केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राममोहन नायडू किंजरापु ने कोटा, राजस्थान और पुरी, ओडिशा में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के लिए प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य हवाई संपर्क को बढ़ावा देना और दो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों – कोटा, जो एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है, में विकास को बढ़ावा देना है।
भारत के विमानन बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राममोहन नायडू किंजरापु ने 5 मई, 2025 को कोटा (राजस्थान) और पुरी (ओडिशा) में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं से हवाई संपर्क बढ़ाने, पर्यटन को बढ़ावा देने और भारत के शैक्षिक और तीर्थस्थल दोनों केंद्रों में क्षेत्रीय आर्थिक विकास का समर्थन करने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की उम्मीद है।
चर्चा में क्यों?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोटा और पुरी में दो नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को मंजूरी दे दी है, जो देश भर में विमानन बुनियादी ढांचे के विस्तार पर सरकार के रणनीतिक फोकस को दर्शाता है। यह कदम उड़ान योजना के अनुरूप है और इसका उद्देश्य वंचित क्षेत्रों में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
मुख्य विवरण
- अनुमोदन की तिथि : 5 मई, 2025
- मंत्री: श्री राममोहन नायडू किंजरापु, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री
- स्थान 1: कोटा, राजस्थान
- स्थान 2: पुरी, ओडिशा
- परियोजना का प्रकार: ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा (अविकसित स्थलों पर नए सिरे से निर्मित हवाई अड्डे)
उद्देश्य और महत्व
कोटा हवाई अड्डा (राजस्थान)
- इसका नेतृत्व लोक सभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूंदी से सांसद श्री ओम बिरला करेंगे।
- कोटा एक प्रसिद्ध शैक्षणिक और औद्योगिक केंद्र है, विशेष रूप से आईआईटी/मेडिकल कोचिंग संस्थानों के लिए प्रसिद्ध है।
- यह व्यापक हाड़ौती क्षेत्र की सेवा करेगा तथा आर्थिक गतिविधि, जनसंख्या गतिशीलता और औद्योगिक मांग को समर्थन देगा।
- घरेलू और संभावित अंतर्राष्ट्रीय संपर्क को बढ़ाता है।
पुरी हवाई अड्डा (ओडिशा)
- पुरी चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर स्थित है।
- इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा लाखों तीर्थयात्रियों और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को सुविधा मिलेगी।
- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों से पहुंच में सुधार।
- क्षेत्रीय विकास और रोजगार में योगदान की उम्मीद है।
पृष्ठभूमि एवं स्थैतिक तथ्य
- ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे नए हवाई अड्डे हैं, जिनका निर्माण अप्रयुक्त भूमि पर नए डिजाइन, योजना और विकास के साथ किया जाता है – ब्राउनफील्ड (मौजूदा हवाई अड्डों का उन्नयन) के विपरीत।
- क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने और हवाई यात्रा को किफायती बनाने के लिए 2017 में उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना शुरू की गई थी।
- भारत में वर्तमान में 140 से अधिक हवाई अड्डे कार्यरत हैं तथा इस नेटवर्क के विस्तार के लिए कार्य जारी है।
सारांश/स्थैतिक | विवरण |
चर्चा में क्यों? | सरकार ने बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कोटा और पुरी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को मंजूरी दी |
मंत्री | राममोहन नायडू किंजरापु |
स्वीकृत स्थान | कोटा (राजस्थान), पुरी (ओडिशा) |
हवाई अड्डों के प्रकार | ग्रीनफील्ड (अछूती भूमि पर नव विकसित) |
मुख्य लाभ | कनेक्टिविटी, पर्यटन, आर्थिक विकास |
लिंक्ड सरकारी योजना | उड़ान – क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) |