विश्व कविता दिवस 2025, 21 मार्च को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है, ताकि कविता को एक सार्वभौमिक अभिव्यक्ति माध्यम के रूप में महत्व दिया जा सके। 1999 में यूनेस्को द्वारा स्थापित इस दिवस का उद्देश्य कविता के पठन, लेखन, प्रकाशन और शिक्षा को बढ़ावा देना है, साथ ही इसे सांस्कृतिक संरक्षण और शांति स्थापित करने के एक प्रभावशाली साधन के रूप में स्वीकार करना है।
परिचय
प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व कविता दिवस काव्यात्मक अभिव्यक्ति की शक्ति का उत्सव मनाता है, जो रचनात्मकता को प्रेरित करने, भावनाओं को व्यक्त करने और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने में सहायक होता है। 1999 में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त इस दिवस का उद्देश्य कविता के अध्ययन, लेखन, प्रकाशन और शिक्षण को बढ़ावा देना है, ताकि यह भाषाओं के संरक्षण और समुदायों को जोड़ने में अपनी भूमिका निभा सके। 2025 की थीम “शांति और समावेशन के लिए कविता का सेतु” है, जो सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने में कविता के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित करती है।
विश्व कविता दिवस की उत्पत्ति और उद्देश्य
यूनेस्को की मान्यता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यूनेस्को ने 1999 में अपनी 30वीं महासभा के दौरान 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में घोषित किया। यह निर्णय कविता की भाषाई और सांस्कृतिक धरोहर में भूमिका को उजागर करने के लिए लिया गया था। कविता सदियों से कहानी कहने और कलात्मक अभिव्यक्ति का एक प्रमुख माध्यम रही है, जिसने सभ्यताओं के बीच एक सेतु का कार्य किया है।
इतिहास में पहले 15 अक्टूबर, जो प्राचीन रोमन कवि वर्जिल का जन्मदिन था, को अनौपचारिक रूप से कविता दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त थी। हालांकि, यूनेस्को ने 21 मार्च को इस दिवस के रूप में अपनाया, ताकि वैश्विक स्तर पर काव्य रचनात्मकता और भाषाई विविधता को एकीकृत किया जा सके।
विश्व कविता दिवस के उद्देश्य
इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य हैं:
- कविता को एक साहित्यिक कला के रूप में प्रोत्साहित करना और नवोदित कवियों का समर्थन करना।
- मौखिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना और विविध काव्य अभिव्यक्तियों का सम्मान करना।
- विभिन्न भाषाओं में कविता के प्रकाशन और प्रसार को बढ़ावा देना।
- कविता को अधिक सुलभ बनाना, ताकि हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाज़ सुनी जा सके।
विश्व कविता दिवस 2025 की थीम
शांति और समावेशन को बढ़ावा देने में कविता की भूमिका
2025 की थीम “शांति और समावेशन के लिए कविता का सेतु” यह दर्शाती है कि कविता विभिन्न संस्कृतियों और सामाजिक पृष्ठभूमियों के बीच संवाद का माध्यम बन सकती है। यह लोगों को आपसी सम्मान और सांस्कृतिक एकता की भावना से जोड़ती है। इसके अलावा, यह हाशिए पर पड़े लोगों को अपनी बात रखने का अवसर देती है, जिससे वैश्विक संवाद में विविध दृष्टिकोणों को स्वीकार किया जाता है।
शिक्षा और सांस्कृतिक महत्व
इस थीम के अनुरूप, शिक्षण संस्थान, साहित्यिक समुदाय और सांस्कृतिक संगठन निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित करेंगे:
- काव्य पाठ और काव्यगायन, ताकि वैश्विक काव्य धरोहर का उत्सव मनाया जा सके।
- कार्यशालाएं और चर्चा सत्र, जिनमें कविता की संघर्ष समाधान और शांति स्थापना में भूमिका पर विचार-विमर्श होगा।
- कविताओं का प्रकाशन और अनुवाद, विशेष रूप से स्थानीय और अल्पज्ञात भाषाओं में, ताकि भाषाई विविधता को संरक्षित किया जा सके।
विश्व कविता दिवस न केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति का एक माध्यम है, बल्कि यह समाज में सह-अस्तित्व, विविधता और परस्पर संवाद को भी बढ़ावा देता है।
यूनेस्को की कविता को बढ़ावा देने की पहल
यूनेस्को साहित्यिक संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कविता के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करता है:
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साक्षरता संवर्धन
- कविता को पठन और लेखन कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है, जिससे साक्षरता को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित किया जा सके।
- दुनिया भर के स्कूल और विश्वविद्यालय कविता-आधारित शिक्षा को अपनाकर भाषा कौशल और आलोचनात्मक सोच को विकसित करने में मदद करते हैं।
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विश्व पुस्तक राजधानी पहल
- यूनेस्को वैश्विक शहरों को साहित्य को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है, जिससे वे कविता कार्यक्रमों और साहित्यिक उत्सवों का आयोजन कर सकें।
- इस पहल से कविता, साहित्य और वैश्विक कहानी कहने की परंपराओं के बीच संबंध मजबूत होते हैं।
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साहित्य के रचनात्मक शहर
- यह उन शहरों का नेटवर्क है जो अपनी सांस्कृतिक नीतियों में कविता और साहित्य को प्राथमिकता देते हैं।
- ये शहर कविता शिक्षा, पुस्तक प्रकाशन और साहित्य के प्रति सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं।
- इसके अलावा, यूनेस्को कविता के अनुवाद को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है, जिससे संकटग्रस्त भाषाओं के संरक्षण और भाषाई विविधता को सुनिश्चित किया जा सके।
विश्व कविता दिवस और सतत विकास लक्ष्य (SDGs)
विश्व कविता दिवस संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ मेल खाता है:
- SDG 4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा – कविता शिक्षा के माध्यम से साक्षरता और रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करता है।
- SDG 10: असमानता में कमी – हाशिए पर मौजूद समुदायों को आवाज़ देता है और स्वदेशी भाषाओं को संरक्षित करता है।
- SDG 16: शांति, न्याय और मजबूत संस्थान – कविता के माध्यम से संवाद, शांति निर्माण और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देता है।
विश्व कविता दिवस 2025 कैसे मनाएं?
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कविता पाठ और कार्यशालाओं का आयोजन
- समुदायों और शिक्षण संस्थानों में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कवियों को शामिल कर काव्य-पाठ आयोजित किए जा सकते हैं।
- स्कूलों में कविता लेखन कार्यशालाएँ आयोजित कर विद्यार्थियों को अपनी भावनाओं और विचारों को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने का अवसर दिया जा सकता है।
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कविता का प्रकाशन और अनुवाद
- प्रकाशकों और साहित्यिक संगठनों को कविता का कई भाषाओं में अनुवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिससे यह अधिक सुलभ बन सके।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कम प्रसिद्ध कवियों और क्षेत्रों की कविताएँ प्रकाशित की जा सकती हैं।
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सोशल मीडिया और डिजिटल कविता उत्सव
- #WorldPoetryDay2025 जैसे हैशटैग का उपयोग कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कविता साझा की जा सकती है।
- ऑनलाइन कविता प्रतियोगिताएँ और स्पोकन वर्ड परफॉर्मेंस आयोजित कर व्यापक दर्शकों को जोड़ा जा सकता है।
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कविता और सार्वजनिक स्थान
- सार्वजनिक पुस्तकालयों और संग्रहालयों में कविता प्रदर्शनियों के लिए स्थान समर्पित किया जा सकता है।
- शहरों में सड़क पर कविता प्रदर्शन (स्ट्रीट पोएट्री), काव्य-फ्लैश मॉब और सार्वजनिक स्थानों पर कविताओं का पाठ किया जा सकता है।
विश्व कविता दिवस 2025 कविता की शक्ति को पहचानने और इसे वैश्विक स्तर पर फैलाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
घटना | विश्व कविता दिवस 2025 |
तिथि | 21 मार्च 2025 |
घोषणा द्वारा | यूनेस्को (1999) |
थीम | “शांति और समावेशन के लिए पुल के रूप में कविता” |
उद्देश्य | कविता को सांस्कृतिक और कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में बढ़ावा देना, कविता पठन को प्रोत्साहित करना और भाषाई विविधता को संरक्षित करना |
महत्व | साक्षरता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शांति और संवाद को बढ़ावा देता है |
यूनेस्को की पहल | साक्षरता संवर्धन, विश्व पुस्तक राजधानी, साहित्य के रचनात्मक शहर |
एसडीजी संरेखण | SDG 4 (शिक्षा), SDG 10 (समानता), SDG 16 (शांति और न्याय) |