन वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में भी काम करने के लिए तैयार हो गईं। उन्होंने फीस भरने के लिए कभी किसी से उधार पैसे नहीं लिए। हीराबेन चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़लिखकर शिक्षित बने।

 

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भारत द्वारा सहायता प्राप्त मंगदेछु जलविद्युत परियोजना भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प को सौंपी गई

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भूटान में भारत की सहायता से तैयार किया गया 720 मेगावाट मंगदेछु हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन (DGPC) को 27 दिसंबर को सौंप दिया गया। भूटान की राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसे सौंपा गया जिसमें भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री ल्योनपो लोकनाथ शर्मा और भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला ने भाग लिया। इस परियोजना को सौंपने के साथ ही भारत और भूटान ने चार बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

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मंगदेछु जलविद्युत परियोजना के बारे में

 

  • 720 मेगावाट की इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके भूटानी समकक्ष लोटे शेरिंग ने 2019 में संयुक्त रूप से किया था।
  • मध्य भूटान के ट्रोंगसा जिले में मंगदेछू नदी पर मंगदेछू पनबिजली संयंत्र स्थापित किया गया है।
  • परियोजना के चालू होने से भूटान की विद्युत उत्पादन क्षमता में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह अब 2,326 मेगा वाट है।
  • यह उच्च गुणवत्ता और प्रदर्शन मानकों को बनाए रखते हुए, इष्टतम लागत पर एक कुशल तरीके से पूरा किया गया एक बेंचमार्क जलविद्युत परियोजना है।
  • चालू होने के बाद से परियोजना ने 9000 मिलियन यूनिट से अधिक ऊर्जा का उत्पादन किया है, जिससे सालाना 2.4 मिलियन टन उत्सर्जन कम हुआ है।
  • इस परियोजना को इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स, लंदन से ब्रुनेल मेडल 2020 प्राप्त हुआ।
  • इसे सिविल इंजीनियरिंग में इसकी उत्कृष्टता और सामाजिक और पर्यावरणीय साख के लिए मान्यता दी गई थी।
  • परियोजना ने 2020 में भूटान के जलविद्युत राजस्व में 31 प्रतिशत की वृद्धि की।

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ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले का निधन

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ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले का निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे। पेले कोलन कैंसर से जूझ रहे थे। पेले फुटबॉल के सर्वकालिक महान खिलाड़ी माने जाते हैं और तीन बार के विश्व कप विजेता रह चुके हैं। ब्राजील के मिनस गेरैस राज्य में जन्मे दिग्गज फुटबॉलर अभी भी सेलेकाओ (ब्राजील) के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 92 मैचों में 77 गोल किए। एक पेशेवर फुटबॉलर के रूप में पेले ने कुल तीन बार फीफा विश्व कप (1958, 1962, 1970) जीता जो अभी भी एक व्यक्तिगत फुटबॉलर के लिए एक रिकॉर्ड है।

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फीफा ने उन्हें ‘द ग्रेटेस्ट’ की उपाधि से नवाजा

पेले का असली नाम एडसन अरांतेस डो नेसिमेंटो था, लेकिन वह पेले के नाम से मशहूर हुए। उनका जन्म 23 अक्टूबर, 1940 को ब्राजील के ट्रेस कोराकोएस में हुआ था। फीफा द्वारा उन्हें ‘द ग्रेटेस्ट’ का शीर्षक भी मिला। पेले ने तीन शादियां कीं। उनके कुल सात बच्चे हैं।

 

पेले ने अपने करियर में (1956-1974) काफी समय तक ब्राजीलियाई क्लब सांतोस का प्रतिनिधित्व किया। इस क्लब के लिए उन्होंने 659 मैचों में 643 गोल किए। अपने फुटबॉल करियर के अंतिम दो वर्षों में पेले ने यूएसए में न्यूयॉर्क कॉसमॉस के लिए खेला। पेले ने छह मौकों (1961, 1962 1963, 1964, 1965 और 1968) में ब्राजीलियाई लीग खिताब (कैम्पियोनाटो ब्रासीलेरो सेरी ए) जीता और 1962 और 1963 में दो बार कोपा लिबर्टाडोरेस खिताब जीता।

 

वह सैंटोस के ‘गोल्डन एरा’ (1959-1974) के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक रहे और उन्हें 1962 और 1963 में दो इंटरकॉन्टिनेंटल कप खिताब तक पहुंचाया। दोनों मौकों पर फाइनल में सैंटोस ने पुर्तगाली क्लब बेनफिका को हराया। पेले को फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। पेले ने 18 साल की उम्र में अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था। इस दौरान उन्होंने छह गोल किए थे।

 

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राष्ट्रपति मुर्मू ने श्रीशैलम मंदिर में 43.08 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन किया

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम मंदिर में तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद)’ योजना के तहत श्रीशैलम मंदिर के विकास की परियोजना और एक पर्यटन सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया। परियोजना को प्रसाद योजना के तहत स्वीकृत और क्रियान्वित किया गया है। इन हस्तक्षेपों का उद्देश्य आगंतुकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करके श्रीशैलम मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल बनाना है।

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परियोजना “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” 43.08 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हो चुकी है। परियोजना पर्यटन मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है। परियोजना में निष्पादित घटकों में एम्फीथिएटर, रोशनी और ध्वनि और प्रकाश शो, डिजिटल हस्तक्षेप, पर्यटक सुविधा केंद्र, पार्किंग क्षेत्र, चेंजिंग रूम, शौचालय परिसर, स्मारिका दुकानें, फूड कोर्ट, एटीएम और बैंकिंग सुविधा शामिल हैं।

 

प्रसाद योजना के बारे में

 

  • यह योजना वर्ष 2014-2015 में शुरू की गई थी, यह पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
  • यह योजना धार्मिक पर्यटन स्थल को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों के विकास और पहचान पर केंद्रित है।
  • इस योजना के तहत, विकास के लिए अमरावती और श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), कामाख्या (असम), परशुराम कुंड (लोहित जिला, अरुणाचल प्रदेश), पटना और गया (बिहार), आदि जैसे कई धार्मिक स्थलों की पहचान की गई है।
  • इस योजना का उद्देश्य तीर्थ पर्यटन को इसके गुणक के लिए उपयोग करना और रोजगार सृजन और आर्थिक विकास पर सीधा प्रभाव डालना है।

 

श्रीशैलम मंदिर के बारे में

 

  • मल्लिकार्जुन मंदिर या श्रीशैलम मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम में स्थित है।
  • इसे भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में माना जाता है। यहाँ पार्वती को “मल्लिका” के रूप में पूजा जाता है और शिव को “अर्जुन” के रूप में पूजा जाता है, जिसका प्रतिनिधित्व लिंगम द्वारा किया जाता है।
  • सातवाहन राजवंश के अभिलेखीय साक्ष्य के अनुसार यह मंदिर दूसरी शताब्दी से अस्तित्व में है।

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भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन तैयार

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नाक के जरिए दी जाने वाली भारत बायोटेक की इंट्रानेजल कोरोना वैक्सीन INCOVACC की कीमत तय कर दी गई है। भारत सरकार के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों में इसकी एक डोज की कीमत 800 रुपये होगी। इसके अलावा पांच फीसदी जीएसटी भी देनी होगी। रिपोर्ट के अनुसार निजी अस्पतालों को एक डोज के लिए 150 रुपये का एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज लगाने की भी मंजूरी है। इस प्रकार इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत फिलहाल लगभग 1000 रुपये पड़ेगी।

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वहीं सरकारी अस्पतालों में इस वैक्सीन की कीमत 325 रुपये होगी। बता दें कि पिछले हफ्ते ही भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन iNCOVACC को कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया गया था।  इंट्रानेजल वैक्सीन को पहले कोवाक्सीन (Covaxin) या कोविशील्ड (Covishield) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों के लिए बूस्टर शॉट के रूप में मंजूरी मिली थी।

 

रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी के अंत तक ये उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान में iNCOVACC को शामिल करने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी कहा था कि शुरुआत में वैक्सीन निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी और इसे CoWin ऐप में जोड़ दिया जाएगा।

 

भारत बॉयोटेक ने इस नेजल वैक्सीन को वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के सहयोग से तैयार किया है। भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला के अनुसार, ‘इनकोवैक’ कोविड के खिलाफ कारगर है। यह कोविड-19 के खिलाफ म्यूकोसेल इम्युनिटी प्रदान करता है।

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केरल में पहला अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तट महोत्सव

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केरल के सुदूर उत्तर में ‘स्पाइस कोस्ट’, जिसे उत्तर मालाबार के रूप में जाना जाता है, 24 दिसंबर से असंख्य रंगों और ‘बेकल इंटरनेशनल बीच फेस्टिवल’ का आयोजन कर रहा है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 10 दिवसीय पहले अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तट उत्सव का उद्घाटन किया। यह महोत्सव राज्य की सांस्कृतिक और कलात्मक विशिष्टता की संपूर्णता और सार को दर्शाता है।

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यह राजसी बेकल बीच पार्क में देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और भव्यता को प्रदर्शित करता है। चंद्रगिरि, तेजस्विनी और पयस्विनी के तीन स्थानों पर होने वाले इस उत्सव में दुनिया भर से लगभग पांच लाख लोगों ने इसका आनंद लिया। यह महोत्सव संस्कृति के एक क्रॉस-सेक्शन और भूमि की अनूठी पहचान को दर्शाता है। बीच फेस्टिवल में 1,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय कलाकारों ने परफॉर्म किया।

 

बेकल इंटरनेशनल बीच फेस्टिवल

 

यह बेकल रिसॉर्ट्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीआरडीसी) द्वारा जिला पर्यटन संवर्धन परिषद, कुदुम्बश्री, असमी हॉलीडेज और जिले में स्थानीय स्व-सरकारी निकायों के सहयोग से आयोजित किया जाता है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

 

  • केरल की राजधानी: तिरुवनंतपुरम;
  • केरल के मुख्यमंत्री: पिनाराई विजयन;
  • केरल के राज्यपाल: आरिफ मोहम्मद खान।

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उत्तराखंड के टिहरी में होगी विश्व स्तरीय कयाकिंग कैनोइंग अकादमी की स्थापना

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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि टिहरी में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसमें खिलाड़ियों के ठहरने से लेकर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। सिन्हा ने कहा कि इस ट्रेनिंग सेंटर में बेहतर खेल प्रतिभाओं को टीएचडीसी द्वारा विदेश में भी ट्रेनिंग दी जाएगी। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा यह तय किया गया है कि ऊर्जा मंत्रालय की हर एक कंपनी एक खेल को अंगीकृत करेगी, इसी क्रम में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा कयाकिंग कैनोइंग खेल को अंगीकृत किया गया है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने टिहरी झील में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप “टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप” का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री धामी ने आयोजन स्थल पर लगे विभिन्न स्टाल्स का निरीक्षण किया साथ ही पहले सत्र की विजेता टीमों मेडल प्रदान किए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह पहला मौका है जब टिहरी झील में राष्ट्रीय स्तर की इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “समृद्ध खेल संस्कृति” का विकास हो रहा है, हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे ऐतिहासिक प्रदर्शन इसका प्रमाण हैं।

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जहां एक ओर सरकार ने “नई खेल नीति” लागू की है वहीं दूसरी ओर सरकार ने नौकरियों में पुनः “खेल कोटा” प्रारंभ करने का ऐलान भी किया है। उन्होंने टीएचडीसी का इस आयोजन के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस खेल से एक ओर जहां राज्य के युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर टिहरी क्षेत्र में पर्यटन का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि टिहरी में इस खेल के आयोजन से वाटर स्पोर्ट्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश और प्रदेश के नौजवानों में नई ऊर्जा का संचार होगा।

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