रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने COVID -19 से संक्रमित व्यक्तियों को आपदा की स्थति में ले जाने या आईसोलेट करने के लिए आपातकालीन निकासी बैग डिजाइन किए है। ये बैग वाटर और एयर-प्रूफ है और जिसका इस्तेमाल जैविक एजेंटों का इलाज करने के लिए किया जाता है। डीआरडीओ शुरुआत में इस तरह के कुल 500 बैग का निर्माण करेगा। ये बैग डीआरडीओ की डिफेंस बायोइंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रोमेडिकल लेबोरेटरी (डीईबीईएल), जो एयरो-मेडिकल इंजीनियरिंग और लाइफ सपोर्ट इक्विपमेंट और न्यूक्लियर केमिकल एंड बायोलॉजिकल (एनबीसी) प्रोटेक्शन सिस्टम पर शोध करने वाली इकाई द्वारा विकसित किए गए है।
बैग का आकार:
ये बैग सिलेंडर के आकार में होंगे, जो गैर-बुने हुए, पानी-रिपेलेंट कपड़े से बना है जिसमें हवा और जलरोधी ज़िप के साथ-साथ एक वेंटिलेटर भी है। इस पर रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) वातावरण में सहने के लिए एक फिल्म की कोटिंग की गई है जिसमें रक्त और वायरल प्रवेश के खिलाफ आवश्यक सुरक्षा है। इन COVID कैजुअल्टी निकासी बैग का आकार और डिज़ाइन 1999 के कारगिल संघर्ष के बाद DEBEL द्वारा विकसित फैब्रिक चैम्बर से मिलता-जुलता है जो हाई एल्टीट्यूड पल्मोनरी ओडेमा (HAPO) से प्रभावित रोगियों के प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किए गए थे।
मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर’
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) महामारी COVID-19 रोगियों के लिए ‘मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर’ विकसित करने की कोशिश भी कर रहा है। डीआरडीओ तेजी से उन्नत वेंटिलेटर विकसित करने का काम कर रहा है ताकि कोरोनोवायरस का प्रकोप के नियंत्रण से बाहर होने पर इनका इस्तेमाल किया जाए। DRDO का लक्ष्य पहले महीनों में लगभग 5000 वेंटिलेटर और बाद में 10,000 वेंटिलेटर बनाना है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- DRDO अध्यक्ष: जी सतीश रेड्डी; स्थापित: 1958.
- मुख्यालय: नई दिल्ली.