
साइक्लोन बिपरजॉय एक कम दबाव का क्षेत्र है जो वर्तमान में दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बन रहा है। इसके अगले 48 घंटों में एक दबाव में बदलने की उम्मीद है और अगले 72 घंटों में चक्रवाती तूफान की तीव्रता तक पहुंच सकता है। चक्रवात का ट्रैक अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने की संभावना है। साइक्लोन बिपरजॉय इस मौसम में अरब सागर में बनने वाला पहला चक्रवात है। भारत में मानसून का मौसम आमतौर पर जून में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है।
साइक्लोन से भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है। गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में सबसे भारी बारिश होने की उम्मीद है। तेज हवाओं से बिजली गुल हो सकती है और संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है।
बिपरजॉय नाम बांग्लादेश द्वारा साइक्लोन को दिया गया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत नामों के अनुसार वर्णानुक्रम में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम देता है। बांग्लादेश ने बिपरजॉय नाम प्रस्तुत किया, जिसका अर्थ बंगाली में “खुशी” है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) साइक्लोन की बारीकी से निगरानी कर रहा है और आवश्यकतानुसार परामर्श जारी करेगा। तटीय क्षेत्रों के निवासियों को साइक्लोन से संभावित बाढ़ और अन्य प्रभावों के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।
साइक्लोन बिपरजॉय के कुछ संभावित प्रभाव यहां दिए गए हैं:
- भारी बारिश
- तेज हवाएं
- तूफान का प्रकोप
- बाढ़
- भूस्खलन
- बिजली गुल
- संचार बाधित
- संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान



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