जीएसटी परिषद ने विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने हेतु कुछ उपायों को मंजूरी दी

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केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 52वीं जीएसटी परिषद की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी, वित्त विभाग संभालने वाले गोवा और मेघालय के मुख्यमंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (विधानमंडल के साथ) के वित्त मंत्री तथा वित्त मंत्रालय और राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में जीएसटी कर दरों में बदलाव, व्यापार सुविधा उपायों और अनुपालन को सुव्यवस्थित करने से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय और सिफारिशें शामिल हुईं।

 

वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें

I. वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव

1) एचएस 1901 के तहत आने वाले “पाउडर के रूप में मोटे अनाजों के आटे की खाद्य तैयारी, जिसमें वजन के अनुसार कम से कम 70% मोटे अनाज शामिल हो” पर जीएसटी दरें निम्नलिखित तरीके से निर्धारित की गई हैं, जो अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होंगी:

  • 0% – यदि पूर्व-पैक और लेबल किए गए फॉर्म के अलावा किसी अन्य रूप में बेचा जाता है,
  • 5% – यदि पूर्व-पैक और लेबल किए गए रूप में बेचा जाता है

2) एचएस 5605 के अंतर्गत आने वाले धातुकृत पॉलिएस्टर फिल्म/प्लास्टिक फिल्म से बने नकली ज़री धागे या धागे, 5% जीएसटी दर को आकर्षित करने वाले नकल वाले ज़री धागे या धागे की प्रविष्टि के तहत आते हैं। हालांकि, विपरीत होने की स्थिति में पॉलिएस्टर फिल्म (धातुकृत)/प्लास्टिक फिल्म पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा।

3) यदि विदेश जाने वाले जहाज तटीय मार्ग पर परिवर्तित होते हैं तो उन्हें जहाज के मूल्य पर 5% आईजीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। जीएसटी परिषद ने विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज को तटीय मार्ग में परिवर्तित होने पर सशर्त आईजीएसटी छूट की सिफारिश की है, यदि यह छह महीने में विदेश जाने वाले जहाज में परिवर्तित हो जाता है।

 

II. वस्तुओं से संबंधित अन्य बदलाव

  •  जीएसटी परिषद ने मानव उपभोग के लिए अल्कोहल शराब के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी से बाहर रखने की सिफारिश की है। मानव उपभोग के लिए अल्कोहल शराब के निर्माण में उपयोग हेतु ईएनए को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए विधि आयोग कानून में उपयुक्त संशोधन की जांच करेगा।
  • गुड़ पर जीएसटी 28% से घटाकर 5%। इस कदम से मिलों के पास नकदी बढ़ेगी और गन्ना किसानों को गन्ना बकाया का तेजी से भुगतान हो सकेगा। इससे पशु आहार के निर्माण की लागत में भी कमी आएगी, क्योंकि इसके निर्माण में गुड़ भी एक सामग्री होती है।
  • औद्योगिक उपयोग के लिए संशोधित स्पिरिट को कवर करने के क्रम में सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम में 8 अंकों के स्तर पर एक अलग टैरिफ एचएस कोड बनाया गया है। 18% जीएसटी को आकर्षित करने वाले औद्योगिक उपयोग के लिए ईएनए से जुड़ी एक प्रविष्टि बनाने के लिए जीएसटी दर अधिसूचना में संशोधन किया जाएगा।

 

III. सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव

  • अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटीआर, दिनांक 28.06.2017 की क्रम संख्या 3 और 3ए की प्रविष्टियाँ; भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243जी और 243डब्ल्यू के तहत पंचायत/नगर पालिका को सौंपे गए किसी भी कार्य के संबंध में केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों और स्थानीय प्राधिकरणों को शुद्ध और समग्र सेवाओं को छूट देती है। जीएसटी परिषद ने मौजूदा छूट प्रविष्टियों को बिना किसी बदलाव के बरकरार रखने की सिफारिश की है।
  • इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने सरकारी प्राधिकरणों को आपूर्ति की जाने वाली जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्लम सुधार और उन्नयन की सेवाओं को छूट देने की भी सिफारिश की है।

 

IV. सेवाओं से संबंधित अन्य बदलाव

यह स्पष्ट किया जाता है कि जौ का प्रसंस्करण माल्ट में करने से संबंधित जॉब वर्क सेवाओं पर “खाद्य और खाद्य उत्पादों से संबंधित जॉब वर्क” के समान ही 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, न कि 18 प्रतिशत की दर से।

  • 1 जनवरी 2022 से, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर्स (ईसीओ) के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली बस परिवहन सेवाओं पर जीएसटी का भुगतान करने का दायित्व सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 9(5) के तहत ईसीओ पर रखा गया है। व्यापार को सुविधाजनक बनाने वाला यह कदम उद्योग संघ के इस अभ्यावेदन पर उठाया गया है कि ईसीओ के माध्यम से सेवाओं की आपूर्ति करने वाले अधिकांश बस ऑपरेटरों के पास एक या दो बसें ही हैं और वे पंजीकरण लेने एवं जीएसटी अनुपालनों को पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं।
  • यह स्पष्ट किया जाता है कि देशभर में खनिजों के खनन वाले क्षेत्रों में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्थापित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) सरकारी प्राधिकरण हैं और इसलिए वे जीएसटी से उसी प्रकार की छूट के पात्र हैं, जो किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण को उपलब्ध हैं।
  • भारतीय रेलवे द्वारा सभी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर लगाया जाएगा ताकि वे आईटीसी का लाभ उठा सकें। इससे भारतीय रेलवे की लागत कम हो जाएगी।

 

बी. व्यापार को सुविधाजनक बनाने वाले उपाय:

  • परिषद ने वैसे कर योग्य व्यक्तियों के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 148 के तहत एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से एक माफी योजना प्रदान करने की सिफारिश की है, जो सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 73 या 74 के तहत 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले पारित मांग आदेश के खिलाफ उक्त अधिनियम की धारा 107 के तहत अपील दायर नहीं कर सके या जिनकी उक्त आदेश के खिलाफ अपील केवल इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि उक्त अपील धारा 107 की उप-धारा (1) में निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर दायर नहीं की गई थी।
  • कंपनी को स्वीकृत की जा रही क्रेडिट सीमा/ऋण के विरुद्ध निदेशकों द्वारा बैंक को दी गई व्यक्तिगत गारंटी की करयोग्यता के संबंध में और होल्डिंग कंपनी द्वारा अपनी सहायक कंपनी को प्रदान की गई।
  • यह स्पष्ट करते हुए एक सर्कुलर जारी करें कि जब कंपनी द्वारा बैंक/वित्तीय संस्थानों को उनकी ओर से व्यक्तिगत गारंटी प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी रूप में निदेशक को कोई भुगतान नहीं किया जाता है, तो उक्त लेनदेन/आपूर्ति का खुला बाजार मूल्य शून्य माना जाएगा और इसलिए, सेवाओं की ऐसी आपूर्ति के संबंध में कोई कर देय नहीं होगा।
  • संबंधित पक्षों के बीच प्रदान की गई कॉरपोरेट गारंटी की आपूर्ति के कर योग्य मूल्य को ऐसी गारंटी की राशि का एक प्रतिशत या वास्तविक प्रतिफल, जो भी अधिक हो, प्रदान करने हेतु सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 28 में उप-नियम (2) को सम्मिलित करें।
  • एक वर्ष पूरा होने के बाद अनंतिम रूप से संलग्न संपत्ति की स्वतः बहाली का प्रावधान: परिषद ने सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 159 के उप-नियम (2) और फॉर्म जीएसटी डीआरसी-22 में संशोधन की सिफारिश की है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि उक्त आदेश की तिथि से एक वर्ष की समाप्ति के बाद फॉर्म जीएसटी डीआरसी-22 में अनंतिम संलग्न संपत्ति का आदेश मान्य नहीं होगा। इससे आयुक्त के अलग से लिखित आदेश की ज़रूरत के बिना ही, एक वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद अनंतिम रूप से संलग्न संपत्तियों की बहाली सुगम हो सकेगी।

 

कानून और प्रक्रियाओं से संबंधित अन्य उपाय:

प्रस्तावित जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों को न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के अनुरूप करना: परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 110 में संशोधन की सिफारिश की है, जिसमें व्यवस्था होगी कि:

दस वर्षों से वकील व्यक्ति जिसे अपीलीय न्यायाधिकरण, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर न्यायाधिकरण, राज्य वैट न्यायाधिकरणों, या अन्य नामों से ज्ञात न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में अप्रत्यक्ष कर कानूनों में मुकदमेबाजी का पर्याप्त अनुभव है, वह न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होगा;

  • अध्यक्ष और सदस्य के रूप में नियुक्ति हेतु पात्रता हेतु न्यूनतम आयु 50 वर्ष होनी चाहिए;
  • अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल क्रमशः अधिकतम 70 वर्ष और 67 वर्ष की आयु तक होगा।

 

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RBI ने शहरी सहकारी बैंकों पर लिया बड़ा फैसला, गोल्ड लोन की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख की

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भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद शहरी सहकारी बैंकों से जुड़ा बड़ा एलान किया है। शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत सोने के बदले कर्ज (गोल्ड लोन) की सीमा को दोगुना कर चार लाख रुपये कर दिया गया है। यह सीमा उन शहरी सहकारी बैंकों के लिये बढ़ाई गयी है, जिन्होंने प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज के तहत सभी लक्ष्यों को 31 मार्च 2023 तक पूरा किया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत समग्र लक्ष्य तक उप-लक्ष्य पूरा कर लिया है, उनके लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है।

 

बुलेट पुनर्भुगतान योजना क्या है?

‘बुलेट’ पुनर्भुगतान योजना के तहत कर्ज लेने वाला मूल राशि और ब्याज का भुगतान कर्ज अवधि के अंत में एकमुश्त करता है। हालांकि सोने के बदले कर्ज पर ब्याज का आकलन पूरी अवधि के दौरान हर महीने किया जाता है, लेकिन मूल राशि और ब्याज का भुगतान एकबारगी करना होता है। इसीलिए इसे ‘बुलेट’ पुनभुर्गतान के नाम से जाना जाता है।

 

सहकारी बैंको को प्रोत्साहन देने की कही गई

आरबीआई ने इस साल जून में मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज के तहत तय लक्ष्यों को मार्च 2023 तक पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंकों को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। आरबीआई ने लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।

 

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David Warner ने वर्ल्ड कप में पूरे किए 1000 रन, तोड़ा सचिन तेंदुलकर का ये बड़ा रिकॉर्ड

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ऑस्‍ट्रेलिया के अनुभवी ओपनर डेविड वॉर्नर ने भारत के खिलाफ वर्ल्‍ड कप 2023 के पांचवें मैच में एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। चेन्‍नई के एमए चिदंबरम स्‍टेडियम में खेले जा रहे मुकाबले में वॉर्नर ने वर्ल्‍ड कप इतिहास में अपने 1,000 रन पूरे कर लिए हैं। डेविड वॉर्नर ने वर्ल्‍ड कप में खेलते हुए केवल 19 पारियों में 1,000 रन का आंकड़ा पार किया। इस तरह वॉर्नर वर्ल्‍ड कप इतिहास में सबसे तेज 1,000 रन पूरे करने वाले बल्‍लेबाज बन गए हैं। वॉर्नर ने इस दौरान भारत के महान बल्‍लेबाज सचिन तेंदुलकर और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्‍तान एबी डीविलियर्स जैसे दिग्‍गजों को पीछे छोड़ा।

बता दें कि वनडे वर्ल्‍ड कप में सबसे तेज 1000 रन पूरे करने के मामले में सचिन तेंदुलकर और एबी डीविलियर्स संयुक्‍त रूप से दूसरे स्‍थान पर हैं। इन दोनों दिग्‍गज बल्‍लेबाजों ने वर्ल्‍ड कप की 20 पारियों में 1000 रन का आंकड़ा पार किया था। सौरव गांगुली और विव रिचर्ड्स संयुक्‍त रूप से तीसरे स्‍थान पर काबिज हैं। गांगुली और रिचर्ड्स ने 21 पारियों में 1000 रन का आंकड़ा पार किया था।

वनडे वर्ल्‍ड कप में सबसे कम पारियों में 1000 रन बनाने वाले बल्‍लेबाज

19- डेविड वॉर्नर

20 – सचिन तेंदुलकर/ एबी डीविलियर्स

21 – विव रिचर्ड्स / सौरव गांगुली

22 – मार्क वॉ/ हर्शेल गिब्‍स।

 

डेविड वॉर्नर की बड़ी उपलब्धि

डेविड वॉर्नर ने अपने नाम एक और खास उपलब्धि दर्ज कराई। वनडे वर्ल्‍ड कप में वॉर्नर 1000 रन का आंकड़ा पार करने वाले चौथे ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाज बने। वॉर्नर के अलावा रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्‍ट और मार्क वॉ ही वनडे वर्ल्‍ड कप में 1000 रन का आंकड़ा पार करने में कामयाब हुए हैं।

 

वनडे वर्ल्‍ड कप में सबसे ज्‍यादा रन बनाने वाले ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाज

1743 – रिकी पोंटिंग

1085 – एडम गिलक्रिस्‍ट

1004 – मार्क वॉ

1001* – डेविड वॉर्नर*

987 – मैथ्‍यू हेडन

 

 

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Asian Games 2023 Medals Tally: Final medal table_110.1

इजरायल में अमेरिका तैनात करेगा घातक लड़ाकू विमान, जाने वजह

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इजरायल में हमास के आतंकियों की तरफ से शुरू हुई जंग अब विनाशकारी होती नजर आ रही है। इजरायल ने अपने नागरिकों को तुरंत मिस्र छोड़ने का आदेश दिया है। इजरायली सेना चुन-चुन कर हमास आतंकियों को मार रही है। अब अमेरिका इजरायल के लिए युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की तैनाती करेगा। अमेरिकी सेना समर्थन दिखाने के लिए अमेरिकी नौसेना के जहाजों और अमेरिकी सैन्य विमानों को इजराइल के करीब ले जाने की योजना बना रही है।

इजरायल ने हमास आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया। इन सबके बीच अमेरिका ने हमास के खिलाफ जंग में इजरायल को समर्थन और सैन्य मदद देने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी जहाजों और युद्धक विमानों को इजरायल के पास तैनात करने का आदेश दिया है। इजरायल में अमेरिका अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती करेगा। इसमें F-16 और F-35 जैसे विध्वंसक विमान शामिल हैं। इजरायल के तट पर युद्धपोत भी भेजे जाएंगे। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत के बाद अमेरिका ने ऐलान किया है कि नौसेना का 12वां बेड़ा भेजेगा।

 

एयरस्ट्राइक लगातार जारी

इजराइल हमास से फाइनल रिवेंज लेने की राह पर बढ़ रहा है। हमास के लड़ाकों को ढेर करने के लिए इजराइल पूरी तरह एक्शन मोड में है। इजराइल लगातार गाजा पट्टी की तरफ दुश्मन को मार गिराने के लिए एयरस्ट्राइक कर रहा है। अपनी ताकत से हमास को वाकिफ कराने के लिए बड़े-बड़े हमले कर रहा है। इजराइल की वायु सेना गाजा में कई मंजिलों की इमारतों को मलबे में तब्दील कर रही है।

 

बड़ी संख्या में टैंकों की तैनाती

दक्षिण इजराइल में बड़ी संख्या में टैंकों की तैनाती की गई है। दर्जनों बख्तरबंद गाड़ियों को गाजा की सीमा से लगते इलाकों की तरफ भेजा रहा है। चुन-चुनकर हमास के लड़ाकों को मारा जा रहा है। हमास के आतंकियों को ढेर करने के लिए इजराइली AH-64 अपाचे लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। गाजा पट्टी के पास बॉर्डर इलाकों में रह रहे इजराइली नागरिकों को वहां से हटने के लिए कहा गया है।

 

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भारत के बाहर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े हिंदू मंदिर का अमेरिका में हुआ उद्घाटन

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हिंदू धर्म के भक्तों और कला और संस्कृति के प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले टाउनशिप में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर 2023 को इसके आध्यात्मिक प्रमुख महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में किया गया। भारत के बाहर निर्मित यह दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में एक है। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर से लगभग 90 किमी दक्षिण में या वाशिंगटन डीसी से लगभग 289 किमी दूर उत्तर में, न्यू जर्सी के छोटे रॉबिन्सविले टाउनशिप में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंद‍िर को 12,500 से अधिक की वॉलंटियर्स द्वारा बनाया गया है। भारत के बाहर निर्मित यह स्मारकीय मंदिर, कंबोडिया में राजसी अंगकोर वाट के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बनने की ओर अग्रसर है। अपने जटिल डिजाइन, आध्यात्मिक महत्व और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, स्वामीनारायण अक्षरधाम मानव समर्पण, परंपरा और कलात्मकता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। इस ग्रैंड टेंपल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ।

 

प्राचीन ज्ञान का एक प्रमाण

मंदिर का डिज़ाइन प्राचीन ज्ञान का सच्चा प्रमाण है, जिसमें हिंदू धर्मग्रंथों और संस्कृति से लिए गए तत्व शामिल हैं। इसकी विस्मयकारी विशेषताओं में 10,000 मूर्तियाँ और मूर्तियाँ, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की जटिल नक्काशी और बहुत कुछ हैं। यह वास्तुशिल्प उत्कृष्ट कृति उस समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है जो इसका प्रतिनिधित्व करती है।

 

भव्यता की एक झलक

प्रभावशाली 255 फीट x 345 फीट x 191 फीट माप वाला, न्यू जर्सी अक्षरधाम मंदिर संभवतः विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है, जो केवल कंबोडिया के अंगकोर वाट से आगे है। मंदिर परिसर में एक मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर, नौ शिखर (शिखर जैसी संरचनाएं) और नौ पिरामिड शिखर हैं, जिसमें पारंपरिक पत्थर वास्तुकला का अब तक का सबसे बड़ा अण्डाकार गुंबद है।

 

क्या है खासियत

यह मंदिर भारत के बाहर आधुनिक समय में बना दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इस मंदिर को बनाने में चार तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें लाइम स्टोन, पिंक सैंडस्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ है। लाइमस्टोन को बुल्गारिया और तुर्की, मार्बल को ग्रीस और इटली, ग्रेनाइट को भारत और चीन से लाया गया। सैंडस्टोन भी भारत से लाया गया। मंदिर परिसर में एक ब्रह्मकुड भी है, जिसमें भारत की पवित्र नदियों और अमेरिका की नदियों का पानी है।

 

भारत में तराशे गए पत्थर

इस मंदिर का डिजाइन भारत में ही किया गया था। यूरोप के कई हिस्सों से पत्थर निकाले गए और फिर भारत भेजा गया, जहां इसे तराशा गया। फिर इसे अमेरिका भेज दिया गया। जैसे-जैसे मंदिर पूरा होने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

 

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भारतीय विदेश सेवा (IFS) दिवस 2023: इतिहास और महत्व

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प्रत्येक वर्ष 9 अक्तूबर को भारतीय विदेश सेवा (IFS) दिवस मनाया जाता है। भारतीय विदेश सेवा दिवस उस दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जिस दिन भारतीय मंत्रिमंडल ने विदेश सेवा की स्थापना की थी। यह भारत के हितों को बढ़ावा देने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में राजनयिकों और विदेश सेवा के अधिकारियों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान की याद दिलाता है। यह दिन न केवल अतीत का सम्मान करता है बल्कि एक ऐसे भविष्य की भी आशा करता है जहां कूटनीति भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।

भारत सरकार ने 9 अक्तूबर, 1946 को विदेशों में भारत के राजनयिक, वाणिज्यि दूत संबधी और वाणिज्यिक प्रतिनिधित्व के लिये भारतीय विदेश सेवा की स्थापना की। स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ विदेश और राजनीतिक विभाग का लगभग पूर्ण रूप से संक्रमण हो गया, फलस्वरूप विदेश मंत्रालय के रूप में एक नया मंत्रालय बनाया गया। भारतीय विदेश सेवा की स्थापना ब्रिटिश शासन के समय हुई, जब विदेश विभाग “विदेशी यूरोपीय शक्तियों” के साथ व्यापार करने के लिये बनाया गया था।

 

IFS के तहत कार्यालय

राजदूत, उच्चायुक्त, महावाणिज्य दूत, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और विदेश सचिव कुछ ऐसे कार्यालय हैं जो भारतीय विदेश सेवा के सदस्यों के पास होते हैं।

 

भारतीय विदेश सेवा दिवस: इतिहास

साल 1947 में, ब्रिटिश भारत सरकार के विदेश और राजनीतिक विभाग का लगभग निर्बाध रूप से परिवर्तन हुआ, जो उस समय विदेश मंत्रालय और राष्ट्रमंडल संबंध बन गया, और 1948 में, संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली के तहत पहले बैच की भर्ती हुई। संघ लोक सेवा आयोग सेवा में शामिल हो गया। प्रवेश की यह प्रणाली आज भी भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश का मुख्य साधन बनी हुई है। IFS ने पिछले कुछ वर्षों में लोकसभा अध्यक्ष, भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, मंत्रियों, सांसदों, प्रसिद्ध लेखकों, विद्वानों एवं इतिहासकारों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय लोक सेवकों का निर्माण किया है।

 

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Indian Air Force Day 2023: Date, History, Significance and Celebration_110.1

विश्व डाक दिवस 2023: इतिहास और महत्व

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विश्व डाक दिवस (World Post Day) प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। हर साल 150 से ज्यादा देश अलग-अलग तरीको से विश्व डाक दिवस मनाते हैं। कुछ देशों में विश्व डाक दिवस को अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

भारत में डाक सेवा से कई लोगों को रोजगार के अवसर मिले साथ ही इस सेवा ने सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अपना योगदान दिया। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोनज किया जाता है।

 

क्यों मनाया जाता है ये दिवस

इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को डाक सेवा के महत्व को लेकर जागरूक करना है। लोगों को ये बताना जरूरी है कि किस तरह से डाक विभाग ने देश-दुनिया में हर विकास पर अहम योगदान दिया है।

 

क्या है इस साल की थीम

इस साल की थीम Together for Trust: Collaborating for a safe and connected future है। इस थीम का मतलब है कि एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक दूसरे का सहयोग करना।

 

भारत का पहला पोस्ट ऑफिस

भारत में आधुनिक डाक विभाग की शुरुआत 18 वीं सदी से पहले हुई। भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में 1774 में खोला गया था। पोस्ट दुनिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक नेटवर्क है। 1774 में ही कोलकता GPO की स्थापना हुई। इसके साथ ही उसी सार रेल डाक सेवा की शुरुआत की गई। 1774 में ही भारत से ब्रिटेन और चीन के लिए समुद्री डाक सेवा की शुरुआत हुई।

 

विश्व डाक दिवस महत्व

विश्व डाक दिवस के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इस दिवस को मुख्य तौर पर लोगों में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इसके उद्देश्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य देशों के विकास सेवा के आर्थिक और सामाजिक महत्व को आगे बढ़ाना है।

 

विश्व डाक दिवस का इतिहास

वर्ष 1840 के समय में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था। इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी। इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगातने के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूल किया जाता था। इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बातें:

  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन मुख्यालय: बर्न, स्विट्जरलैंड;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना: 9 अक्टूबर 1874;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संस्थापक: हेनरिक वॉन स्टीफ़न;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन प्रमुख: महानिदेशक; मासाहिको मेटोकी;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन मूल संगठन: संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद।

 

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भारत को लगातार तीसरे बार चुना गया AIBD का अध्यक्ष

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भारत को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (AIBD) जनरल कॉन्फ्रेंस (GC) के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा घोषित यह उल्लेखनीय उपलब्धि एआईबीडी के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह निर्णय एशिया प्रशांत और वैश्विक क्षेत्र में प्रसारण संगठनों द्वारा भारत को दिए गए अपार आत्मविश्वास को दर्शाता है।

UNESCO के तत्वावधान में 1977 में स्थापित, AIBD 44 देशों में फैले 92 सदस्य संगठनों के साथ एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में खड़ा है। इसके सदस्यों में विभिन्न देशों के 26 सरकारी प्रतिनिधि हैं, जिनमें 48 प्रसारण प्राधिकरण और प्रसारक शामिल हैं, साथ ही एशिया, प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब राज्यों और उत्तरी अमेरिका के 28 देशों और क्षेत्रों के 44 सहयोगी शामिल हैं।

AIBD में भारत की भागीदारी इसकी गहरी जड़ें हैं, इसके संस्थापक सदस्यों में से एक होने के नाते। प्रसार भारती, भारत का सार्वजनिक सेवा प्रसारक, एआईबीडी के भीतर सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। यह स्थायी साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों पैमानों पर प्रसारण परिदृश्य के विकास और वृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित 21वें आम सम्मेलन और संबद्ध बैठक 2023 के दौरान भारत के प्रसारण इतिहास में यह निर्णायक क्षण सामने आया। पोर्ट लुई, मॉरीशस में 2 से 4 अक्टूबर तक आयोजित इस सम्मेलन ने भारत के उत्कृष्ट नेतृत्व को पहचानने के लिए मंच के रूप में कार्य किया। यह आयोजन रणनीतिक नीति निर्माण और संसाधन विकास के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक जीवंत और एकजुट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वातावरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित था।

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Asian Games 2023: टीम इंडिया ने क्रिकेट में जीता गोल्ड

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चीन के हांगझाऊ में चल रहे 19वें एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की है। फाइनल मैच में भारत की भिड़त अफगानिस्तान की टीम से थी। अफगान टीम की पारी के दौरान बारिश आने के बाद खेल को तय समय के अंदर दुबारा शुरू नहीं कराया जा सका। इसके बाद भारत को बेहतर रैंकिंग होने की वजह से गोल्ड देने का फैसला मैच अधिकारियों द्वारा लिया गया। वहीं अफगानिस्तान की टीम को सिल्वर मेडल के साथ संतोष करना पड़ा।

भारत के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने टॉस जीतते हुए पहले गेंदबाजी का फैसला किया है। पहले बल्‍लेबाजी करने उतरी अफगानिस्‍तान की शुरुआत बेहद खराब रही। शाहीदुल्‍लाह कमाल की 49 रन की नाबाद पारी के चलते अफगानिस्‍तान ने 18.2 ओवर में 112 रन बनाए, लेकिन लगातार बारिश के चलते मैच रद्द करना पड़ा। हालांकि एशियन गेम्‍स के नियम के तहत भारत को विजेता और अफगानिस्‍तान को उपविजेता घोषित कर दिया गया।

जब बारिश शुरू हुई तो उस समय बल्लेबाजी के लिए उतरी अफगानिस्तान का स्कोर 18.2 ओवर में 5 विकेट पर 112 रन था। लेकिन, लगातार बारिश के कारण झेजियांग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी क्रिकेट फील्ड (Zhejiang University of Technology Cricket Field) में खेल रुका और मैच फिर शुरू नहीं हुआ।

 

इस नियम के तहत जीता भारत

एशियन गेम्स 2023 के नियमानुसार, बारिश के चलते मैच रद्द होने की स्थिति में हाई रैंकिंग वाली टीम को विजयी घोषित किया जाता है। रैंकिंग में टीम इंडिया अफगानिस्तान से कहीं आगे है, इसलिए बारिश के कारण मैच रद्द होने पर भारत गोल्‍ड मेडल मिला है तो अफगानिस्तान की टीम को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा है।

 

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Ojas Deotale is Nagpur's First Asian Games Gold Medalist_110.1

 

 

 

राजस्थान में बनेंगे तीन नए जिले: अशोक गहलोत

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में राज्य में तीन नए जिलों की स्थापना की योजना का खुलासा किया: मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचमन सिटी। यह घटनाक्रम आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आया है, जिससे राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 53 हो गई है। राज्य सरकार ने इससे पहले उसी साल अगस्त में 17 नए जिले बनाए थे। यह कदम जनता की मांगों को संबोधित करने और एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के साथ संरेखित करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

नए जिलों की डिटेल्स :

  1. मालपुरा: इस जिले को मौजूदा टोंक जिले से अलग किया जाएगा।
  2. सुजानगढ़ : चूरू जिले से सुजानगढ़ बनाया जाएगा।
  3. कुचामन सिटी: नागौर से कुचामन एक नए जिले के रूप में उभरेगा।

इन नए जिलों की घोषणा दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले की गई है। यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनता की मांगों और जरूरतों के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

पूर्व सिविल सेवक राम लुभाया के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति ने इन जिलों के निर्माण की सिफारिश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समिति का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग जिला गठन के बारे में अपने सुझाव और राय प्रदान कर सकें। इस कदम का उद्देश्य विशिष्ट क्षेत्रों को शामिल करने या नए जिलों की मांग के बारे में राज्य के विभिन्न हिस्सों से चिंताओं और विरोधों को दूर करना था।

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