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विश्व छात्र दिवस 2024: इतिहास, थीम और महत्व

विश्व छात्र दिवस (World Students Day) हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन (APJ Abdul Kalam Birth Anniversary) के अवसर पर मनाया जाता है। डॉ. कलाम को उनकी अद्वितीय सोच, छात्रों के प्रति समर्पण, और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। यह दिन छात्रों के प्रेरणास्त्रोत के रूप में समर्पित है और छात्रों के जीवन में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है।

विश्व छात्र दिवस 2024 थीम

विश्व छात्र दिवस को हर साल किसी विशेष थीम (Special Theme) के तहत मनाया जाता है। साल 2024 में इस दिवस की थीम ‘छात्रों के भविष्य के लिए समग्र शिक्षा’ है। इसका उद्देश्य शिक्षा को केवल शैक्षिक उपलब्धियों तक सीमित न रखकर, छात्रों के समग्र विकास पर जोर देना है।

विश्व छात्र दिवस का महत्व

विश्व छात्र दिवस उन सभी छात्रों को समर्पित है जो शिक्षा के माध्यम से अपने और समाज के भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। डॉ. कलाम ने हमेशा कहा था कि छात्र ही देश का भविष्य होते हैं, और उन्हें अच्छी शिक्षा और सही दिशा दिखाने की जिम्मेदारी समाज की होती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य छात्रों के बीच शिक्षा, रचनात्मकता, और नवाचार को बढ़ावा देना है।

छात्रों के भविष्य को माना सबसे महत्वपूर्ण

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जीवन और योगदान डॉ. कलाम का जीवन संघर्ष और उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने अपने जीवन में विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें भारत के मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाना प्रमुख है। लेकिन डॉ. कलाम ने हमेशा छात्रों के भविष्य को सबसे महत्वपूर्ण माना। उनका मानना था कि छात्र देश के भविष्य के निर्माता होते हैं और सही मार्गदर्शन और प्रेरणा से वे किसी भी क्षेत्र में महानता प्राप्त कर सकते हैं।

विकास के प्रति जागरूक

छात्रों के जीवन में शिक्षा का महत्त्व विश्व छात्र दिवस का उद्देश्य छात्रों को उनकी शिक्षा और व्यक्तिगत विकास के प्रति जागरूक करना है। यह दिन छात्रों को यह समझाने का प्रयास करता है कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। छात्रों को अच्छे नागरिक बनने, अपनी क्षमताओं को पहचानने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है।

विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरुआत

संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार वर्ष 2010 में भारत रत्न से सम्मानित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 79वीं जयंती को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई। उसके बाद से अब तक प्रतिवर्ष विश्व छात्र दिवस को 15 अक्तूबर को मनाया जाने लगा। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका, उनकी उपलब्धियां और छात्रों को दी गई प्रेरणा को इस दिन याद किया जाता है। उन्होंने मानना था कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं क्योंकि वे छात्रों को उनके संबंधित विषयों में कुशल बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कलाम ने अपना पूरा जीवन शिक्षा और छात्रों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

भारत के 11वें राष्ट्रपति

2002 से 2007 तक वे भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे और अपने कार्यकाल के दौरान वे विशेष रूप से छात्रों और युवाओं के प्रति अपने स्नेह और जुड़ाव के लिए प्रसिद्ध हुए। उनकी शिक्षाएं और प्रेरणादायक बातें आज भी लाखों छात्रों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई हैं।

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