विश्व हिंदी दिवस, जिसे ‘विश्व हिंदी दिवस’ के नाम से जाना जाता है, हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी को विश्वभर में सबसे व्यापक रूप से बोले जाने वाली भाषाओं में से एक के रूप में प्रोत्साहित करना है। हिंदी न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह एक भावना है जो लाखों लोगों को जोड़ती है। इसके समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के साथ, हिंदी ने विभिन्न भाषाओं से शब्दों को अपनाकर स्वयं को और अधिक परिष्कृत और समझने योग्य बनाया है। मीडिया से लेकर समकालीन लेखकों तक, हिंदी ने अभिव्यक्ति की एक महत्वपूर्ण भाषा के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
विश्व हिंदी दिवस का वैश्विक उत्सव
विदेश मंत्रालय (MEA) यह सुनिश्चित करता है कि विश्व हिंदी दिवस को दुनियाभर में मनाया जाए। विभिन्न देशों में भारतीय दूतावास और सांस्कृतिक केंद्र सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषा कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ और चर्चाओं जैसे विविध कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य हिंदी की भाषायी और अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान में महत्ता को उजागर करना है।
विश्व हिंदी दिवस 2025 का विषय
इस वर्ष का विषय है “वैश्विक एकता और सांस्कृतिक गर्व की आवाज़ हिंदी।” यह हिंदी को वैश्विक एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में प्रचारित करने पर बल देता है।
हिंदी का आधिकारिक भाषा बनने का इतिहास
भारत, अपनी विशाल सांस्कृतिक और भाषायी विविधता के साथ, संविधान के प्रारूपण के दौरान एक ऐसी भाषा को चुनने की चुनौती का सामना कर रहा था, जो पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर सके। महात्मा गांधी समेत कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने की वकालत की।
14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारतीय गणराज्य की राजभाषा के रूप में अपनाया। हालांकि, भारतीय संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता नहीं देता। हिंदी समेत 21 अन्य भाषाओं को आधिकारिक दर्जा प्राप्त है।
हिंदी का सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व
हिंदी केवल एक भाषा नहीं है; यह लाखों भारतीयों की सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान को दर्शाती है। हिंदी में संस्कृत, उर्दू और अंग्रेज़ी जैसे भाषाओं से शब्दों को अपनाने की अनोखी क्षमता है, जिससे यह एक गतिशील और प्रगतिशील भाषा बन गई है।
हिंदी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- भाषायी जड़ें: हिंदी इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार से संबंधित है और संस्कृत की वंशज है।
- वैश्विक पहुंच: विश्व की लगभग 4.46% जनसंख्या हिंदी बोलती है, जिससे यह चीनी, स्पेनिश और अंग्रेज़ी के बाद चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
- संयुक्त राष्ट्र में मान्यता: हिंदी अभी तक संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा नहीं है, लेकिन भारत 2015 से इसके लिए सक्रिय रूप से अभियान चला रहा है।
- लेखन प्रणाली: हिंदी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और इसमें लगभग 16 उपभाषाएँ शामिल हैं जैसे अवधी, भोजपुरी, बुंदेली और खड़ीबोली।
- जनगणना आँकड़े: 2021 की भारतीय जनगणना में 197,000 से अधिक हिंदी बोलने वाले दर्ज किए गए, जो 2016 से एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाते हैं।
विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व हिंदी दिवस हिंदी भाषा के सांस्कृतिक और वैश्विक महत्व का सम्मान करता है। यह इसके विश्वव्यापी उपयोग को प्रोत्साहित करता है और भाषा के प्रति एक जुनून पैदा करता है। इस अवसर का उद्देश्य:
- हिंदी वक्ताओं के योगदान को उजागर करना।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना।
- अंतरराष्ट्रीय भाषायी आदान-प्रदान में हिंदी के समावेशन को बढ़ावा देना।
श्रेणी | विवरण |
क्यों खबरों में? | विश्व हिंदी दिवस, जिसे विश्व हिंदी दिवस भी कहा जाता है, हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, ताकि हिंदी को विश्व की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक के रूप में प्रोत्साहित किया जा सके। |
2025 का विषय | “वैश्विक एकता और सांस्कृतिक गर्व की आवाज़ हिंदी”, जो हिंदी की भूमिका को वैश्विक एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में रेखांकित करता है। |
वैश्विक उत्सव | – विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा आयोजित। – विश्वभर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषा कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ और चर्चाओं का आयोजन। |
राजभाषा के रूप में हिंदी का इतिहास | – 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया गया। – राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा ने इसे प्रस्तावित किया। – बयोहर राजेंद्र सिम्हा ने इसके अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। |
सांस्कृतिक महत्व | – हिंदी सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान का प्रतीक है। – इसमें संस्कृत, उर्दू और अंग्रेजी के शब्दों को समाहित करने की क्षमता है। – विविध समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देती है। |
हिंदी से जुड़े मुख्य तथ्य | – भाषायी जड़ें: इंडो-यूरोपीय परिवार, संस्कृत से विकसित। – वैश्विक पहुंच: विश्व की 4.46% जनसंख्या हिंदी बोलती है। – संयुक्त राष्ट्र में मान्यता: अभी तक आधिकारिक भाषा नहीं, 2015 से भारत प्रयासरत। – लेखन प्रणाली: देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। – जनगणना आँकड़े: 2021 में 197,000 से अधिक हिंदी वक्ता (भारतीय जनगणना)। – उपभाषाएँ: अवधी, भोजपुरी, बुंदेली और खड़ीबोली शामिल हैं। |
उत्सव का उद्देश्य | – हिंदी के सांस्कृतिक और वैश्विक महत्व का सम्मान। – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके उपयोग को बढ़ावा देना। – हिंदी वक्ताओं के योगदान को उजागर करना। – हिंदी को बढ़ावा देने में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना। – अंतरराष्ट्रीय भाषायी आदान-प्रदान में हिंदी के समावेशन को प्रोत्साहित करना। |