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कारगिल विजय दिवस: 26 जुलाई

हर साल 26 जुलाई को देश भर में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन, देश में 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैना के शूरवीरों के साहस, पराक्रम और बलिदान को याद किया जाता है। इस वर्ष राष्ट्र कारगिल युद्ध की 21वीं वर्षगाँठ मना रहा है। यह युद्ध वर्ष 1999 में देशों के बीच कश्मीर का विभाजन करने वाली वास्तविक सीमा नियंत्रण रेखा के पास कारगिल की उंची पर्वत चोटियों में लड़ा गया था।
कारगिल युद्ध का इतिहास:

कारगिल युद्ध 1999 में मई-जुलाई के दौरान जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा (Line of Control) पर लड़ा गया था जिसमें भारत को विजय मिली थी। कारगिल युद्ध 60 दिनों से अधिक समय तक चलने के बाद 26 जुलाई को भारत की जीत के साथ समाप्त हुआ था। 1999 में उस समय पाकिस्तान की सेना ने बर्फ पिघलने का फायदा उठाकर और भारत के इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश की थी, जो दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते (सर्दियों के दौरान इस पोस्ट पर तैनाती नहीं किए की जाएगी ) का उल्लंघन था । इसमें पाकिस्तान सेना ने पल्ला झाड़ते हुए युद्ध में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने साफ इनकार कर दिया, और उन्होंने दावा किया कि युद्ध लड़ने वाले कश्मीरी विद्रोही थे, लेकिन बाद में गोला-बारूद, पहचान पत्र, राशन के सामान और अन्य तथ्यों से साबित हुआ कि इस कायरतापूर्ण कार्य के पीछे पाकिस्तान की सेना का ही हाथ था।

ऑपरेशन विजय:


यह ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा भारतीय इतिहास में दो बार शुरू चलाया गया था, जिसे दोनों बार सफलता मिली थी। पहली बार ऑपरेशन विजय 1961 में चलाया गया था, जिसके कारण भारत ने गोवा, अंजेडिवा द्वीप और दमन और दीव को अपने कब्जे में कर लिया था। दूसरा बार इस ऑपरेशन को साल 1999 में चलाया गया था। 26 जुलाई को “ऑपरेशन विजय” की सफल समाप्ति को चिह्नित करने के लिए हर साल “कारगिल विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है, जिससे नियंत्रण रेखा के पास 3 महीनों तक चले युद्ध को समाप्त कर दिया। इस युद्ध के दौरान लगभग 490 भारतीय सेना के अधिकारी, सैनिक और जवान शहीद हुए थे।




ऑपरेशन व्हाइट सी:

इसके अलावा 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन व्हाइट सी भी चलाया गया था। इस ऑपरेशन के तहत, भारतीय वायु सेना ने सेना के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना की नियमित और अनियमित सैनिक पोस्ट को तबाह कर दिया था।

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