हर वर्ष 2 दिसंबर को विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस (World Computer Literacy Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य डिजिटल शिक्षा, तकनीकी जागरूकता और कंप्यूटर कौशल तक समान पहुँच को बढ़ावा देना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि तेजी से डिजिटल हो रही दुनिया में डिजिटल विभाजन (Digital Divide) को पाटना समावेशी विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
वैश्विक स्तर पर मनाया जाने वाला यह दिवस आर्थिक विकास, संचार, शिक्षा, रोजगार तथा नवाचार में कंप्यूटरों की परिवर्तनकारी भूमिका को भी रेखांकित करता है।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस की उत्पत्ति
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस की शुरुआत वर्ष 2001 में NIIT लिमिटेड द्वारा की गई थी। NIIT एक भारतीय बहुराष्ट्रीय संगठन है जो शिक्षण और कौशल विकास में विशेषज्ञता रखता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करना तथा तकनीक तक उनकी पहुँच बढ़ाना था।
समय के साथ इसका विस्तार होता गया, और NIIT के प्रयासों से यह दिवस 30 से अधिक देशों तक पहुँच चुका है। इसने दुनिया भर की सरकारों, संस्थानों और संगठनों को डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया है।
2025 में यह दिवस क्यों महत्वपूर्ण है
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डिजिटल बैंकिंग, ऑनलाइन सेवाओं, शिक्षा पोर्टल्स और रिमोट वर्क पर बढ़ती निर्भरता के साथ, कंप्यूटर कौशल अनिवार्य हो गए हैं। यह दिवस निम्न बिंदुओं को उजागर करता है:
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डिजिटल समावेशन की तात्कालिक आवश्यकता
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वंचित समुदायों को तकनीकी ज्ञान से सशक्त करने की जरूरत
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सामाजिक प्रगति के लिए तकनीकी सशक्तिकरण का महत्व
यह यह भी स्वीकार करता है कि कंप्यूटर साक्षरता आर्थिक विकास, करियर अवसरों और वैश्विक संपर्क को बढ़ावा देती है।
इस दिवस को कैसे मनाएँ
लोग और संस्थाएँ इस दिन को विभिन्न तरीकों से मनाते हैं, जैसे:
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कार्यशालाएँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना
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डिजिटल शिक्षा से जुड़ी चैरिटीज़ का समर्थन करना
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छात्रों, बुजुर्गों या पहली बार कंप्यूटर सीखने वाले लोगों को प्रशिक्षण देना
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ऑनलाइन सुरक्षा और जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार से जुड़े अभियान चलाना
इन प्रयासों से यह संदेश मजबूत होता है कि सामूहिक प्रयास एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।
कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत?
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत N.I.I.T की 20वीं वर्षगांठ पर 2 दिसंबर 2001 को हुई थी। इस दिन संसद के सदस्यों को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने कंप्यूटर की शिक्षा दी गई थी। इसका उद्देश्य सभी तक कंप्यूटर साक्षरता पहुंचाना है।


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