वर्ल्ड सॉइल डे अर्थात विश्व मिट्टी दिवस प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को इटली के रोम में स्थित संयुक्त राष्ट्र (FAO) के खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा मनाया जाता है। इस वर्ष FAO ने मृदा प्रबंधन की बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए “स्टॉप सोइल एरोसन, सेव आवर फ्यूचर” अभियान का आवाह्न किया हैं जिसका उद्देश्य स्वस्थ पारिस्थितिकी प्रणालियों और मानव कल्याण को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस अभियान का मुख्य मकसद सभी लोगों को मिट्टी की महत्ता के प्रति जागरुक करना है ताकि वे इसके कटाव या क्षरण को रोक सकें।
द इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ सोइल साइंसेज (IUSS) ने 2002 में मिट्टी के प्राकृतिक प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक और मानव कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में मिट्टी के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस मनाने की सिफारिश की। जिसके बाद दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं महासभा की बैठक में पारित संकल्प के द्वारा 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का संकल्प लिया गया था।
स्रोत: संयुक्त राष्ट्र