कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों को नकदी के इस्तेमाल के प्रति हतोत्साहित करने के लिए एक मार्च से बैंकिंग नियमों में कई बड़े बदलाव हुए है. निजी और सरकारी बैंकों ने लेन-देन पर चार्ज वसूलने की तैयारी कर ली है. एक मार्च से फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट के बाद ग्राहक को अब हर ट्रांजेक्शन के लिए फीस और सर्विस चार्ज देना होगा.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एक माह में बचत खाते से एटीएम से तीन बार कैश ट्रांजेक्शन के बाद हर ट्रांजेक्शन पर 50 रुपए और साथ ही सर्विस चार्ज वसूलेगा. एसबीआई ने 1 अप्रैल 2017 से यह नियम लागू करने का फैसला किया है. साथ ही बैंक ने व्यवसायिक प्रतिनिधि और पीओएस से नकदी निकालने पर निर्धारित सीमा के बाद शुल्क लगेगा.
एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक ने भी फ्री ट्रांज़ैक्शन लिमिट के बाद हर ट्रांज़ैक्शन के लिए शुल्क लगाना शुरू कर दिया है. इसके तहत एक महीने में 4 मुफ्त लेनदेन के बाद हर बार न्यूनतम 150 रु शुल्क लिया जाएगा. एचडीएफसी के मुताबिक, ये नियम बचत खातों के साथ-साथ सैलरी खातों पर भी लागू होंगे.



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