भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिम मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) 29 दिसंबर से लागू हो गया है। इसके बाद अब भारत के छह हजार से ज्यादा उत्पादों के निर्यात पर ऑस्ट्रेलिया में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इस समझौते पर दो अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे। इससे ऑस्ट्रेलियाई बाजार में हजारों घरेलू सामान जैसे कपड़ा, चमड़ा आदि को शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान की जा सकेगी।
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मुख्य बिंदु
- निर्यातकों और उद्योग क्षेत्र के दिग्गजों के मुताबिक, यह समझौता लगभग पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 45-50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने में मदद करेगा।
- आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित छह हजार से ज्यादा क्षेत्रों के भारतीय निर्यातकों को शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा।
- ईसीटीए पर 2 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे। इससे श्रम प्रधान क्षेत्रों में अत्यधिक लाभ होगा, जिनमें कपड़ा और परिधान, कृषि और मछली उत्पाद, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खेल के सामान, आभूषण, मशीनरी और बिजली के सामान शामिल हैं।
- फेडरेशन ऑफ इंडियान एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईईओ) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारतीय निर्यातकों के लिए प्रमुख बाजारों में से एक है।
- इसके अलावा समझौते से श्रम केंद्रित क्षेत्रों मसलन कपड़ा और परिधान, कुछ कृषि और मछली उत्पाद, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खेल के सामान, आभूषण, मशीनरी और बिजली का सामान को लाभ होगा।
- एफटीए के तहत ऑस्ट्रेलिया पहले दिन से मूल्य के लिहाज से करीब 96.4 फीसदी निर्यात शून्य-शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई ऐसे उत्पाद शामिल हैं, जिस पर ऑस्ट्रेलिया अभी पांच फीसदी तक सीमा शुल्क लगाता है।