भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋणदाताओं की वित्तीय स्थिति में आई गंभीर गिरावट के कारण लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने (30 दिन) के लिए मोरेटोरियम के अंतर्गत रखने का आदेश जारी किया है, जिसके बाद इसके जमाकर्ताओं के लिए नकदी निकालने की सीमा 25,000 रुपये पर प्रतिबंधित कर दी गई है, यानि अब बैंक के ग्राहक केवल 25000 रूपए तक राशि ही बैंक से निकल सकेंगे। साथ ही रिज़र्व बैंक ने बैंक की वित्तीय स्थिति में आई गंभीर गिरावट के कारण 30 दिनों की अवधि के लिए LVB के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है। इस की घोषणा वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के माध्यम से की गई ।
रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार के पास जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और वित्तीय और बैंकिंग स्थिरता के हित में एक विश्वसनीय पुनरुद्धार योजना के अभाव में, लक्ष्मी विलास बैंक को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 45 के तहत मोरेटोरियम पीरियड में रखने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।
लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस में होगा विलय:
- आरबीआई ने डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में LVB का विलय करने की योजना का मसौदा तैयार किया है और जिसका उद्देश्य है मोरेटोरियम पीरियड समाप्त होने से पहले विलय की प्रक्रिया पूरी करना है।
- डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) डीबीएस बैंक लिमिटेड, सिंगापुर (“DBS”) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो एशिया के प्रमुख वित्तीय सेवा समूह, डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड की सहायक कंपनी बन गई है।
- बैंक ने ड्राफ्ट स्कीम पर ट्रांसफर बैंक (LVB) और ट्रांसफेरे बैंक (DBIL) के सदस्यों, जमाकर्ताओं और अन्य लेनदारों को यदि कोई सुझाव और आपत्तियां हो तो उसे साझा करने के लिए आमंत्रित किया।
- डीबीआईएल मर्ज किए गए निकाय की ऋण वृद्धि का समर्थन करने के लिए, 2,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी लाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- लक्ष्मी विलास बैंक मुख्यालय: चेन्नई, तमिलनाडु
- लक्ष्मी विलास बैंक की स्थापना: 1926
- लक्ष्मी विलास बैंक के अध्यक्ष: अवतार सिंह मोंगा