RBI ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की

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RBI ने नई मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। एमपीसी ने अपनी बैठक में एक बार फिर दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। रेपो रेट में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बढ़ी हुई दरों का ऐलान किया। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में गिरकर 5.72% हो गई, लेकिन अब भी यह आरबीआई के वांछित स्तर से ऊपर है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कि नवीनतम आंकड़े खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट और आगे के मॉडरेशन को दर्शाते हैं।

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मुख्य बिंदु

 

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 8 फरवरी, 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। रेपो दर में 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है।
  • दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी।
  • आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में लगातार वृद्धि की है।
  • मौद्रिक नीति समिति ने बैठक में Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले 9 महीनों में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई छठी वृद्धि है।
  • केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।

 

दरों में आखिरी बढ़ोतरी?

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि शायद यह रेपो दरों में आखिरी बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी, इसके बाद अगले साल से दरों में उलटफेर शुरू हो जाएगा।

 

एमएसएफ, एसडीएफ दरों में बढ़ोतरी

एसडीएफ (स्थायी जमा सुविधा) दर 6% से 6.25% तक समायोजित की गई हैं। MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) की दरें 25 बीपीएस से बढ़कर 6.75% हो गई हैं।

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रिलायंस जियो और जीएसएमए ने भारत में डिजिटल कौशल कार्यक्रम का अनावरण किया

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रिलायंस जियो और जीएसएमए ने राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल स्किल प्रोग्राम के शुरुआत की घोषणा की है। यह कार्यक्रम जीएसएमए के कन्नेक्टेड वूमन कमिटमेंट का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत जरुरत के आधार पर ग्रामीण महिलाओं के साथ ही हाशिये पर खड़े और निम्न आयवर्ग के लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा जिसके जरिए वह डिजिटल अभियान से जुडक़र उसका अपने जीवन में सही प्रयोग कर सकें।

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जीएसएमए की 2022 की मोबाइल जेंडर रिपोर्ट के अनुसार भारत में महिलाओं द्वारा मोबाइल इंटरनेट के इस्तेमाल की संभावना पुरुषों के मुकाबले 41 फीसदी कम है। देश में 33 करोड़ महिलाएं मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करती हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा लगभग 24.8 करोड़ का है। मोबाइल इंटरनेट का प्रयोग न करने की सबसे बड़ी वजह है डिजिटल साक्षरता एवं शिक्षा का अभाव है।

 

मुख्य बिंदु

 

  • इस कार्यक्रम के तहत जीएसएमए और जियो टीम ने मिलकर डिजिटल स्किल से जुड़ी मौजूदा कमियों का आंकलन किया और उन जरूरी आवश्यकताओं को चिन्हित करते हुए भारतीय लोगों के मुताबिक ऐसी प्रशिक्षण टूलकिट तैयार की है, जिससे डिजिटल साक्षरता में आई कमी को दूर किया जा सके।
  • डिजिटल साक्षरता की मुहिम राष्ट्रीय स्तर पर शुरु हो चुकी है और इस चरण में 10 राज्यों में महिलाओं, हाशिये पर खड़े और निम्न वर्ग के लोगों को चिन्हित किया गया है।
  • रिलायंस फाउंडेशन अपनी राष्ट्रव्यापी स्वयंसेवी संस्थाओं एवं समूहों के नेटवर्क से इस मिशन को सहयोग दे रहा है। रिलायंस जियो की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा ‘‘मोबाइल तकनीक में महिलाओं को सशक्त बनाने की वह ताकत है।

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PhonPe ने सीमा-पार यूपीआई भुगतान सेवा शुरू की

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फोनपे (PhonePE) ने कहा कि उसने ऐसी सेवा शुरू की है जो देश से बाहर यात्रा करने वाले उसके भारतीय उपयोगकर्ताओं को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये विदेशी व्यवसायियों (foreign businessmen) को भुगतान में सक्षम बनाएगी। ‘यूपीआई इंटरनैशनल’ के सहायक व्यावसायिक आउटलेट संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, मॉरिशस, नेपाल और भूटान में हैं जो लोकल क्यूआर कोड प्रणाली से जुड़े हुए हैं। उपयोगकर्ता अपने भारतीय बैंक से विदेशी मुद्रा में सीधे तौर पर भुगतान करने में सक्षम होंगे, जैसा कि वे अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्डों के जरिये करते हैं। वॉलमार्ट समर्थित फोनपे ने कहा है कि यह सेवा शुरू करने वाला वह पहला भारतीय फिनटेक (FinTech) ऐप है।

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मुख्य बिंदु

 

  • फोनपे ने हाल में जनरल अटलांटिंक से 35 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई है। इससे कंपनी को अपना परिचालन दायरा बढ़ाने और गूगल पे, पेटीएम तथा एमेजॉन पे से मुकाबला करने में मदद मिल सकती है।
  • ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजैक्शन सर्विस उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म फोनपे (PhonePe) ने 12 बिलियन डॉलर से ज्यादा की वैल्युएशन पर 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है। फोनपे को यह फंडिंग जनरल अटलांटिक से मिली है।
  • यूपीआई इंटरनैशनल शेष दुनिया को भी यूपीआई का अनुभव मुहैया कराने की दिशा में पहला कदम है। यह नई पेशकश बड़ा बदलाव लाने में मददगार होगीऔर भारतीयों द्वारा विदेश यात्रा करते वक्त व्यावसायिक आउटलेटों पर भुगतान के अनुभव को खास बनाएगी।
  • दिसंबर 2015 में स्थापित फोनपे के 40 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 3.5 करोड़ से अधिक कारोबारी इससे जुड़े हैं। ये व्यापारी बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक फैले हैं।

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दूध उत्पादन के मामले में भारत बना दुनिया का नंबर-1 देश

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दूध उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का नंबर-1 देश बन चुका है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने लोकसभा को बताया कि भारत दुनिया में सबसे अधिक दूध उत्पादक वाला देश बन गया है। ‘खाद्य और कृषि संगठन कॉर्पोरेट सांख्यिकीय डेटाबेस (FAOSTAT) के उत्पादन आंकड़ों के अनुसार, भारत साल 2021-22 में वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 24 प्रतिशत योगदान देने वाला दुनिया का सबसे अधिक दुग्ध उत्पादक देश है।

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मुख्य बिंदु

 

  • भारत के दूध उत्पादन में पिछले आठ वर्षों के दौरान- वर्ष 2014-15 और 2021-22 के दौरान 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और वर्ष 2021-22 में बढ़कर दूध उत्पादन 22 करोड़ टन हो गई है।
  • पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा डेयरी क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाए जा रहे हैं।
  • इसके अलावा, डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य दूध, दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाना और संगठित खरीद, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन की हिस्सेदारी बढ़ाना है।
  • एनपीडीडी को फरवरी 2014 में तीन मौजूदा योजनाओं- गहन डेयरी विकास कार्यक्रम, गुणवत्ता और स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सहकारी समितियों को सहायता को मिलाकर शुरू किया गया था।
  • जुलाई 2021 में दूध उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और संगठित खरीद, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एनपीडीडी का पुनर्गठन किया गया है।

 

‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन, फीड और चारा विकास पर उप-मिशन एक अलग योजना है, जिसका उद्देश्य चारे और चारे की उपलब्धता बढ़ाना है।’ विभाग देश भर में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के प्रचार और विकास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरा करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है।

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शनि को पछाड़ बृहस्पति बना चंद्रमाओं का राजा

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बृहस्पति सूर्य के परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है। पहले वैज्ञानिकों का मानना ​​था कि शनि के चंद्रमाओं की संख्या सबसे अधिक है। शनि के चारों ओर अब तक 82 चंद्रमा खोजे जा चुके हैं। दूसरी ओर, यह माना जाता था कि बृहस्पति के 80 चंद्रमा थे। हालाँकि, नवीनतम खोज से पता चला है कि बृहस्पति के 12 और चंद्रमा हैं। इसके साथ ही बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई है। अब बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या सबसे अधिक हो गई है।

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मुख्य बिंदु

 

  • बृहस्पति के चारों ओर 12 नए चंद्रमाओं की खोज स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी द्वारा की गई थी।
  • खोजे गए 12 चंद्रमाओं में से 9 काफी दूर हैं।
  • इन नौ चंद्रमाओं को बृहस्पति की परिक्रमा करने में 550 दिन लगते हैं।
  • साथ ही, खोजे गए नौ चंद्रमा अपेक्षाकृत छोटे हैं।
  • इन नौ चंद्रमाओं की वक्री कक्षाएँ हैं। मतलब उनकी परिक्रमा की दिशा बृहस्पति के घूमने की दिशा के विपरीत है
  • बृहस्पति के आंतरिक चंद्रमाओं की प्रोग्रेड कक्षाएँ हैं। मतलब ये उसी दिशा में घूमते हैं जिस दिशा में बृहस्पति ग्रह घूमता है।
  • बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेप्च्यून) को जोवियन ग्रह कहा जाता है। ये सूर्य से बहुत दूर परिक्रमा करते हैं। इन ग्रहों की कोई ठोस सतह नहीं है और ये मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से बनी गैस के बड़े गोले हैं। वे स्थलीय ग्रहों (पृथ्वी, बुध, शुक्र और मंगल) से बहुत बड़े हैं।

 

प्रोग्रेड और रेट्रोग्रेड चंद्रमा

 

प्रोग्रेड चंद्रमा ग्रह के करीब होते होते हैं और रेट्रोग्रेड चंद्रमा अपेक्षाकृत दूर होते हैं। प्रोग्रेड चंद्रमाओं की तुलना में रेट्रोग्रेड चंद्रमाओं को पहचानना हमेशा मुश्किल होता है। नए खोजे गए प्रोग्रेड चंद्रमा भविष्य के ग्रह मिशनों के लिए अच्छे लक्ष्य हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का JUICE मिशन 2024 में लॉन्च किया जाएगा।

 

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फॉर्च्यून (आर) पत्रिका: टीसीएस को दुनिया की सबसे प्रशंसित कंपनियों की सूची में शामिल किया गया

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को फॉर्च्यून® पत्रिका की दुनिया की सबसे प्रशंसित कंपनियों की सूची में नामित किया गया है। कॉर्पोरेट प्रतिष्ठा के बैरोमीटर के रूप में माना जाता है, यह सूची दुनिया भर के व्यापार अधिकारियों, निदेशकों और विश्लेषकों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है। कंपनियों का मूल्यांकन इनोवेशन, सामाजिक जिम्मेदारी, प्रबंधन की गुणवत्ता, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, प्रतिभा प्रबंधन और उत्पादों/सेवाओं की गुणवत्ता जैसे मानदंडों के आधार पर किया जाता है।

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टीसीएस दुनिया के कुछ सबसे बड़े निगमों के साथ उनके नवाचार, विकास और परिवर्तन की पहल में भागीदार है। पिछले एक दशक में इसकी उद्योग-अग्रणी वृद्धि ग्राहकों के लिए मूल्य जोड़ने के लिए लगातार नए अवसरों की तलाश करने, नई क्षमताओं में सक्रिय रूप से निवेश करने, अपने कर्मचारियों को फिर से कुशल बनाने और नई सेवाओं, समाधानों, उत्पादों और प्लेटफार्मों को लॉन्च करने से आई है।

 

टीसीएस के बारे में

 

  • टीसीएस ने नवीन समाधानों की परिकल्पना और डिजाइन करने के लिए प्रत्येक उद्योग में आशाजनक विषयों को लेकर अनुसंधान और नवाचार में भारी निवेश किया है। कंपनी के पास 6,500 से अधिक समर्पित शोधकर्ता और नवप्रवर्तक हैं, जिनके खाते में 2,694 ने पेटेंट प्रदान किए हैं। TCS का पेस पोर्ट™ को-इनोवेशन का वैश्विक नेटवर्क और न्यूयॉर्क, पिट्सबर्ग, टोरंटो, एम्स्टर्डम और टोक्यो में स्थित उन्नत अनुसंधान केंद्र, ग्राहकों को गति और पैमाने पर नवाचार चलाने में मदद करते हैं।
  • टीसीएस के कर्मचारियों के अनुकूल कार्यस्थल प्रथाओं और पेशेवर विकास पहलों और डिजिटल कौशल कार्यक्रमों के माध्यम से संगठन में प्रतिभा के निर्माण में निरंतर निवेश ने इसे विश्व स्तर पर एक शीर्ष नियोक्ता और प्रतिभा प्रतिधारण के लिए एक उद्योग बेंचमार्क बना दिया है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

 

  • टीसीएस सीईओ: राजेश गोपीनाथन (10 फरवरी 2013-);
  • टीसीएस मुख्यालय: मुंबई;
  • टीसीएस के संस्थापक: फकीर चंद कोहली, जे.आर.डी. टाटा;
  • टीसीएस की स्थापना: 1 अप्रैल 1968।

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सुप्रीम कोर्ट में 5 नए जजों की नियुक्ति को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पांच नए जजों की प्रोन्नति की मंजूरी दी। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पांच नए जजों की प्रोन्नति को मंजूरी दी। बता दें कि कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नति के लिए उच्च न्यायालय के तीन मुख्य न्यायाधीशों और दो न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी।

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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए जिन 5 नए न्यायाधीशों की नियुक्तियों को मंजूरी दी, उनमें राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीवी संजय कुमार, पटना हाई के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज मिश्रा शामिल हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट में 5 नए जजों की नियुक्ति

 

न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने वर्ष 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और मेरठ कॉलेज से एलएलबी किया। 1985 से उन्होने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अभ्यास किया है। जनवरी 2021 में उन्हें जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।

न्यायमूर्ति संजय करोल को 11 नवंबर, 2019 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था। न्यायमूर्ति करोल ने त्रिपुरा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक-इन-चीफ के साथ-साथ त्रिपुरा न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उनका जन्म 23 अगस्त 1961 को शिमला में हुआ था।

न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार ने 2021 में मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। उनका जन्म 14 अगस्त, 1963 को स्वर्गीय श्री पी. रामचंद्र रेड्डी के घर हुआ था, जो आंध्र प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता (1969 से 1982) थे।

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को 20 जून, 2011 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और फिर 10 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। फिर उन्हें पिछले साल 20 जून को पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। उनका जन्म 11 मई, 1963 को हुआ था और 27 सितंबर, 1991 को बिहार स्टेट बार काउंसिल में उनका नामांकन हुआ था।

न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया और 12 दिसंबर 1988 को एक वकील के रूप में नामांकित हुए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में अभ्यास करने के बाद, उन्हें 21 नवंबर को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। , 2011. उन्होंने 06 अगस्त, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इन पांच न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद न्यायालय की कार्य शक्ति 32 हो जाएगी। वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत कार्य शक्ति सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सहित 27 है। जबकि इसकी क्षमता 34 है।

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“गोल्डन बुक अवार्ड्स” 2023 की घोषणा: विजेताओं की सूची देखें

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“गोल्डन बुक अवार्ड्स” को 2023 के लिए विजेता घोषित किया गया है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम साहित्य में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक को मान्यता देता है और उसका जश्न मनाता है। भारत में 75,000 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई थीं और नामांकित लोगों में फिक्शन, नॉन-फिक्शन, कविता और बच्चों की किताबों सहित साहित्यिक विधाओं का विविध मिश्रण शामिल है। पुरस्कारों का मूल्यांकन साहित्यिक विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया जाता है, जैसे डॉ कैलाश पिंजानी (अध्यक्ष भारतीय लेखक संघ), डॉ दीपक परबत (सुपरफास्ट लेखक के संस्थापक) और मुरली सुंदरम (टीएलसी के संस्थापक), जो मौलिकता जैसे कारकों के आधार पर विजेताओं का चयन करते हैं।

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गोल्डन बुक अवार्ड्स 2023 के विजेता:

  • जे के राउलिंग – फैंटास्टिक बीस्ट्स: द सीक्रेट्स ऑफ डंबलडोर
  • गौर गोपाल दास – एनर्जाइज़ योर माइंड: ए मोंक्स गाइड टू माइंडफुल लिविंग
  • दीपक चोपड़ा – सफलता के सात आध्यात्मिक नियम
  • कमलेश पटेल – द विजडम ब्रिज
  • जेफ किन्नी – एक कायर बच्चे की डायरी: डाइपर ओवरलोड
  • अशनीर ग्रोवर – डॉगलापन: द हार्ड ट्रूथ अबाउट लाइफ एंड स्टार्ट-अप्स
  • रस्किन बॉन्ड – हाउ टू लिव योर लाइफ
  • नमिता थापर – द डॉल्फिन एंड द शार्क: स्टोरीज ऑन एंटरप्रेन्योरशिप
  • स्नेह देसाई, सुनील तुलसियानी और ब्रायन ट्रेसी – धन का परम रहस्य
  • राज शामनी – बिल्ड, डोंट टॉक – थिंग्स यू विश यू वर थॉट इन स्कूल
  • भूपेंद्र सिंह राठौड़ – द मैजिक ऑफ थिंकिंग रिच
  • दीपक बजाज – 60 मिनट में नेटवर्क मार्केटिंग
  • दीप्ति नवल – ए कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड: ए मेमॉयर
  • स्मिता गोस्वामी – फैमिली रन टू फैमिली लेड
  • सुभद्रा इलान – एक आकर्षक करियर
  • आद्या दुबे – हमेशा अद्वितीय रहें
  • नवीन रूबेन डॉसन – चिमेरा
  • राजीव कुमार दुबे – उर्वी
  • डॉ सौमेंद्र नाथ बंद्योपाध्याय – ब्रह्मांड के रहस्य – जहां तथ्य कल्पना से अधिक दिलचस्प
  • अंकुश पारे – हकलाहट पर काबू पाने और प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
  • पराग पंड्या – पदघा (जापानी संस्करण – बुसोकुसेकिका)
  • मोसेनला आर. जमीर – विदेशी इंजन इन फ़्लाइट – ए लाइट ऑफ़ पैसेज इन पोयम्स
  • गौरी वेंकेट – मेरे जीवन का सुपरस्टार – साईंबाबा
  • डॉ श्रीवेनी वी – आपकी पहली छाप के रूप में आत्म-मूल्य – आपकी अभिव्यक्ति का हस्ताक्षर
  • आशुतोष मधुकर मराठे – द एक्स्ट्रा इन ऑर्डिनरी
  • डॉ के श्रीकुमार – बुद्धवेलिचम
  • राखी कपूर – नाउ यू ब्रेथ-ओवरकमिंग टॉक्सिक रिलेशनशिप एंड एब्यूज
  • चंद्रिमा चौधरी – द टेल्स ऑफ़ द अनकॉमन कॉमन्स
  • डॉ. पी. मधुरिमा रेड्डी – द अवेकनिंग
  • आशीष पाटीदार संपत्ति शास्त्र – सही संपत्ति खरीदने के लिए एक वैदिक गाइड
  • एस इलांचेज़ियान – बोर्ड के 10x सीईओ जॉय टू योय
  • किरण सिद्दे – विद्यार्थी-बेताल
  • ओसामा रेगाह – यात्रा और विचार

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E20 फ्यूल क्या है और कैसे होगा ये फायदेमंद?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इंडिया एनर्जी वीक (IEW) 2023 में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को लॉन्च कर दिया है। काफी समय से सरकार इस कोशिश में लगी थी कि इथेनॉल (Ethanol) के इस्तेमाल को बढ़ाया जा सके, अब पहले चरण के रूप में पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल (E-20) का इस्तेमाल शुरू किया जा रहा है। शुरुआती चरण में इसे 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

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सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से पेट्रोल पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा। इससे विदेशी मुद्रा भी बचेगी और जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सकेगा। 20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मिलने वाले ईंधन को भारत के शहरों में चरणों में लाया जा रहा है। पहले चरण के रूप में 15 शहरों को कवर किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में अगले दो साल में पूरे देश में इसका विस्तार किया जाएगा। E-20 पेट्रोल 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 84 पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध कराया जाएगा।

 

क्या है E-20 फ्यूल?

E-20 या इथेनॉल 20 एक तरह का रिफाइंड और मिक्स फ्यूल है। इसमें 20 प्रतिशत इथेनॉल होगा, जबकि 80 प्रतिशत पेट्रोल। यानी इसे पेट्रोल और इथेनाल को मिलकर बनाया जाता है। बता दें कि अब तक भारत में इथेनॉल 10 का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें ईंधन में 10 फीसदी तक इथेनॉल को मिलाया जा रहा है। बता दें कि E20 को पायलट आधार पर समय से पहले रोल आउट किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट को 2025 तक बढ़ाया गया है।

 

वर्तमान में इथेनॉल का उत्पादन

 

इथेनॉल के उत्पादन की बात करें तो वर्तमान समय में देश में इथेनॉल की उत्पादन क्षमता लगभग 1,037 करोड़ लीटर है। इसमें 700 करोड़ लीटर गन्ना आधारित और 337 करोड़ लीटर अनाज आधारित उत्पादन शामिल है। वहीं, 2022-23 के लिए पेट्रोल-इथेनॉल वाले ईंधन की आवश्यकता 542 करोड़ लीटर है। यह 2023-24 के लिए 698 करोड़ लीटर और 2024-25 के लिए 988 करोड़ लीटर है।

 

E20 फ्यूल के क्या है फायदे?

 

इस फ्यूल का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे प्रदूषण कम होता है, जो कि पर्यावरण के लिए बेहद ही जरूरी है। कम पर्यावरणीय प्रभाव के कारण, बायो फ्यूल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यदि इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है, तो इससे प्रदूषण को काफी हद तक कम करने की क्षमता है। भारत की लगभग 85% ईंधन की जरूरतें आयात से पूरी होती हैं, दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत भी लगातार बढ़ती जा रही है। फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने के लिए ये एक बेहद ही जरूरी कदम है।

E-20 कार्यक्रम से सबसे ज्यादा फायदा गन्ना किसानों को होने वाला है। इसे इन्हें अतिरिक्त आय के रूप में देखा जा रहा है। पिछले आठ साल के आंकड़ों पर ध्यान दें तो इथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं ने इससे 81,796 करोड़ रुपये कमाए हैं, जबकि किसानों को 49,078 करोड़ रुपये मिले हैं। देश ने विदेशी मुद्रा व्यय में 53,894 करोड़ रुपये की बचत की। साथ ही, इससे 318 लाख टन कार्बन-डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में कमी आई।

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निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए मैं भारत हूं, हम भारत के मतदाता हैं गीत तैयार किया

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चुनाव आयोग (EC) इस साल होने वाले 9 विधानसभा चुनावों और अगले साल की शुरूआत में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है। जिसका उद्देश्य नवीन संचार रणनीतियों के माध्यम से मतदाता प्रतिशत को बढ़ाना है। एक पहल के रूप में चुनाव आयोग ने सुभाष घई फाउंडेशन के साथ मिलकर एक गीत तैयार किया ‘मैं भारत हूं, हम भारत के मातदाता हैं’, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों ने लोगों से वोट डालने की अपील की है।

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ये गीत 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में प्रदर्शित किया गया। ये गीत पहले से ही मशहूर हस्तियों के माध्यम से सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हो रहा है। इसके लॉन्च के एक हफ्ते के भीतर गाने के हिंदी और बहुभाषी प्रारूप को पहले ही 3.5 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और चार प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब पर 5.6 लाख इंप्रेशन मिल चुके हैं।

 

गीत का उद्देश्य

 

यह गीत चुनाव आयोग के व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रम की ऐसी पहलों में से एक है। जो चुनाव आयोग के आदर्श वाक्य कोई मतदाता पीछे न छूटे के तहत सभी श्रेणियों के मतदाताओं से भागीदारी बढ़ाने के लिए समावेशी रणनीतियों और कार्य योजनाओं पर केंद्रित प्रमुख मतदाता शिक्षा कार्यक्रम है। गीत का उद्देश्य न केवल मतदाताओं को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उनके अधिकारों और जिम्मेदारी के बारे में शिक्षित करना है। बल्कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अधिक से अधिक भागीदारी के लिए उत्साहित करना भी है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग के साथ सुभाष घई के नेतृत्व वाली टीम की कई बातचीत के बाद गीत को अंतिम रूप दिया गया।

 

12 क्षेत्रीय भाषाओं में

 

गीत के प्रेरक गीत फिल्म निमार्ता सुभाष घई ने व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल स्कूल ऑफ म्यूजिक, मुंबई के सहयोग से लिखे और संगीतबद्ध किए गए हैं। यह गीत अधिकतम भौगोलिक क्षेत्र को कवर करते हुए हिंदी और बंगाली 12 क्षेत्रीय भाषाओं में है।

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