एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में भारत की जीडीपी वृद्धि 7.1 प्रतिशत के आस पास रहने की उम्मीद है क्योंकि देश का पर्याप्त पुनर्मौद्रिकरण (remonetized) हो गया है और बजट में दी गयी योजनाओं इसमें सहायक भूमिका निभाएंगी.
वृद्धि संख्याओं में बढ़ोतरी मुख्यतः पुनर्मौद्रिकरण (remonetized) से निर्धारित होगी जो अप्रैल अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है, और इसलिए यह, देश में उपभोग स्तर को बढ़ाएगा और इसे पुनः विमुद्रीकरण से पूर्व के स्तर पर ले आएगा. इस वर्ष की 7.1 प्रतिशत का वृद्धि अनुमान 2016-17 के 6.3 प्रतिशत से अधिक है.
वृद्धि संख्याओं में बढ़ोतरी मुख्यतः पुनर्मौद्रिकरण (remonetized) से निर्धारित होगी जो अप्रैल अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है, और इसलिए यह, देश में उपभोग स्तर को बढ़ाएगा और इसे पुनः विमुद्रीकरण से पूर्व के स्तर पर ले आएगा. इस वर्ष की 7.1 प्रतिशत का वृद्धि अनुमान 2016-17 के 6.3 प्रतिशत से अधिक है.
स्रोत – हिन्दू बिज़नेस लाइन



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