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भारतीय रेलवे 2030 तक 48 शहरों में ट्रेनों की शुरुआती क्षमता को दोगुना करेगा

भारत सरकार ने घोषणा की है कि भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक देश के 48 प्रमुख शहरों में मूल (ऑरिजिनेटिंग) ट्रेनों की क्षमता दोगुनी करने की योजना बना रहा है। इस पहल का उद्देश्य व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को कम करना और रेल यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करना है। यह घोषणा रेल अवसंरचना के आधुनिकीकरण और तेजी से विकसित हो रहे शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने की सरकार की दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाती है।

विस्तार योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रमुख शहरी केंद्रों से शुरू होने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाना है, जिससे—

  • मौजूदा टर्मिनलों पर भीड़ कम हो
  • समयपालन (पंक्चुअलिटी) और सेवा की विश्वसनीयता में सुधार हो
  • यात्रियों की सुविधा और आराम बढ़े
  • रेल आधारित परिवहन की दीर्घकालिक वृद्धि को समर्थन मिले

मूल ट्रेनों की क्षमता दोगुनी करके भारतीय रेलवे 2030 और उसके बाद की बढ़ती मांग के अनुरूप अपने बुनियादी ढांचे को भविष्य के लिए तैयार करना चाहता है।

प्रस्तावित प्रमुख अवसंरचना उन्नयन

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक अवसंरचनात्मक उपायों की योजना बनाई गई है—

  • मौजूदा टर्मिनलों पर नए प्लेटफॉर्म का निर्माण
  • ट्रेनों की पार्किंग और रखरखाव के लिए स्टेबलिंग लाइनों और पिट लाइनों का विस्तार
  • शंटिंग और मेंटेनेंस सुविधाओं का उन्नयन
  • प्रमुख शहरों के भीतर और आसपास नए टर्मिनल स्टेशनों की पहचान और विकास
  • इन उपायों से ट्रेन संचालन का बेहतर वितरण होगा और पुराने स्टेशनों पर दबाव कम होगा।

मुख्य बिंदु

  • भारतीय रेलवे 2030 तक 48 शहरों में मूल ट्रेनों की क्षमता दोगुनी करेगा।
  • इस पहल का उद्देश्य भीड़ कम करना और यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
  • नए प्लेटफॉर्म, विस्तारित स्टेबलिंग लाइनें और नए टर्मिनल प्रमुख उपाय हैं।
  • क्षमता वृद्धि को सिग्नलिंग और मल्टी-ट्रैकिंग कार्यों के साथ समन्वित किया जाएगा।
  • योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि यात्रियों को शीघ्र लाभ मिल सके।
  • यह पहल दीर्घकालिक संपर्क, दक्षता और आर्थिक विकास को समर्थन देती है।
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