31 दिसंबर 2022 को प्रकाशित रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की वर्ष के अंत की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दशकों (2003-2022) में पत्रकारिता के अपने काम के सिलसिले में दुनिया भर में कुल 1,668 पत्रकारों की हत्या की गई है। मौत के मुख्य कारण हत्याएं, संविदा हत्याएं, घात लगाकर हमला करना, युद्ध क्षेत्र में मौतें, और घातक चोटें थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल औसतन 80 पत्रकारों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
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सीरिया में युद्ध के कारण 2012 में सबसे अधिक 144 से अधिक पत्रकारों की जान चली गई और 2013 में 142 पत्रकारों की मौत हो गई। आरएसएफ के मुताबिक, पिछले दो दशकों में पत्रकारों की 80 प्रतिशत मौत 15 देशों में हुई है। सीरिया और इराक में मृत्यु दर सबसे अधिक है, जहां पिछले बीस वर्षों में कुल 578 पत्रकार मारे गए हैं। यह दुनिया भर में पत्रकारों की मृत्यु दर का लगभग 1/3 है। इन खतरनाक देशों के बाद पत्रकारों के लिए सबसे असुरक्षित देश अफगानिस्तान, यमन और फिलिस्तीन थे।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) के बारे में
- रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है।
- इसकी स्थापना चार पत्रकारों ने 1985 में फ्रांस के मोंटपेलियर में की थी।
- आरएसएफ सूचना की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
- इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
- इसके लंदन, ब्रुसेल्स, ट्यूनिस, वाशिंगटन डीसी, रियो डी जनेरियो, डकार, ताइपे में 7 कार्यालय हैं।