नागपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने Covid-19 संक्रमित और संदिग्ध रोगियों की प्रभावी ट्रैकिंग और निगरानी के लिए एक ‘smart wristband’ को डिजाइन एवं विकसित किया है।
यह नया रिस्टबैंड उपकरण आईआईटी जोधपुर और आईआईटी नागपुर द्वारा मिलकर डिज़ाइन किया गया है, जो कोरोनोवायरस रोगियों की ट्रैकिंग और निगरानी के लिए उपयोग किए जाने वाले मौजूदा ऑनलाइन मोबाइल ऐप की समस्याओं को दूर करेगा।
- यह डिवाइस एक ऐसी तकनीक पर काम करेगा जो जीपीएस सिस्टम से ज्यादा प्रभावी है.
- कलाई पर बाधने वाले बैंड के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा को इकठ्ठा किया जाएगा और जिसे स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा निगरानी की जा रहे क्लाउड पर संग्रहित किया जाएगा.
- अब मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति की दिनचर्या को ट्रैकिंग करना सीमित है.
- वर्तमान में लक्षणों को परखने के लिए ऐसा कोई तंत्र नहीं है जो उपयोगकर्ता का स्वयं मूल्यांकन करे.
- मौजूदा मोबाइल ऐप्स सटीकता के साथ ट्रैकिंग लोकेशन के लिए GPS या सेल टॉवर ट्राइएंगुलेशन मेथड का उपयोग करते हैं जो कभी-कभी 1.5 से 2 किलोमीटर के दायरे में अलग-अलग हो सकते हैं।

Post a comment