प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27–28 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले मुख्य सचिवों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी (Human Capital for Viksit Bharat)” की व्यापक थीम के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जो भारत की जनसंख्या को कुशल, उत्पादक और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल में बदलने पर सरकार के ज़ोर को दर्शाता है। इस आयोजन का उद्देश्य भारत की दीर्घकालिक विकास यात्रा के लिए अहम प्राथमिकताओं पर केंद्र–राज्य संरचित सहयोग को और मज़बूत करना है।
थीम: विकसित भारत के लिए मानव पूंजी
- यह केंद्रीय थीम नीति-निर्माण में एक महत्वपूर्ण बदलाव को रेखांकित करती है—जहाँ भारत की आबादी को केवल जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में देखने के बजाय नागरिकों को मानव पूंजी के रूप में विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
- चर्चाओं का फोकस ऐसे तंत्र विकसित करने पर होगा जो कौशल, उत्पादकता, नवाचार और रोज़गार क्षमता को बढ़ावा दें, ताकि भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को समर्थन मिल सके।
- इसमें समावेशी, सतत और भविष्य-उन्मुख विकास पर बल दिया जाएगा, जो जन-केंद्रित विकास से प्रेरित हो।
प्रमुख फोकस क्षेत्र
मुख्य थीम के अंतर्गत पाँच प्राथमिक क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया जाएगा—
- प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा – आजीवन सीखने की मज़बूत नींव
- विद्यालयी शिक्षा – गुणवत्ता, पहुँच और सीखने के परिणामों में सुधार
- कौशल विकास (Skilling) – उभरती आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल
- उच्च शिक्षा – नवाचार, अनुसंधान और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा
- खेल और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ – समग्र व्यक्तित्व विकास
ये सभी क्षेत्र मिलकर राज्यों में एक सुदृढ़ मानव पूंजी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
विशेष नीति सत्र
सम्मेलन में शासन और नीति से जुड़े प्रमुख विषयों पर छह विशेष सत्र भी आयोजित होंगे—
- राज्यों में नियमन-मुक्ति (Deregulation)
- शासन में प्रौद्योगिकी: अवसर, जोखिम और शमन
- स्मार्ट आपूर्ति शृंखला और बाज़ार संपर्क के लिए एग्रीस्टैक (AgriStack)
- एक राज्य, एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल
- आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी
- वामपंथी उग्रवाद (LWE) के बाद के भविष्य के लिए रोडमैप
इन सत्रों का उद्देश्य संरचनात्मक सुधारों, डिजिटल गवर्नेंस और क्षेत्र-विशिष्ट विकास रणनीतियों पर चर्चा करना है।
अनौपचारिक और विषयगत चर्चाएँ
औपचारिक सत्रों के साथ-साथ कुछ केंद्रित अनौपचारिक चर्चाएँ भी होंगी—
- विरासत और पांडुलिपियों का संरक्षण एवं डिजिटलीकरण
- सबके लिए आयुष (Ayush for All) – पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकृत करने पर ज़ोर
- ये चर्चाएँ आधुनिक शासन के साथ सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक प्रणालियों के समन्वय के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
सहभागिता और पिछले संस्करण
सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भाग लेंगे।
पिछले संस्करण आयोजित हुए थे—
- धर्मशाला – जून 2022
- नई दिल्ली – जनवरी 2023
- नई दिल्ली – दिसंबर 2023
- नई दिल्ली – दिसंबर 2024
पाँचवाँ संस्करण सहकारी संघवाद और वार्षिक सहयोगी शासन की इस परंपरा को आगे बढ़ाता है।
मुख्य बिंदु (Key Takeaways)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य सचिवों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
- स्थान: नई दिल्ली | तारीखें: 27–28 दिसंबर 2025
- थीम: विकसित भारत के लिए मानव पूंजी
- शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा और खेल प्रमुख फोकस क्षेत्र
- विशेष सत्र: नियमन-मुक्ति, शासन में तकनीक, एग्रीस्टैक, आत्मनिर्भर भारत
- सम्मेलन केंद्र–राज्य समन्वय और सहकारी संघवाद को मज़बूती देता है


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