विश्व बैंक और एसएंडपी ग्लोबल मार्केटिंग इंटेलिजेंस द्वारा साल 2023 के लिए तैयार की गई विशेष रिपोर्ट कंटेनर पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (सीपीपीआई) में भारत के बंदरगाह विकास कार्यक्रम के प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप सराहा गया है। इस रिपोर्ट के नवीनतम संस्करण में भारत के 9 बंदरगाहों ने वैश्विक शीर्ष 100 बंदरगाहों में अपनी जगह बनाई है। इस सराहनीय उपलब्धि पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और उनकी दक्षता में सुधार के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम को मुख्य रूप से श्रेय दिया है।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह भारतीय पत्तनों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा बंदरगाहों के कार्य प्रदर्शन में सुधार लाने और उनकी दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से आधुनिकीकरण, मशीनीकरण एवं प्रौद्योगिकीय रूप से दक्ष बनाने के लिए किए गए प्रयासों का प्रमाण है। श्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्पष्ट किया कि परिचालन दक्षता व सेवा वितरण के माध्यम से जहाजों और कार्गो के कुशल संचालन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप हम सागरमाला जैसी पथ-प्रदर्शक महत्वाकांक्षी गतिविधियों के माध्यम से अपने बंदरगाहों की दक्षता में सुधार करने में सक्षम हुए हैं।
विशाखापत्तनम बंदरगाह का प्रदर्शन
कार्य क्षमता के आधार पर विशाखापत्तनम बंदरगाह ने प्रति क्रेन घंटे 27.5 मूव, 21.4 घंटे का टर्नअराउंड समय (टीआरटी) और न्यूनतम बर्थ आइडल टाइम के साथ सबसे शानदार प्रदर्शन किया है। ये सभी घटक कंटेनर जहाजों का प्रबंधन करने में बंदरगाह की दक्षता को उजागर करते हैं और ग्राहकों की पसंद को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। शीर्ष 100 बंदरगाहों में स्थान बनाने वाले अन्य सात भारतीय बंदरगाह – पीपावाव (41), कामराजार (47), कोचीन (63), हजीरा (68), कृष्णापट्टनम (71), चेन्नई (80) और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (96) हैं।