हर साल अगस्त के पहले सप्ताह को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। यह एक वैश्विक अभियान है जिसका उद्देश्य स्तनपान के स्वास्थ्य लाभों के प्रति जागरूकता फैलाना और इस महत्वपूर्ण चरण के दौरान माताओं को आवश्यक समर्थन प्रदान करने की आवश्यकता को उजागर करना है। हालाँकि स्तनपान शिशु को पोषण देने का सबसे प्राकृतिक तरीका है, फिर भी कई माताओं को इससे जुड़ी गलत जानकारी, सांस्कृतिक प्रतिबंधों, सामाजिक कलंक और कार्यस्थलों पर पर्याप्त सुविधाओं की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 को 1 से 7 अगस्त तक “स्तनपान को प्राथमिकता दें: टिकाऊ सहायता प्रणाली बनाएं” थीम के तहत मनाया जा रहा है। यह थीम यह दर्शाती है कि माताओं और शिशुओं को स्तनपान के संपूर्ण लाभ दिलाने के लिए मजबूत और दीर्घकालिक समर्थन तंत्र विकसित करना बेहद आवश्यक है।
विश्व स्तनपान सप्ताह का इतिहास
विश्व स्तनपान सप्ताह की शुरुआत सबसे पहले 1992 में वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) के सहयोग से की थी। इस सप्ताह को शुरू करने का उद्देश्य 1990 की इनोचेंटी घोषणा की स्मृति को चिह्नित करना था, जो स्तनपान को संरक्षण, प्रोत्साहन और समर्थन देने के लिए सरकारों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा किया गया एक ऐतिहासिक वैश्विक संकल्प था।
इसकी शुरुआत के बाद से, यह सप्ताह एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, जिसे 120 से अधिक देशों में मनाया जाता है। हर वर्ष एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है, जिसका उद्देश्य स्तनपान से जुड़ी मौजूदा चुनौतियों को उजागर करना और नीतिगत बदलावों, अस्पतालों में सुधार, कार्यस्थल की सुविधाओं और जन-जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना होता है।
इस सप्ताह का मूल संदेश यह है कि स्तनपान केवल मां की व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक सामाजिक दायित्व है, जिसमें परिवार, कार्यस्थल, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और पूरे समुदाय की भूमिका अहम होती है।
स्तनपान का महत्व
स्तनपान का महत्व बच्चे और मां दोनों के लिए अद्वितीय है। शिशु के लिए, मां का दूध एक संपूर्ण आहार होता है। इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व, विटामिन और मिनरल सही मात्रा में मौजूद होते हैं। यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वह संक्रमण, एलर्जी और अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहता है। मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडीज बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 थीम
‘विश्व स्तनपान सप्ताह 2025’ का थीम है “स्तनपान को प्राथमिकता दें: स्थायी सहायता प्रणालियों का निर्माण करें” (Prioritise Breastfeeding: Create Sustainable Support Systems)। यह थीम इस बात पर केंद्रित है कि स्तनपान को सफल बनाने के लिए केवल व्यक्तिगत प्रयासों से काम नहीं चलेगा, बल्कि मां को परिवार, स्वास्थ्य सेवाओं, कार्यस्थलों और समुदाय से एक स्थायी और लगातार सहायता प्रणाली मिलनी चाहिए।
‘प्राथमिकता’ देने का अर्थ है कि समाज के सभी स्तरों पर स्तनपान को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में देखा जाए। वहीं, ‘स्थायी सहायता प्रणालियों का निर्माण’ करना इस बात पर जोर देता है कि ऐसी प्रणालियां बनाई जाएं जो केवल कुछ समय के लिए नहीं, बल्कि हमेशा उपलब्ध रहें, ताकि हर मां को जरूरत पड़ने पर सही समय पर मदद मिल सके।
क्यों मनाया जाता है ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’?
‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ मनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। इसका मुख्य उद्देश्य स्तनपान के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है, स्तनपान से संबंधित लोगों के बीच की भ्रांतियों को दूर करना है। यह सप्ताह माताओं और परिवारों को स्तनपान के बारे में सही जानकारी प्रदान करता है, ताकि वे दूध के विकल्पों (जैसे फॉर्मूला मिल्क) के भ्रामक विज्ञापनों से प्रभावित न हों।


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