लोकसभा ने 18 दिसंबर 2025 को विरोध, हंगामे और मात्र आठ घंटे की बहस के बीच विकसित भारत गारंटी रोज़गार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM-G) विधेयक, 2025 पारित किया। इस विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण रोज़गार और आजीविका योजनाओं में सुधार करना है और यह प्रभावी रूप से मनरेगा (MGNREGA) के प्रावधानों का स्थान लेता है।
पृष्ठभूमि: मनरेगा (MGNREGA) क्या है
मनरेगा एक अधिकार-आधारित ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम है, जो ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष कम-से-कम 100 दिन का मज़दूरी रोज़गार सुनिश्चित करता है।
मनरेगा की प्रमुख विशेषताएँ:
- मांग-आधारित रोज़गार सृजन
- पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से विकेंद्रीकृत योजना
- टिकाऊ ग्रामीण परिसंपत्तियों का निर्माण (सड़कें, जल संरक्षण आदि)
- पारदर्शिता, सामाजिक अंकेक्षण तथा महिलाओं और वंचित वर्गों की भागीदारी पर ज़ोर
नया विधेयक क्यों लाया गया
सरकार का तर्क है कि मनरेगा ने ग्रामीण संकट कम करने में मदद की, लेकिन अब इसमें पुनर्संरचना की आवश्यकता है ताकि—
- दीर्घकालिक ग्रामीण उत्पादकता को समर्थन मिले
- रोज़गार को अवसंरचना निर्माण से जोड़ा जाए
- पारदर्शिता के लिए प्रौद्योगिकी का समावेश हो
- विकसित भारत @2047 के विकास लक्ष्यों के अनुरूप हो
VB-G RAM-G विधेयक के उद्देश्य
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसरों का विस्तार
- अल्पकालिक राहत से हटकर दीर्घकालिक आजीविका परिसंपत्तियों पर फोकस
- प्रौद्योगिकी के माध्यम से बेहतर शासन
- ग्रामीण कार्यों का राष्ट्रीय अवसंरचना योजना से एकीकरण
- वंचित समूहों का बेहतर लक्षित कवरेज
विधेयक में प्रस्तावित प्रमुख बदलाव
1. रोज़गार गारंटी में वृद्धि
- गारंटीकृत कार्यदिवस 100 से बढ़ाकर 125 दिन प्रति परिवार
- रोज़गार अधिकार में 25% वृद्धि
2. कृषि अवकाश (Agricultural Pause)
- बुवाई और कटाई के चरम मौसम में 60 दिनों का अवकाश
- राज्यों को स्थानीय फसल चक्र के अनुसार अवकाश अधिसूचित करने का अधिकार
- उद्देश्य: कृषि के लिए श्रम उपलब्धता सुनिश्चित करना
3. नई लागत-साझेदारी व्यवस्था
योजना को केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) बनाया गया
वित्तपोषण पैटर्न:
- 90:10 – पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश
- 60:40 – अन्य राज्य
- 100% केंद्र – बिना विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेश
4. मानक (कैप्ड) बजट आवंटन
- मांग-आधारित बजट की जगह राज्यवार सीमित आवंटन
- आवंटन से अधिक खर्च का भार राज्यों पर
- खुली-अंत (ओपन-एंडेड) फंडिंग से स्पष्ट बदलाव
5. प्रौद्योगिकी-आधारित शासन
- विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक का निर्माण
- पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से एकीकरण
प्रमुख विशेषताएँ:
- बायोमेट्रिक उपस्थिति
- AI आधारित धोखाधड़ी पहचान
- कार्यों की GPS ट्रैकिंग
- साप्ताहिक सार्वजनिक डेटा प्रकटीकरण
उठाई गई प्रमुख चिंताएँ
- राज्यों पर वित्तीय बोझ: 60:40 मॉडल से गरीब राज्यों पर दबाव
- अधिकार बनाम बजट कैप: सीमित आवंटन से अधिकार-आधारित प्रकृति कमजोर
डिजिटल पहुँच की समस्या:
- कमजोर कनेक्टिविटी
- उपकरण विफलता
- फिंगरप्रिंट मिसमैच से बहिष्करण का जोखिम
- कृषि अवकाश का जोखिम: भूमिहीन मज़दूरों की आय प्रभावित हो सकती है
- कार्यान्वयन चुनौतियाँ: ऐतिहासिक रूप से औसत रोज़गार 45–55 दिन ही रहा है
विधेयक के सकारात्मक पहलू
- टिकाऊ और जलवायु-सहिष्णु परिसंपत्तियों पर ज़ोर
- राष्ट्रीय अवसंरचना योजना से बेहतर एकीकरण
- बाज़ार, गोदाम जैसी आजीविका परिसंपत्तियों का संवर्धन
- साप्ताहिक वेतन भुगतान
- उल्लंघन पर ₹10,000 तक दंड
- एकल महिलाएँ, वृद्ध, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों पर विशेष फोकस
मुख्य बिंदु
- VB-G RAM-G विधेयक लोकसभा में पारित
- मनरेगा का स्थान VB-G RAM-G लेगा
- रोज़गार गारंटी 125 दिन
- कृषि अवकाश और बजट कैप की व्यवस्था
- प्रौद्योगिकी-आधारित शासन पर मजबूत ज़ोर
- दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों और तात्कालिक ग्रामीण आजीविका के बीच संतुलन


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