इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और यूपीआई का प्रबंधन करने वाले संस्थान एनपीसीआई के सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों को ‘महत्वपूर्ण सूचना ढांचा’ घोषित कर दिया है, इसका अर्थ यह है कि इन्हें नुकसान पहुंचाने का राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा और कोई व्यक्ति अनधिकृत रूप से इनके साथ छेड़छाड़ करता है या इन तक पहुंच बनाता है तो उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है। सीआईआई के तहत आईटी संसाधनों में कोर बैंकिंग सॉल्यूशन, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) शामिल हैं, जिसमें स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सर्वर शामिल है।
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प्रमुख बिंदु:
- आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एनपीसीआई के आईटी संसाधनों का एक्सेस निर्धारित कर्मचारियों, निविदा आधारिक सेवा प्रदाताओं के टीम मेंबर्स, थर्ड पार्टी वेंडर्स जिन्हें इसकी अनुमति मिली हो, जरूरत पड़ने पर कंसल्टेंट के पास, रेगुलेटर, सरकारी अधिकारी, ऑडिटर व संस्था द्वारा अनुमति प्राप्त अन्य हितधारकों के पास होगा।
- अपने आईटी संसाधनों को CII के तहत रखने का यह निर्णय साइबर हमलों के कारण लिया गया है, जिसने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा एक संरक्षित प्रणाली की आवश्यकता को उठाया है।
सीआईआई का क्या मतलब है?
- इसका मतलब है कि इस बुनियादी ढांचे को कोई भी नुकसान राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डाल सकता है और इन संसाधनों तक पहुंचने वाले किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को 10 साल तक की जेल हो सकती है, और जुर्माना भी हो सकता है।
- केंद्र सरकार, आईटी अधिनियम, 2000 के तहत, उस डिजिटल संपत्ति की सुरक्षा के लिए किसी भी डेटा, डेटाबेस, आईटी नेटवर्क या संचार बुनियादी ढांचे को सीआईआई के रूप में घोषित करने की शक्ति रखती है।
- 2014 में स्थापित नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC), भारत के CII की सुरक्षा के लिए सभी उपाय करने के लिए नोडल एजेंसी है।
- एनसीआईआईपीसी प्रारंभिक चेतावनी या अलर्ट के लिए नीति मार्गदर्शन, विशेषज्ञता साझा करने और स्थितिजन्य जागरूकता के लिए सीआईआई को राष्ट्रीय स्तर के खतरों की निगरानी और पूर्वानुमान करेगा।
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