
भारतीय गॉसरी स्टार्टअप Zepto ने 25 अगस्त 2023 को कहा कि उसने ताजा फंडिंग में 200 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। 1.4 बिलियन डॉलर के वैल्यूवेशन साथ यह स्टार्टअप इस साल देश का पहला यूनिकॉर्न बन गया है जिसने साल भर के अंदर यह मुकाम हासिल किया है। इसे लेकर Zepto ने कहा कि पूंजी बाजार में एक दशक से अधिक समय से चल रही मंदी के बावजूद भी उसने इतनी फंडिंग हासिल की है।
कंपनी के अनुसार, मौजूदा नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, ग्लेड ब्रुक कैपिटल सहित समर्थक और लैची ग्रूम ने भी सौदे में भाग लिया है। बता दें कि Zepto 10 मिनट में किराने का सामान आपके घर पहुंचाने का वादा करता है। इसे 2021 में दो 19-वर्षीय स्टैनफोर्ड ड्रॉपआउट्स छात्रों द्वारा शुरू किया गया था।
सबसे बड़ा कम्पटीशन
यह स्टार्टअप सॉफ्टबैंक से वित्त पोषित स्विगी और ब्लिंकिट को कंपीट करता है। इनमें सबसे बड़ा कम्पटीशन यही है कि कौन जल्दी डिलीवरी करने में सक्षम होगा। Zepto के सीईओ अदित पालिचा ने कहा कि कंपनी का सबसे तेज औसत डिलीवरी समय 13 मिनट है।
छोटे शहरों की ओर रुख करने की प्लानिंग
Zepto फिलहाल दिल्ली-एनसीआर समेत मुंबई और बेंगलुरू जैसे महानगरों में मौजूद है। इस फंडिंग के साथ वह देश के छोटे शहरों की ओर रुख करने की प्लानिंग कर रही है। Zepto हर महीने 50 से 60 मिलियन डॉलर की कमाई करता है।
पिछले साल मई में 200 मिलियन डॉलर
जेप्टो ने इससे पहले पिछले साल मई में 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। स्टार्टअप ने यह फंडिंग 900 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर हासिल की थी। बता दें कि जिस स्टार्टअप की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर यानी करीब 8200 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाती है, उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है। सीरिज ई राउंड का नेतृत्व अमेरिका की असेट मैनेजमेंट कंपनी स्टेपस्टोन ग्रुप ने किया।
फंडिंग के इस राउंड में गुड वाटर कैपिटल, नेक्सस, ग्लेड ब्रूक कैपिटल व लैची ग्रूम और कुछ वर्तमान निवेशक भी शामिल हुए। मोल्बियो डायग्नोस्टिक्स सितंबर 2022 में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाली आखिरी कंपनी थी। साल 2021 में देश को लगभग हर हफ्ते एक यूनिकॉर्न मिला। साल 2021 में 44 स्टार्टअप्स ने यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश किया था।
जेप्टो की स्थापना
अदित पालिचा और कैवल्य वोहरा ने साल 2021 में जेप्टो की स्थापना की थी। यह उस समय उन चुनिंदा कंपनियों में से एक थी, जो ‘10 मिनट डिलीवरी’ का प्लान बाजार में लेकर आई थीं। जेप्टो ने कंपनी ने अक्टूबर 2021 में $60 मिलियन जुटाए थे। कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन के बाद किराना डिलीवरी की मांग बढ़ने के बाद 2021 में क्विक किराना डिलीवरी कंपनी के बिजनेस ने खूब उछाल आया। भारतीय बाजार में जेप्टो का मुकाबला जोमैटो के स्वामित्व वाली ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट, रिलायंस द्वारा वित्त पोषित डूंजो और टाटा की बिगबास्केट से है।


ICC Men’s Player of Month: साइमन हार्मर ...
भारत और ब्राजील ने स्कॉर्पीन पनडुब्बियों...
Vijay Diwas 2025 : जानें 16 दिसंबर को क्...

