20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। जबकि भारत का राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 29 जून को मनाया जाता है। विश्व के सामाजिक-आर्थिक विकास में आकड़ों के योगदान का जश्न मनाने के दिन के तौर पर विश्व सांख्यिकी दिवस को संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के मार्गदर्शन में मनाया जाता है। इसे हर पांच वर्ष में मनाया जाता है और पहली बार 20 अक्टूबर 2010 को मनाया गया था।
हर साल 20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस (World Statistics Day) मनाया जाता है। यह दिवस एक वैश्विक सहयोगात्मक कोशिश, जिसे संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के मार्गदर्शन में आयोजित भी किया जाता है। विश्व सांख्यिकी दिवस का मुख्य महत्व यह है कि आंकड़े चीजों को आसान और तेज बनाते हैं। साथ ही, यह आपके अतीत और वर्तमान स्थिति की स्पष्ट झलक देता है।
विश्व सांख्यिकी दिवस 2023 का थीम
हर साल सांख्यिकी दिवस समसामयिक का महत्व बदल जाता है। इस साल विश्व सांख्यिकी दिवस की थीम ‘सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राज्य संकेतक ढांचे को राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के साथ संरेखित करना’ (Alignment of State Indicator Framework with National Indicator Framework for Monitoring Sustainable Development Goals) है। ‘विश्व सांख्यिकी दिवस’ सांख्यिकी विषय के साथ पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं एवं इस क्षेत्र में पहले से काम कर रहे प्रोफेशनल के लिए विशेष है।
विश्व सांख्यिकी दिवस का इतिहास क्या है?
संयुक्त राष्ट्र संघ की आयोग ने साल 2010 में 20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था। महासभा ने जिसे 3 जून 2010 के संकल्प 64/267 को अपनाया था। जिसमें अधिकारिक तौर पर 20 अक्टूबर 2010 को अधिकारिक आंकड़ों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के तहत पहली बार विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित किया था। साल 2015 में संकल्प 96 / 282 के साथ महासभा ने 20 अक्टूबर 2015 को सामान्य विषय बेहतर डाटा बेहतर जीवन के तहत दूसरे विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित करने के साथ-साथ 20 अक्टूबर को हर 5 साल में वर्ल्ड स्टैटिक्स डे मनाने का फैसला लिया था।