विश्व थैलेसीमिया दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को थैलेसीमिया पीड़ितों की याद में और इस बीमारी के साथ जीने के लिए संघर्ष करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। थैलेसीमिया एक विरासत में मिला रक्त विकार (Inherited blood disorder) है जो शरीर को पर्याप्त हीमोग्लोबिन बनाने नहीं देता है। रोग रक्त कोशिकाओं को कमज़ोर और नष्ट कर देता है।
थैलेसीमिया दो प्रकार के होते हैं, अल्फा और बीटा। हालाँकि इसे उपश्रेणियों में भी विभाजित किया गया है – थैलेसीमिया माइनर, इंटरमीडिएट और मेजर।
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विश्व थैलेसीमिया दिवस की थीम/विषय (The theme of World Thalassemia Day)
इस वर्ष के विश्व थैलेसीमिया दिवस की थीम/विषय ‘बी अवेयर, शेयर, केयर: थैलेसीमिया की ज़ानकारी में सुधार के लिए वैश्विक समुदाय के साथ काम करना (Be Aware.Share.Care: Working with the global community as one to improve thalassemia knowledge)’ है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का महत्व (Significance of World Thalassemia Day)
आज का दिन दुनिया भर में इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाकर कार्रवाई करने के लिए ओपन कॉल का प्रतीक है। यह रोग एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो माता-पिता से उनके बच्चों में स्थानांतरित हो जाता है। और इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में लाल रक्त कणिकाओं (Red blood cells) और हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) की मात्रा कम होती है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास (History of the World Thalassemia Day):
सन् 1994 में, थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (Thalassemia International Federation – TIF) ने 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के रूप में घोषित किया। इसी दिन टीआईएफ के अध्यक्ष और संस्थापक, पैनोस एंगलज़ोस ने अपने बेटे जॉर्ज और इस बीमारी से लड़ने वाले अन्य थैलेसीमिया रोगियों की प्रेमपूर्ण स्मृति (loving memory) में विश्व थैलेसीमिया दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए तय किया था।