विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने अपनी ग्लोबल ट्रेड आउटलुक एंड स्टैटिस्टिक्स 2025 रिपोर्ट जारी की है, जिसमें वैश्विक वस्तु व्यापार (merchandise trade) में मामूली गिरावट का अनुमान जताया गया है। यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ तनावों तथा व्यापार नीतियों की अनिश्चितता के कारण है। रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक विघटन (economic fragmentation) के जोखिम को भी रेखांकित किया गया है। हालांकि वस्तु व्यापार में संकुचन की संभावना है, सेवाओं के व्यापार (services trade) में थोड़ी वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। यह आउटलुक विशेष रूप से विकासशील देशों और अल्पविकसित देशों (LDCs) के लिए मंदी के दबाव की चेतावनी देता है और वैश्विक स्तर पर बेहतर नीतिगत समन्वय की आवश्यकता पर बल देता है ताकि बढ़ती आर्थिक अस्थिरता से निपटा जा सके।
डब्ल्यूटीओ वैश्विक व्यापार दृष्टिकोण 2025 के मुख्य बिंदु
अनुमानित वैश्विक व्यापार प्रवृत्तियाँ
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2025 में वैश्विक वस्तु व्यापार (Merchandise Trade) में 0.2% की गिरावट का अनुमान।
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यदि व्यापार तनाव और बढ़े, तो गिरावट 1.5% तक हो सकती है।
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यह 2024 की 2.9% की वृद्धि के मुकाबले तेज गिरावट है।
टैरिफ का प्रभाव
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अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ से वैश्विक व्यापार वृद्धि में 0.6 प्रतिशत अंक की गिरावट आ सकती है।
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अमेरिका-चीन के बीच 2025 में जारी टैरिफ तनाव व्यापार को 0.8 प्रतिशत अंक और घटा सकते हैं।
सेवाओं के व्यापार की स्थिति
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वैश्विक सेवाओं का व्यापार 2025 में 4.0% बढ़ने का अनुमान।
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लेकिन यह अनुमान से धीमा रहेगा, वस्तुओं के व्यापार में तनाव का असर दिखेगा।
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परिवहन और यात्रा सेवाएं विशेष रूप से प्रभावित होंगी।
क्षेत्रीय प्रभाव
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उत्तर अमेरिका: निर्यात में 12.6% की तेज गिरावट का अनुमान।
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एशिया: निर्यात में 1.6% वृद्धि का अनुमान।
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यूरोप: निर्यात में 1.0% वृद्धि अनुमानित।
अल्पविकसित देशों (LDCs) पर असर
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सीमित निर्यात विविधता के कारण LDCs वैश्विक व्यापार में गिरावट के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
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व्यापार में रुकावट से उनकी आर्थिक स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
अमेरिका-चीन तनाव से व्यापार मोड़ (Trade Diversions)
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चीन से उत्तरी अमेरिका के बाहर अन्य क्षेत्रों में निर्यात 4% से 9% तक बढ़ सकता है।
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अमेरिका का चीन से आयात घटेगा, जिससे अन्य आपूर्तिकर्ता देशों (जैसे LDCs) को अवसर मिल सकते हैं।
आर्थिक जोखिम और UNCTAD की चेतावनी
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UNCTAD ने 2025 में वैश्विक GDP वृद्धि 2.3% रहने का अनुमान जताया है।
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यह मंदी के जोखिम को दर्शाता है।
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विकासशील अर्थव्यवस्थाएं व्यापार विघटन और भू-राजनीतिक संघर्षों से अधिक प्रभावित हो सकती हैं।
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UNCTAD ने क्षेत्रीय और वैश्विक नीति समन्वय को मजबूत करने की अपील की है।
वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति (Intra-EU व्यापार को छोड़कर)
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मर्चेंडाइज निर्यात: रैंक 14वां; हिस्सेदारी स्थिर (2.2%)।
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मर्चेंडाइज आयात: रैंक 7वां; हिस्सेदारी स्थिर (3.4%)।
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कॉमर्शियल सेवाओं का निर्यात: रैंक 6वां; हिस्सेदारी 5.4% से घटकर 5.3%।
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कॉमर्शियल सेवाओं का आयात: रैंक 6वां (कोई बदलाव नहीं); हिस्सेदारी 4.2% से घटकर 4.1%।